अपने तक आपने पढ़ा था........
युवराज - मेज पर रखे इन्वल्प को देख रहा था... जो यूज़ अपनी तरफ अट्रैक्ट कर रहा था... नहीं हम नहीं देखेंगे... हम शादी नहक करेगी लेकिन ये बात भी सही है जैसे हमारा बचपन गुजरा है बिन माँ के वैसे हम शौर्य का नहीं चाहते लेकिन क्या ये उससे सौतेला व्यहार तो नहीं करेगी अगर ऐसा हुआ तो इस बार जिन्दा दफना देंगे... जैसे उसका किए थे......! {लाल आँखो से }
अब आगे......
हरिद्वार.....
वैशाली कैफे आकर सबसे आई और तो मैनेजर जो आ रही थी {हाथ में फोन लिए} वैशाली गुडमॉर्निंग..
वैशाली गुडमॉर्निंग मेम अगर हमें लेट हुआ हो तो सॉरी...
मैनेजर - कोई बात नहीं हो जाता कभी कल में समझ सकती हूँ
अब जाकर फास्टक्लास कॉफी बना दो ना...
वैशाली बेग काउंटर पर रख कॉफी मशीन में सबसे पहले एक कप में कॉफी पाउडर और चीनी डालकर अच्छी तरह से फेंटती है फिर उसमें थोड़ा सा गर्म दूध डालकर फिर से फेंटती है - पेस्ट के पूरा स्मूद होने तक फेंटती रही . - जब झाग बनने लगे तब इसे फेंटना बंद करी।
वो कॉफी का ट्रे में रख मैनेजर के पास आई और देते हुए मेम कॉफी...
मैनेजर कॉफी मग हाथ में लेकर टेस्ट करके वाव वैशाली तुम्हारे हाथ की कॉफी से दिन बन जाता है.... मैडिटेशन की जरूरत नहीं होता....
वैशाली - थैंक्यू मेम... आप एन्जॉय करे हम गेस्ट को देखते है.....
ज्यादा तर स्टूडेंट थे क्यों की केफेटेरिया था वो कॉलेज के मेन गेट के सामने था जिससे बेनिफिट मिलता था.....
दोपहर तक तो सीट नहीं मिलते थे बैठने के लिए....
उन सब वैशाली और खुशी मैनेज़ करती थी जो कॉलेज टाइम से ही यहां पार्टटाइम जॉब करती थी.... और अब तक कर रही है....
खुशी - {किचेन के सेल्फ पर हाथ रखकर }हमने सुना है लड़का देखा गया है?. क्या सही सुना है?.
वैशाली - {ये सुन नर्वस हो गईं }
खुशी - अरे नर्वस ना हो हम जानते है इन सब से तू दूर भागती है... क्या तुझे पसंद है करता क्या है?.
वैशाली {नॉर्मल होकर } बावजी ने देखा है और हम उनके डिसीजन को नकारेगे नही वो हमसे बेहतर हमारा बुरा खुशी देखते है... इसलिए हमारी हाँ है.... हमने पूछा नहीं की वो करते क्या है?. और उनका नाम क्या है?. हमने अभी तो फोटो नहीं देखा है.... दरहशल हमें शर्म आ रही है?. तुम तो जानती इन सब फिलिंग को हम समझ नहीं पाते है...
खुशी - तू तो अमेजिंग है shadi हो रहा और तुझे कुछ नहीं पता है?. अरे तू उसके साथ जीवन बिताने वाली है... उसकी इनफार्मेशन तो पटा होना चाहिए है.... अगर हम होते तो फेस तो फेस बात करते फिर हाँ करते आखिर हमारा फ्यूचर डिपेंड है...
वैशाली - तुम्हारी बात सही है लेकिन हमारे लकीर में ये होंगे तो कुछ गलत नहीं होगा?. हम सब से भाग सकते है लेकिन होने वाले तकदीर से पीछा नहीं छोड़ा सकते है..!अब काम कर बाते बाद में...!
खुशी अगर तेरी खुशी इसमें है तो हमे कोई ऑब्जेक्शन नहीं है.. बल्कि ख़ुश हूँ।।।
मुंबई.....
हमें मंजूर है शादी की अरेजेमेन्ट जल्दी करो इसी हप्ते में....
सुहानी - युवराज भाई इनता सब कुछ है और अरेंजमेंट कैसे होगा वो साधरण परिवार है...
युवराज - सुहानी तुम टेंशन ना लो सारा अरेजमेंट वेडिंगप्लानर देख लेगा....
ऋषभ - सुहानी हमें टेशन जिस बात के लिए था वो नहीं त्यारी का क्या?. वो सब हो जाएगा....
पैसे फेको तमाशा देखो.... सुहानी लेकिन तभी भी सारा रस्म होना चाहिए...
युवराज - हम ऑफिस जा रहे है... ये कहकर टाइम देखते हुए जा रहा था की रुक गया..... पा... पा.... {रोने की आवाज }
वो पलट कर देखा तो केयरटेकर के गोद में शौर्य था जो उसके तरफ हाथ किए रो रहा था....
युवराज - पास आकर केयरटेकर से लिया और सीने से लगा लिया..
तो एकदम से शौर्य चुप हो गया... युवराज ने शर्द लहजे से... हम शौर्य को लेकर जा रहे है
युवराज - मेंशन से निकल गया सामने बॉडीगार्ड ने कार का गेट खोला तो वो उसे लिए बैठ गया।।
गाड़ी बड़े से बिल्डिंग के सामने आकर कार रुका... युवराज शौर्य के लिए ऑफिस में... चला गया
रिसेप्शनिस्ट ने देखा तो थूक निकलते हुए सर झुका ली और ग्रिट करी....
असिस्टेट आकर युवराज के सामने आकर ऑफटर नून विष किया और सेडुल बताने लगा... युवराज तेजी कदमो के साथ लिफ्ट की और जा रहा था और असिस्टेट पीछे पीछे....
शौर्य शांति से सब कुछ टुकुर टुकुर देख rha था
एम्प्लॉय काम कम शौर्य को निहार ज्यादा रहे थे उसके क्यूटनेस को....
असिस्टेट ने फ़ॉलर का बटन क्लिक किया....
तोड़ी देर में युवराज केबीन में बैठा फ़ाइल देख रहा था
शौर्य कारपेट रहा बैठा खिलोनो से खेल रहा था। जिसे बीच बीच में युवराज देख रहा था....
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शाम को....
वैशाली - शाम तक घर चली गईं और सबसे पहले आकर हाथ मुँह धोकर कपड़े चेंज करी और मंदिर में दिया जलाकर किचन में जाकर खाना बनाने लगी....
तोड़ी देर में बावजी भी आकर सोफे पर बैठ कर आवाज दिए... वैशाली...
वैशाली करछी को प्लेट पर रखकर पतिले में पानी हल्का कुनकुन करी और पानी को गिलास में डालकर किचन से हॉल में आकर जी बावजी....
बावजी सॉल को कंधे से हटा कर बेटा ये मिठाई है कल लड़के वाले आने वाले है तो फ्रिज में रख दो....{पानी पीते हुए }
वैशाली - मिठाई का बॉक्स लेकर चली गईं फ्रिज में रखने।।
बावजी पेन कॉपी लेकर शादी में लगने वाले समान की रसीद लिखने लगे.....
तभी फोन बजने लगा.... {सजा दो घर तो गुलशन सा }रिंगटोन था.....
बावजी जिनका' नाम नीलेश शर्मा था 'वो फोन पर फ्लेस होते नाम को देख' चिंतित में ' ऋषभ बेटा का कॉल इसलिए समय?. उठाते है जरूर कोई काम होगा?.
फोन उठाकर कान से लगाकर जी बेटा कैसे कॉल किया?.
ऋषभ - अंकल नमस्ते....हमने ये कहने के लिए कॉल किया है की शादी इसी हप्ते में हो?. वो दरहशल हमने पंडित जी को युवराज का कुंडली दिखाया है जिससे वो कहे है की शादी जल्द हो नहीं तो एक साल बाद का मुहर्त है..!आप तो जानते है शौर्य जो माँ की जरूरत है.... उसकी आँखे माँ ढूढ़ता है हम चाहे ये युवराज जितना प्यार दे लेकिन माँ की कमी को हम भर नहीं सकते है...…
नीलेश - बेटा आपने सोचा सही है,, लेकिन त्यारी कैसे होगा?.
ऋषभ - आप उसकी फ़िक्र ना करे हम सब कर लेगे आप बस अपनी बेटी दे... हंसी खुशी.... और " वैशाली को आपने इतने सालो से छुपाकर उस शहर में रखा है" अगर उन्हें पता चला तो उसकी जान को खतरा है इसलिए अगर कोई उसे बचा सकता है तो वो युवराज...
नीलेश के चेहरे का हावभाव बदल गया..'वो डरते हुए 'हम कभी पता चलने नहीं देंगे हमने अपना परिवार खोया है अपना कहने में सिर्फ हमारी वैशाली है .....
ऋषभ - अंकल आप टेशन ना ले.. वैशाली को हम प्रोटेक्ट करेगे... उसका सया तक नहीं आने देंगे....
कल हम पहुंच रहे है.... दुल्हनिया लेने.... वैसे पर्सनल बात पूछे?.
नीलेश - क्या वैशाली को सच में कोई हर्ज नहीं है की युवराज का बेटा है?.
नीलेश नहीं बेटा वो उसी के लिए मानी है हमारी बेटी को पता है बिन माँ के बचपन गुजरना कैसा होता है?.
हमें कुछ भी एक्सप्लेन करने की जरूरत नहीं पड़ा, वो समझदार है वो कर लेगी
ऋषभ थैंक्यू अंकल सिचुएशन को समझा... चलिए कल मिलते है रखते है।
नीलेश- खैरियत से आए.... फोन रखा और बोला वैशाली कल वो आ रहे है तुम कैफे में बता दो की अब तुम वहाँ काम नहीं कर पाउंगी वो इसी हप्ते में शादी करना चाहते है।
वैशाली -{ये सुन नर्वस हो गईं और सेड भी की वो अपने बावजी के साथ तोड़ा ही दिन सेवा कर पाएगी }वो आकर नीलेश के सीने से लग भरी आँखो से आप ख़ुश है?.
नीलेश बाल पर हाथ रख सौभग्य है की में इन्ही होथों से कन्यादान दुगा जिन हाथो से बड़ा किया है....
वैशाली हम नहीं कहेगे की जल्दी किस बात की है क्यों की आप पर भरोशा है....
नीलेश मेरी प्यारी बेटी कभी इतराज नहीं किया हमारे डिसीजन से हमें गर्व होता है आप को देख... "बिल्कुल तुम पर गईं है विशा"{ मन में }
वैशाली आंसू को दुप्पटे से पोछ अब चलिए फ्रेश हो जाए हम खाना परोस देते है....
नीलेश हम जाते है....
कमरे में.....
नीलेश - वैशाली हमें माफ करना बेटा चाह कर भी सच नहीं बता पा रहे है ये होंठ कहना चाहते है लेकिन फिर से वो सब होगा... हम विशा की जान तो नहीं बचा पाए लेकिन तुम्हे बचाएगे..... चाहे इसलिए हमें तुम्हे गैगस्टर से शादी क्यों ना करना पड़े.. रिवेज एक्सप्रेशन लिए हुए अपने आप को मिरर में देख रहा था
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