Devil Ceo Ki Mohabbat - 8 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 8

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 8

अब आगे,

जानवी ने कुछ देर तक आराध्या को अपने गले से लगाए रखा और फिर अपनी आंखो की नमी पहुंचते हुए आराध्या को उस गार्डन की बेंच पर बैठाते हुए कहती हैं, " अब क्या तुम पूरे दिन उस राघव की बातो पर रोते हुए निकल देगी...!"

जानवी की बात सुन, आराध्या उस से मासूमियत के साथ कहती हैं, " चल उनकी बातो से उदास हो मेरी जूती ! और मुझे कोई फर्क नही पड़ता है उनकी बातो से और वो खुद को समझते क्या है, उनकी बाते सुन मै उदास होंगी और वो मुझे बार बार रिलेशनशिप मे आने के लिए मजबूर करेंगे तो क्या मै उन की बात मान लूंगी, नही बिलकुल भी नही मै कभी भी उनके साथ रिलेशनशिप मे नही जाऊंगी...!"

आराध्या की बात सुन, जानवी के चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती हैं और वो, उस के गाल को खींचते हुए उस से प्यार से कहती है, " शाबाश ये हुई ना मेरी अरु वाली बात तो चल अब लेक्चर अटेंड करने चलते हैं नही तो ये वाला लेक्चर भी मिस हो जाएगा..!"

जानवी की बात सुन, आराध्या एक अजीब सा चेहरा बना लेती है क्योंकि आराध्या को लेक्चर अटेंड करना बिलकुल भी पसंद नही है और उस के हिसाब से लेक्चर बहुत बोरिंग होते हैं।

आराध्या, जानवी के कहने पर लेक्चर लेने तो जाती थी पर लेक्चर लेने के बजाए वही डेस्क पर हेड डाउन करके सो जाती थी। और कभी कभार तो जानवी को आराध्या को जबरदस्ती लेक्चर लेने जाया करती नही तो आराध्या का बस चले तो वो कभी भी कोई लेक्चर ले ही न..!

आराध्या के अजीब से चेहरे को देख, जानवी उस को आंखे दिखाते हुए कहती है, " अरु ऐसे अजीब से चेहरे बनाने से कुछ नही होगा, लेक्चर तो तुझे लेंगे ही पड़ेंगे, चल अब जल्दी से उठ जा...!"

अपनी बात कह कर जानवी ने आराध्या को जबरदस्ती खड़ा करा और उस को खींचते हुए उस गार्डन से क्लास तक ले गई।

गर्ल्स हॉस्टल में, आराध्या और जानवी का कमरा,

जानवी और आराध्या अपनी पढ़ाई पूरी कर अब सोने के लिए पूरी तरह से तैयार थे, इस समय आराध्या ने नाइट सूट पहना हुआ था, जिस मे भी हमारी आराध्या बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, जानवी अपनी बुक्स को टेबल पर रख अब अपने बेड पर आकर लेट गई थी, जानवी अपने बेड पर लेटी हुई थी और आराध्या अपने बेड पर लेट कर अपना मोबाइल फोन चला रही थी तो जानवी को अपने बेड पर सोता देख उस ने अपना मोबाइल नंबर चार्जिंग पर लगा दिया और भाग कर जानवी के बेड पर आ गई और उस के पास लेट गई और खुद को जानवी के ब्लैंकेट से कवर कर लिया।

वही जब जानवी ने आराध्या की इस हरकत को देखा को उस को आंखे दिखाते हुए कहा, " तेरा बेड है न तेरे पास सोने के लिए तो फिर रोज रोज मेरे बेड पर सोने के लिए क्यू आती हैं...?"

जानवी की बात सुन, आराध्या ने उस के कंधे पर अपना सिर रखा और उस से कहा, " क्योंकि मुझे अकेले नींद नही आती हैं और मुझे तेरे पास सोना अच्छा लगता है...!"

आराध्या की बात सुन, जानवी थोड़ा सा चिड़ते हुए उस से कहती है, "बड़ी आई ये कहने वाली कि मुझे तेरे पास सोना अच्छा लगता है जबकि सच तो ये है कि तुझे अकेले सोने में डर लगता है इसलिए तू रोज मेरे पास सोने आ जाती हैं..।"

जानवी की बात सुन, आराध्या ने मुंह बनाते हुए उस से कहा, " ऐसा कुछ भी नही है बल्कि मुझे तो तुझे गले से लगा कर सोने में बड़ा मजा आता है बस इसलिए ही मै, तेरे पास आकर सोती हु वर्ना डर वर नही लगता है मुझे किसी से...!"

आराध्या ने अपनी बात कहकर जानवी को अपनी बाहों मे लेकर सोने लगी जिस से जानवी, आराध्या की पकड़ से दूर जाने के लिए छटपटाते हुए उस से कहती है, " ओ मैडम अगर इतना ही शॉक है ना अपनी बाहों में लेकर सोने का तो शादी के बाद अपने पति को लेकर सोना जितना तेरा मन करे पर अभी के लिए मुझे छोड़ दे...!"

जानवी की बात सुन, आराध्या अजीब सा मुंह बनाते हुए उस से कहती है, " ना बाबा ना मुझे कोई पति नही चाहिए, मुझे तो बस तेरे साथ सोना है और अगर तू लड़का होती ना तो मै, तेरे से ही शादी कर लेती...!"

To be Continued......❤️✍️

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