Le chal vahan - 2 in Hindi Love Stories by zeba Praveen books and stories PDF | ले चल वहां - पार्ट 2

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ले चल वहां - पार्ट 2

एक सप्ताह बाद

"अरे सुमैया, देख मुसकान अभी तक जगी के नहीं, इतना वक्त हो गया है अभी तक उसकी एक आवाज़ नही सुनी, पता कर  तो खान साहब की हिसाब की डायरी कहा रखी है उसने"

(सुबह के दस बज गए हैं लेकिन मुस्कान अभी तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकली थी, अब्बू के कहने पर सुमैया मुस्कान के कमरे में जाती है )

सुमैया - "मुस्कान आपी, ओ मुसकान आपी....कब तक सोएंगी आप, अब्बू जान ढूंढ रहे हैं आपको, खान अंकल की डायरी कहा रखी हैं आपने"

(मुस्कान बुखार से तप रही थी, सुमैया की आवाज सुन कर मुस्कान उसे नजदीक बुलाती हैं)

सुमैया -"अरे आपी क्या हुआ हैं आपको (मुस्कान का हाथ पकड़ते हुए), आपको तो तेज बुखार हैं, हम अभी अब्बू से कहते हैं, अब्बू...अब्बू   अब्बू, मुस्कान आपी को बहुत तेज बुखार हैं"

अब्बू -क्या मुस्कान की तबियत खराब हैं, सुमैया बेटा जा अम्मी के कमरे से दवाई का डब्बा उठा ला, उसमे बुखार की गोली हैं , मुस्कान खा लेगी तो बुखार उतर जायेगा"

( तीन बेटियों का बाप मुस्तफा एक छोटे से किराने के दूकान का मालिक था, उसकी सबसे छोटी बेटी आयत जो की आठ साल की थीं, उसकी बीवी को दो साल पहले फांलिज मार दिया था अब तक बिस्तर पकड़ी हुई थी, घर की बड़ी बेटी होने के नाते मुस्कान पर बहुत ज़िमेदारी थीं, मुस्तफा के लिए भी सबसे अज़ीज़ मुस्कान ही थी, आज से ठीक दो महीने पहले मुस्कान अपने कॉलेज के दोस्त शोएब का दोस्त रहमान को अपने घर लायी थी अब्बू से मिलवाने के लिए, रहमान कश्मीर का नहीं था लेकिन पेशा वही करता था, एक यूनीसेक्स सालोन में हेयर ड्रेसर था यह उसका अस्थायी काम था वैसे वो खुद का सालोन खोलना चाहता था, मुस्कान उसे पिछले एक साल से जानती थी सिर्फ़ जानती ही नहीं थी बल्कि वो एक दूसरे से मोहब्बत भी करते थे, मुस्तफा अपनी बेटी के मोहब्बत को समझने में कामयाब रहा उसने उन दोनो की शादी का ऐलान कर दिया, रहमान के मां बाप नहीं थे वो अपने मामा मामी के यहां पला बड़ा हुआ, कश्मीर में उसके मामा भी काम करते थे ।

दोनो की मर्ज़ी से मंगनी मुकम्मल हो गई । 

उसी दिन


मुस्कान को ऐसा लगता था के कुछ तो हुआ हैं रहमान के साथ नहीं तो वो ऐसे अचानक गायब नहीं हो सकता था उसे अपने मोहब्बत पर यकीन था के वह उसे कभी धोखा नहीं दे सकता इसी उम्मीद में उसने दो महीने गुज़ार दिए आज उसका मैसेज आया तो एक तरफ वो मैसेज देख कर खुश हो रही थी तो दूसरे ही पल उसके द्वारा भेजे गए मैसेज परेशान कर रहे थे, दवाई लेने के बाद मुस्कान पहले से बेहतर हो गई थी, लेकिन बार बार रहमान का मैसेज देख कर बेचैन हो रही थी,  लगभग पांच मिनट बाद एक एड्रेस भी आया, मुस्कान वहां जाने के लिए तैयार थी, लेकिन अकेले जाने से घबरा रही थी एक पल के लिए सोचने लगी अगर अब्बू को पता लगेगा तो वो परेशान हो जाएंगे, उसने अपने कॉलेज के दोस्त शोएब से मदद मांगी, शोएब भी उसके साथ जाने को तैयार हो गया ।