Shyambabu And SeX - 35 in Hindi Drama by Swati books and stories PDF | Shyambabu And SeX - 35

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Shyambabu And SeX - 35

35

किस्मत

 

 

अगले दिन रविवार को श्याम  और बबलू स्टेडियम में  सैर कर रहें हैंI उसने देखा कि गायत्री भी सुजाता के साथ वहीं घूम रहीं  हैं৷ जैसे ही दोनों की नज़रें मिली,  उसने नज़रें फेर लीं৷ श्याम ने बबलू को बताया कि  गायत्री ने उसका नंबर  ब्लॉक कर दिया हैं৷ “चल यार, थोड़ी देर बैठते हैं৷” “तू बड़ी जल्दी थक जाता है৷” पतला होकर करना भी क्या है? अब तो मेरी शादी भी हो चुकी है” “तू नहीं सुधर सकता৷”  “हाँ, क्या कह रहा था तू,  क्यों तुम्हारी लड़ाई हुई है, क्या?” “ नहीं !! फेस्ट के बाद से बोल  नहीं रही৷” “तूने उस दिन फेस्ट से लौटते वक्त उसे लिफ्ट नहीं दी,  इसलिए हो सकता है कि  उसे बुरा लग गया हो৷” “यह क्या बात हुई৷ तू भी तो घर ही जा रहा था और ज्योति भी तो मेरी दोस्त है৷” उसने सफाई दीं৷ “हो सकता है, गायत्री तुझे पसंद करती हो?”  बबलू ने श्याम की आँखों में  झाँका৷ “नहीं यार !!! वो कहा,  मैं कहा৷”

“तुम दोनों एक ही धुरी पर हो,  वैसे तूने उस पर क्यों नहीं ट्राय किया৷” “वो हमारी दोस्त है,” श्याम बोला৷ “बात सिर्फ दोस्ती की है या तुझे उसकी बॉडी देखकर लगा कि इसके बस की भी कुछ नहीं है৷”  बकवास बंद कर !! बबलू तो अपना फ़ोन देखने लगा,  मगर श्याम गायत्री को देखकर सोच रहा है,  ‘क्या बबलू ठीक कह रहा है৷ मुझे गायत्री में  कभी कोई रुचि पैदा  क्यों नहीं हुई৷ ज्योति तो स्कूल के बाद ग़ायब हो गई  थीं,  मगर गायत्री तो थीं,  फिर मैंने उसे कभी अप्प्रोच क्यों नहीं किया৷’

 

अब उसे वो दिन आया,  जब स्कूल में ट्रुथ और डेयर खेलते समय उसकी सहेलियों ने उससे  पूछा था कि  वह श्याम को पसंद करती है? तो उसने हाँ में  सिर हिला दिया था৷ यह सुनकर उसके दोस्तों ने उसका मज़ाक बनाया था, “यार !! तेरे कितने  बुरे दिन आ गए हैं, जो गायत्री तुझे पसंद करती है৷” उसे भी गायत्री का यह कहना अच्छा नहीं लगा था ৷ तब उसके मन में भी यही था कि मुझे भी कोई आम चाहिए,  लीची नहीं৷ मगर आज उसके वही दोस्त गायत्री के प्रोफेसर बनने पर उसकी तारीफ करते नहीं थकते৷ उसका खुद का एक ब्लॉग है৷ वह अपने कॉलेज की  प्रोफेसर कमेटी  की स्पीकर है৷

 

उसने ज़िन्दगी में  इतना कुछ हासिल कर लिया,  मगर समाज उसमें अब भी कमियाँ ढूंढ रहा है और मैं भी उसी समाज में  आता हूँ৷ उसे अपनी सोच पर ग्लानि होने लगी৷ ‘मैं गायत्री के लिए खुश हूँ कि उसे विकास जैसा जीवन साथी मिला৷’ तभी उसे तान्या का मैसेज आया,  “गुडमॉर्निंग जान !!!” बबलू ने उसे छेड़ते हुए कहा,  “आज तो मेरे भाई की लॉटरी लगने वाली है৷” अब वह उसके गले लग गया तो श्याम मुस्कुराते हुए सोचने लगा, ‘आज मैं अपने लिए भी बहुत खुश हूँ कि मेरी ज़िन्दगी में तान्या जैसी लड़की  आई৷’ आज उसे शाम का बेसब्री से इंतज़ार है৷

 

घड़ी में  पाँच बजते ही उसने तैयार होना शुरू किया৷ ब्लू जीन्स के साथ ब्लैक शर्ट पहनी৷ ढेर सारा  परफ्यूम लगाया,  नाइक के शूज पहने৷ राडो की घड़ी उसके हाथ में चमक रही है और आँखों पर लेंसकार्ट के ग्लासेज लगाए,  वह बेहद हैंडसम लग रहा है৷ अम्मा ने उसे देखा तो उसकी नमक लेकर नज़र उतारने लगी,  उसने अम्मा को पीछे धकेला और रात को देर से आने का कहकर घर से निकल गया৷

 

गली में अपनी गाड़ी में बैठते समय उसे पड़ोस की लड़कियों ने देखा तो मुस्कुराने लगी৷ आज  वह कोई यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर नहीं,  बल्कि एक कॉलेज बॉय लग रहा है৷ उसने खुद को गाड़ी के शीशे में  देखा और फिर गाड़ी एक फूलवाले के पास लाकर रोक दीं৷ उससे गुलाब के फूलों का गुलदस्ता लिया, तान्या के लिए खरीदे ब्रास्लेट को एक बार दोबारा देखा,   फिर  उसने  चॉकलेट का डिब्बा भी एक जनरल स्टोर से ले लिया৷ अब कुछ ही देर में वह तान्या के बताए पते पर पहुँच गया৷

 

उसका घर ग़ाज़ियाबाद से थोड़ी दूर है और वह इलाक़ा अभी बस रहा है इसलिए ज़्यादा मकान भी दिखाई नहीं दे रहें৷ उसने धड़कते दिल से दरवाजे के पास लगी घंटी बजाई,  ‘आज मेरी सोई किस्मत का दरवाजा भी खुलने वाला है৷’ उसने मन ही मन मुस्कुराते हुए कहा৷