Sunahari Titaliyo ka Vaatarlu - 3 in Hindi Fiction Stories by Pradeep Shrivastava books and stories PDF | सुनहरी तितलियों का वाटरलू - भाग 3

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सुनहरी तितलियों का वाटरलू - भाग 3

भाग-3

उसे बहुत शांत भाव से देख, सुन रही रिचेरिया ने कहा, “बैठो तो, एक बात ही तो पूछी है, अभी तो बड़ी देर तक बातें करनी हैं, मेरी बातों का तुम्हें जवाब देना है।”

जेंसिया उसका प्रश्न सुनते ही खड़ी हो गई थी, वह उसे आश्चर्य से देखती हुई फिर बैठ गई। रिचेरिया की आँखों में देखती हुई बोली, “जब तुम्हारे लिए अट्रैक्शन पैदा हुआ, उस समय जो चाहत थी तुम्हारे लिए, आज उससे हज़ारों गुना ज़्यादा चाहती हूँ तुम्हें। तुम्हारे बिना मैं कुछ भी इमेजिन तक नहीं कर पाती। तुम मेरी लाइफ़ हो, मैं कैसे विश्वास दिलाऊँ तुम्हें। आय एम रियली शॉक्ड रिचेरिया।”

जेंसिया बहुत इमोशनल हो गई। रिचेरिया ने उसे अपने और क़रीब लाते हुए कहा, “ओफ़्फ़ो, इतना परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। हमें बात तो करनी ही चाहिए न। मन की बात शेयर नहीं करने से मूड अपसेट होता है, डिस्टर्बेंस होती है, प्रॉब्लम फ़ेस करनी पड़ती है, इसलिए हमें कूल होकर बात करनी ही चाहिए। 

“मैंने, तुमने, दुनिया ने कभी सोचा था क्या कि एक वायरस से ही पूरी दुनिया में मानव प्रजाति का अस्तित्व ही ख़तरे में पड़ जाएगा। जान के लाले पड़ जाएँगे। हम लॉक-डाउन जैसी सिचुएशन में एक वायरस से डरते हुए घरों में बंद पड़े रहेंगे। लेकिन यह सब हो रहा है, दुनिया हम-तुम बात भी कर रहे हैं और प्रॉब्लम का सॉल्यूशन भी ढूँढ़ रहे हैं। यह सब लाइफ़ का एक पार्ट है। हमें यह सब ईज़ी गोइंग लेना चाहिए।”

रिचेरिया ने एक गार्जियन की तरह प्यार से समझाते हुए कहा, तो जेंसिया एकदम शांत होती हुई बोली, “ओके-ओके समझ रही हूँ। लेकिन किस प्रॉब्लम की बात कर रही हो?” 

“देखो प्रॉब्लम जैसी कोई बात नहीं है। हम जब भी फ़ील करें कि हमें अपनी लाइफ़ को लेकर बात करनी चाहिए तो बिना टाइम वेस्ट किए ज़रूर करनी चाहिए। तुमने कहा कि तुम शुरू में मुझे जितना चाहती थी, आज उससे हज़ारों गुना ज़्यादा चाहने लगी हो। लेकिन मैं अब अपने को जिस सिचुएशन में पा रही हूँ, उसे देखते हुए मैंने सोचा कि हमें डिस्कस करना चाहिए। 

“मैं यह बताना चाह रही हूँ कि मैं तुम्हारे साथ अपने रिलेशन को लेकर अपने में बड़े चेंजेज महसूस कर रही हूँ। कई महीनों से मैं फ़ील कर रही हूँ कि मैं रिलेशन में उतनी डेप्थ में नहीं हूँ, जितनी में पहले कभी हुआ करती थी।”

“क्यों? ऐसा क्यों, क्या मैं तुम्हारी इमोशनल, सेक्सुअल फिलिंग्स, डिज़ायर को सेटिस्फाइड नहीं कर पा रही हूँ। ऐसी तुम्हारी कौन सी एक्सपेक्टेशन है जो अब मैं बेड पर पूरी नहीं कर पाती।”

जेंसिया काफ़ी आवेश में बोली, लेकिन रिचेरिया ने बहुत कूल होकर कहा, “मैं ओनली सेक्स की बात नहीं कर रही हूँ। मैं ओवर-ऑल हर चीज़ की बात कर रही हूँ। खाना-पीना, घूमना-फिरना, मूवी, टीवी, पार्टी, बात-चीत, इवेंट, शॉपिंग, वॉकिंग किसी भी चीज़ में मैं वह डेप्थ नहीं फ़ील कर पा रही हूँ, जो पहले किया करती थी। 

“लगता है जैसे लाइफ़ में, कहीं कोई रोमांच, कोई एक्साइटमेंट रह ही नहीं गया है। ऐसा क्यों हो रहा है मैंने समझने की बहुत कोशिश की, लेकिन कुछ भी समझ नहीं पा रही हूँ, मैं सारे एफ़र्ट्स कर के हार गई तो सोचा अब तुमसे बात करूँ, शायद तुम ही कोई सॉल्यूशन निकालो।” 

रिचेरिया की बातों से जेंसिया के चेहरे पर चिंता, आश्चर्य के भाव गाढ़े होते चले गए, उसने रिचेरिया की आँखों में झाँकते हुए पूछा, “रिच क्या अब तुम्हें मेरा साथ अच्छा नहीं लग रहा। मेरे साथ अब तुम्हें बोरियत महसूस होती है? इरिटेशन होती है?” 

“ओफ़्फ़ो, तुम यह सब क्या बोलती चली जा रही हो? मैंने बोरियत, इरिटेशन जैसा कुछ नहीं कहा। न ही मैं ऐसा फ़ील करती हूँ। मैंने कहा अब मैं पहले जैसा एक्साइटमेंट रोमांच फ़ील नहीं करती हूँ। अब मैं हर उन बातों को अपने में से ग़ायब पा रही हूँ, जिनके कारण हमारे रिलेशन बने थे। 

“जिनसे हमारे रिलेशन को बूस्टर एनर्जी मिलती थी। जो मुझे तुम्हारे बिना जीने की कल्पना से ही डरा कर रख देते थे। लेकिन अब मुझे ऐसा फ़ील होता है कि हमारे रिलेशन में अब कोई ऐसी एनर्जी, कोई ऐसा ऑब्जेक्ट, रीज़न बचा ही नहीं है, जो किसी रिलेशन को जीवंत, ख़ूबसूरत, आकर्षक बनाते हैं, अनगिनत इच्छाएँ पैदा कर, उन्हें पूरा करने की एनर्जी देते हैं, रास्ते बनाते हैं।” 

अब-भी हैरान-परेशान जेंसिया ने कहा, “माय डियर रिच, जानती हो तुम यह सब क्या कह रही हो? तुम्हारी बातों का क्लियर-कट मतलब यह है कि जिन बातों से रिश्ते बनते, और बने रहते हैं, वह सारी बातें ख़त्म हो गई हैं। जब सारी बातें ही ख़त्म हो गई हैं, तो हमारा रिश्ता भी ख़त्म है। 

“इसलिए लॉक-डाउन ख़त्म होते ही हम-दोनों अलग-अलग रास्ते पर निकल देंगे, फिर मुड़कर एक दूसरे को कभी नहीं देखेंगे। मगर मेरी प्रॉब्लम यह है कि तुम-तो चल दोगी दूसरे रास्ते पर पिछला सब-कुछ नेचुरल हार्ड-डिस्क से डिलीट करके, एकदम फ़्रेश मेमोरी हार्ड-डिस्क के साथ, नए रिश्ते की खोज में, जहाँ तुम्हें फिर से वह सब मिल सके जो अब मेरे साथ नहीं मिल रहा। 

“लेकिन मैं रास्ते पर एक क़दम भी आगे नहीं बढ़ पाऊँगी। मैं बिगनिंग लाइन से ही तीन सौ साठ डिग्री घूम कर तुम्हारे ही पीछे-पीछे चलने लगूँगी यह जानते हुए भी कि तुमने अपनी मेमोरी से मुझे डिलीट कर दिया है, अब तुम मुझे पहचानोगी भी नहीं। मेरी प्रॉब्लम यह भी है कि तुम्हारे सिवा किसी और के लिए सोच कर भी मेरी जान जैसे निकल रही है। 

“सोच मैं यह भी रही हूँ कि क्या ऐसे ही हर तीन-चार साल में मुझे नए-नए लाइफ़ पार्टनर खोजने होंगे। हमारे रिलेशन की वैल्यू, लाइफ़ क्या सिर्फ़ इतनी ही है कि हर तीन-चार साल के बाद मोबाइल, लैप-टॉप की तरह बेकार हो जाएँगे, जिन्हें डस्टबिन में फेंक कर नया लेना पड़ेगा। 

“तुम्हारे लिए, अपने इस रिलेशन के लिए मैंने अपने पूरे परिवार से झगड़ा कर लिया। उनको, बहुत-सी फ़्रेंड को भी हमेशा के लिए छोड़ दिया, उन लोगों ने भी हमें हमेशा के लिए छोड़ दिया। इस रिलेशन के कारण ही घर के लोग मुझसे इतनी घृणा करने लगे कि जब मैं उन्हें छोड़ कर घर से निकलने लगी तो उन्होंने मुझ पर थूक भी दिया था। 

“लेकिन मैं तुम्हारे लिए, अपने इस रिलेशन के लिए कोई भी क़ीमत देने, कुछ भी करने के लिए तैयार थी। मैंने किया भी। ख़ुशी-ख़ुशी जो क़ीमत ज़रूरी लगी वह दे भी दी। माँ-बाप, भाई-बहन, भतीजा-भतीजी, सारे नातेदार-रिश्तेदार, बचपन के सारे साथी, सभी को मैंने बिना किसी हिचक छोड़ दिया। 

“क्योंकि कोई भी हमारे इस रिलेशन के लिए तैयार नहीं था, सिवाय उस एक फ़्रेंड के जो बचपन में मेरे सबसे क्लोज़ थी। अपने एक इस रिलेशन के लिए मैंने सारे ब्लड रिलेशंस का सैक्रिफ़ाइस कर दिया, और इसी रिलेशन के लिए तुमने सेकेण्ड भर में कह दिया ख़त्म। तुम्हारे लिए मेरे सैक्रिफ़ाइस, इस रिलेशन की कोई वैल्यू ही नहीं है। 

“इतने बड़े सैक्रिफ़ाइस के एवज़ में मेरे हाथ सिर्फ़ ज़ीरो आया। मैं हर तरफ़ से बिल्कुल ख़ाली हाथ हूँ। मैं दुनिया में पूरी तरह से एकदम अकेली हो गई हूँ। क्या मैं यह समझूँ कि हमारा यह रिलेशन एक धोखे के सिवा कुछ नहीं था। 

“परमानेंट रिलेशन की गारंटी क्या सिर्फ़ ब्लड रिलेशन ही दे सकती है। जिन लोगों को हम जैसे रिलेशन वाले लोग ऑर्थोडॉक्स कहते हैं, क्या उनकी यह बात सही है कि हमारे रिश्ते एक डिफ़ॉर्मेशन (विकृति) हैं जो क्षणिक होते हैं। 

“जल्दी ही देखते-देखते ख़त्म हो जाते हैं। ऐसे रिलेशन एक वायरस सरीखे ही हैं, कोरोनावायरस की ही तरह। जो कितना भी ज़ोर लगा ले, दो-तीन साल के अंदर ख़त्म हो जाएगा। जैसे 1918 में स्पेनिश फ़्लू सारी ताक़त लगा कर भी दो साल में ही इतिहास के पन्नों में खो गया, जबकि उस समय साइंस, मेडिकल फ़ैसिलिटीज़ आज के मुक़ाबले कुछ भी नहीं थीं।” 

रिचेरिया को यह अनुमान नहीं था कि, जेंसिया इतनी ज़्यादा उत्तेजित हो जाएगी। उसने उसे समझाते हुए कहा, “जेंसिया, माय स्वीट हार्ट इतना एक्साइटेड होने की ज़रूरत नहीं है। हम, हमारे रिलेशन को डिफ़ॉर्मेशन नहीं कह सकते। 

“मैं स्ट्रॉन्गली कहती हूँ कि, यह डिफ़ॉर्मेशन नहीं है। जैसे नेचर ने मेल-फ़ीमेल बनाए हैं, वैसे ही उसने थर्ड-जेंडर भी बनाए हैं। वह भी उसका एक सिस्टम है। ठीक वैसे ही हमारा रिलेशन भी उसी नेचर का एक सिस्टम है। 

“उसने मेल-फ़ीमेल के रिलेशन बनाए हैं, इंसानों के लिए भी, पशु-पक्षियों के लिए भी। ऐसे ही रिलेशन वालों की मेजॉरिटी है। इंसानों, पशु-पक्षियों दोनों में ही। मेजॉरिटी ने अपने हिसाब से, अपनी पसंद की परम्पराएँ बनाई हैं। उन्हें ही पसंद किया है, आगे बढ़ाया है। 

“हर वो बात जो उनकी सुपरमेसी के लिए चैलेन्ज हो सकती है, जो उनके सिस्टम का हिस्सा नहीं बन सकती उसे नकार दिया, ग़लत कह दिया, चिढ़ गए तो डिफ़ॉर्मेशन कह दिया। माइनॉरिटी को ऐसी हर स्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। 

“नेचर ने फ़ीमेल-मेल सेक्स रिलेशनशिप के साथ ही होमो सेक्स का भी सिस्टम बनाया है। यहाँ तक कि एनिमल्स भी होमो रिलेशन बनाते हैं। वह जानवर होकर भी पूरे जीवन ऐसे ही जीते हैं। इंसानों के बीच भी होमो रिलेशन शुरू से ही है। 

“तुम किसी भी देश, धर्म के इतिहास को उठा कर देख लो कहीं न कहीं इसका ज़िक्र आता ही है। अपने देश का ही इतिहास, या अन्य किताबें देखोगी तो इसकी डिटेल्स मिल ही जाएँगी। 

“वात्स्यायन तो तुम्हारे भी फ़ेवरेट राइटर हैं, पृथ्वी के सबसे क्रांतिकारी सोच वाले व्यक्ति थे। उनकी किताब ‘काम-सूत्र’ में भी इसकी डिटेल्स हैं। ध्यान से पढ़ो तो उसमें उनकी विवशता भी दिखती है। 

 “सोचो जब उनके जैसे व्यक्ति ने क़रीब एक हज़ार तीन सौ साल पहले यह किताब लिखी 800 ईसवी में तो वह कितने प्रेशर में रहे होंगे। इसका अनुमान इसी बात से लगा सकती हो कि, होमो और सेक्स के अनूठे तरीक़ों का वर्णन उन्होंने बड़े विस्तार से किया और ख़ूब किया है। 

“लेकिन मेजॉरिटी के दबाव में होमो रिलेशन, सेक्स के कुछ तरीक़ों को अनुचित बता कर मेजॉरिटी के ग़ुस्से का शिकार होने से अपने को बचाने का भी ख़ूब प्रयास किया है। तो हमें किसी तरह की आत्म-ग्लानि नहीं होनी चाहिए कि हम ग़लत हैं, हमारा रिश्ता ग़लत है। हमारा रिलेशन भी नेचर का ही बनाया सिस्टम है। 

“यह सिस्टम भी उतना ही पुराना है, जितना कि दूसरे सिस्टम। फ़र्क़ है तो सिर्फ़ इतना कि हमारी कम्युनिटी शुरू से ही माइनॉरिटी में है। जिसके कारण मेजॉरिटी हम पर वह सारे क़ानून, परम्पराएँ लाद देती है जो वो हमें दबाने, हमें ख़त्म करने के लिए बनाते हैं। 

“मैं तो पूरे कॉन्फ़िडेंस से कहती हूँ कि, हमारी कम्युनिटी को ख़त्म करने की कोशिश में कई बार वह बहुत ज़्यादा कन्फ़्यूज़्ड हो जाते हैं। छह सितंबर दो हज़ार अठारह को सुप्रीम कोर्ट, हमें, हमारे रिलेशन को ठीक बताते हुए अपराध की कैटेगरी से बाहर कर देती है। यही सुप्रीम कोर्ट पहले हमें, हमारे रिलेशन को गैर-क़ानूनी कहती थी। 

“उस दिन कोर्ट के डिसीज़न को हम सबने सेलिब्रेट किया था। सबने कहा कि, हम इक्कीसवीं सदी में एक क़दम और आगे बढ़े। याद करो मैंने तुमसे उसी समय कहा था कि, हम आगे नहीं, अब भी डेढ़ हज़ार साल पीछे हैं। तब हमें कठोर दंड नहीं दिया जाता था। अब इस फ़ैसले से हम पर कठोर दंड देने की तलवार हट गई है बस। 

“आगे बढ़ना मैं तब मानूँगी, जब मेजॉरिटी हमसे घृणा करना बंद कर देगी। हमें वह अपने जैसा ही मानने लगेगी। हम सब-कुछ उसी अधिकार से कर सकें, जो वो करते हैं। तुमने उस दिन सेलिब्रेशन के लिए पब चलने के लिए कहा। मैं ख़ुशी-ख़ुशी गई भी, लेकिन सच यह है कि, उस दिन मैं सिर्फ़ तुम्हारे साथ एक शाम एन्जॉय करने के लिए गई थी, कोर्ट के उस डिसीज़न को सेलिब्रेट करने नहीं। 

“दुनिया के क़रीब दो सौ देशों में अपना देश मात्र छब्बीसवाँ देश है, जहाँ अब होमो होना लीगली क्राइम नहीं है। नीदरलैंड ने सबसे पहले दो हज़ार एक में इसे क्राइम की लिस्ट से बाहर किया था। हालाँकि उसी समय अपने देश में छत्तीसगढ़ प्रोविंस की एक नर्स तनुजा और जया ने वैदिक रीति से विवाह करके सभी को सीधे चुनौती दी थी, उनके बाद उसी प्राविन्स में डॉक्टर नीरा ने अपनी नर्स अंजनी से विवाह करके एक बार फिर से चुनौती दी थी। 

“उन्होंने पूरी मेजॉरिटी में अपनी बात को सही ग़लत कहने की बहस ही नहीं शुरू होने दी। वह अपनी जगह ख़ुश रहीं और मेजॉरिटी अपनी जगह। लेकिन इसी दुनिया में होमो लोगों को आज भी मौत की सज़ा दी जा रही है। ईरान में, उन्नीस सौ उन्न्यासी में उसके इस्लामी राज्य बनने के बाद, क़रीब चार हज़ार लोगों को तड़पा-तड़पा कर मौत की सज़ा दी गई। 

“वहाँ दो किशोर लड़कों का केस बहुत ज़्यादा चर्चा में था। जिन्हें डेढ़ साल तक बुरी तरह टॉर्चर करने के बाद क्रूरता-पूर्वक मार डाला गया। आयरिश लेखक ऑस्कर वाइल्ड को होमो होने के कारण गिरफ़्तार किया गया। लेकिन धीरे-धीरे छब्बीस देशों में इसे क़ानूनी मान्यता मिल चुकी है। 

“इसलिए तुम यह मत कहो, बल्कि सोचो भी नहीं कि हमारे रिलेशन ग़लत हैं, डिफ़ॉर्मेशन हैं। हम आज भी अपने रिश्ते को उतना ही सही मानते हैं, जितना कि पहले। 

“हमने तो एक जनरल बात कही कि, पता नहीं क्यों इधर काफ़ी समय से मैं ऐसा फ़ील कर रही हूँ कि, जैसे हमारे रिलेशन में कोई अट्रैक्शन, कोई गर्माहट नहीं रह गई है।”

उसकी बातों को सुनते हुए जेंसिया को लगा जैसे कि, रिचेरिया ने सारे प्रश्नों के उत्तर पहले ही तैयार कर रखे थे। इसने बात शुरू करने से पहले पूरी तैयारी की है, काफ़ी टाइम लगाया है। वह कुछ आतंकित-सी बोली, “यह एक फेज़ है, मेल-फ़ीमेल कपल भी इस फेज़ से गुज़रते हैं।” तो रिचेरिया ने कहा, “डियर जेंसिया ये फेज़ वग़ैरह की बातें इंटेलेक्चुअल्स की बहसों का एक टॉपिक भर है। मैं इसे उनका कन्फ़्यूज़न भी कहूँगी। देखो मैं लाइफ़ में वही स्पीड, एनर्जी, एक्साइटमेंट, हमेशा चाहती हूँ, जो शुरू में थी। 

“तुम बात को समझने की कोशिश करो। मेरी बातों की डेप्थ में उतरने की कोशिश करो। हम-दोनों को तो तेज़ नदियों की हिलोरें मारती तेज़, चंचल, ऊँचे स्वर में जीवन रागिनी गाने वाली लहरों जैसी लाइफ़ चाहिए, किसी झील के ठहरे शांत गति हीन जल सी ज़िन्दगी नहीं।”

“मैं यही तो जानना चाहती हूँ कि, बे-हिसाब तूफ़ानी स्पीड से चलने वाली हमारी लाइफ़ की धारा में कहाँ, कौन सी रुकावट, बाधा आ गई है कि, हमारे जीवन की नदी, नदी से झील बन गई है।”

जेंसिया ने अपनी बात पूरी करते हुए रिचेरिया की दाहिनी हथेली को बहुत प्यार से अपने दोनों हाथों में ले लिया। और बहुत भावुक स्वर में, आँसुओं से भरी आँखों से रिच की आँखों में देखते हुए, बहुत ही क़ातर स्वर में पूछा, “बताओ न रिच, प्लीज़ जल्दी बताओ।”