अगर सफलता चाहते हैं तो इन १२ स…. पर काम कर लेना. दोस्तों नमस्कार, जब भी हम सफलता की बात करते हैं जो चीज सबसे पहले हमारे ज़हन में आती हैं वो हैं सकारात्मक सोच, इसी सोच के साथ मेहनत करते हैं कुछ समय बाद ऐसा लगने लगता हैं सफलता की ओर अग्रसर हो रहें हैं,अगर आप सफलता चाहते हैं तो इन “१२”स…. पर काम करना होगा १. सकारात्मक सोच २.सपनें ३.संघर्ष ४.संयम ५.समर्पण ६.सहनशीलता ७.साहस ८.संतुलन ९. सही संगत १०.सीखते रहना( लगातार). ११.सीचतें रहना (अपने आपको) १२.सही समय पर सही कदम. और बताता चलता हूँ जिसके अंदर काम, क्रोध,मोह,ईर्ष्या,तनाव व अकेलापन हैं वो कभी भी सफल नहीं होते और वो जो व्यक्ति किसी की भी सफलता पर खुश नहीं होता वो ज़िंदगी में कभी भी सफल नहीं होता. लेखक परिचय:पीयूष कुमार गोयल(दादरीवाला),जिनका जन्म 10 फरवरी,1967 को कुंभ राशि में हुआ था,एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं, डॉ. देवेन्द्र कुमार गोयल और रविकांत के बड़े बेटे हैं।वह डिप्लोमा मैकेनिकल इंजीनियरिंग,डिप्लोमा इन मटेरियल मैनेजमेंट,डिप्लोमा इन वास्तु शास्त्र और डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट हैं। रचनात्मक,ईश्वर में विश्वास,प्रेम और मित्रता में विश्वास।
पीयूष गोयल”दादरीवाला”ने मिरर इमेज में भगवत गीता लिखी है।ऐसा अनोखा तरीका अपनाने के लिए उन्हें किससे प्रेरणा मिली? उनका कहना है कि साल 2000 में एक हादसे ने उनकी जिंदगी बदल दी.2003 में श्रीमद्भगवद्गीता पर एक कथा का आयोजन हुआ था,वे प्रतिदिन दो बार जाते थे,अंतिम दिन शाम को उनके मन में एक विचार आया,”क्यों न मैं श्रीमद्भगवद्गीता को दर्पण छवि में लिखना शुरू करूँ?",फिर उन्होंने हिंदी में लिखना शुरू किया।हिंदी में पूरा करने के बाद उन्होंने इसे अंग्रेजी में भी लिखना शुरू किया (सभी 18 अध्याय, 700 छंद।)
पीयूष कहते हैं,”यह मिरर इमेज में लिखी गई दुनिया की पहली भगवत गीता हैं”मैंने यह महाकाव्य अपनी हस्तलिपि से दो भाषाओं हिंदी और अंग्रेजी में लिखा।सभी 18 अध्यायों और 700 छंदों को दर्पण के सामने पढ़ा जा सकता है।यह उपलब्धि निश्चित रूप से उस व्यक्ति की इच्छा शक्ति को दर्शाती है जिसने पढ़ने योग्य हर चीज़ को दर्पण के सामने रख दिया।वह कहते हैं,बचपन से ही मुझे शीशे के सामने हर चीज़ की नकल करने की तीव्र इच्छा थी।हालाँकि मैं इस असामान्य कला को हासिल करने के बारे में निश्चित नहीं था, फिर भी मैंने यह कर दिखाया।उन्होंने याद किया कि कैसे एक दुर्घटना ने उनकी जिंदगी बदल दी थी।वर्ष 2000 में मैं एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गया और काफी समय तक बिस्तर पर पड़ा रहा।वह बताते हैं,उस समय मैंने यह कला विकसित कर ली थी।पीयूष गोयल को अब "मिरर इमेज मैन" के नाम से जाना जाता है।
उनके पास पेन,सुई,मेहंदी कोन,लोहे की कील,कपड़े,कोन लाइनर,कार्बन पेपर, लकड़ी के पेन और स्याही के साथ हस्तलिखित मिरर इमेज पुस्तकें हैं।
2003 से 2022 तक पीयूष गोयल ने 17 आध्यात्मिक और विश्व प्रसिद्धि पुस्तकें अपने हाथों से मिरर इमेज में अलग-अलग तरीकों से पूरी की हैं। क्या आपने पहले सुना था कोई व्यक्ति सुई से , मेहंदी कोन से, कार्बन पेपर से, Iron nail से,correction पेन से , Wooden pen se magic sheet par etc. से किताब लिख सकता हैं तो आप गर्व से कह सकते हैं एक भारतीय ने ये काम कर दिया हैं ( १७ पुस्तकें हाथ से लिखना)- ज़रूर सर्च करे पढ़े और शेयर करे