Love Contract - 14 in Hindi Love Stories by Manshi K books and stories PDF | Love Contract - 14

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Love Contract - 14

कुछ देर बाद रसीली बाई को होश आया , होश आने के बाद बहुत रोने लगी और घबराने भी लगती है ।
रीवान रसीली बाई के पास आया ' तुम ठीक हो तुम्हारी ऐसी हालत किसने किया ? देखो तुम घबराओ नहीं हम तुझे कुछ नहीं करेंगे तुम हम से डरना बंद करो पहले ।
विराज पानी का ग्लास रसीली बाई के तरफ बढ़ाते हुए ये लो तुम पानी पियो पहले घबराना बंद करो । हम तुम्हें कुछ नहीं करेंगे , हम दोनों ने ही तुम्हे उस गुंडे से बचा कर यहां लाए हैं तो हम दोनों से डरना बंद करो शांत होकर हमें सब कुछ बताओ । अगर हम तुम्हारी कुछ मदद कर सकते हैं तो जरूर करेंगे ।

" रीवान " इस लड़की को इस हालत में देख कर बहुत तरस आ रहा था मन ही मन सोच भी रहा था ' मैं ये तो जानता था तुमसे मेरी मुलाकात होगी मगर इस तरह से होगी ये नहीं जानता था । मन तो कर रहा उस इंसान को जान से मार दूं , तुम्हे छूने के अलावा बुरी नजर डालने की कोशिश किया है ।

वो गुंडे कौन थे जो तुम्हारे पीछे पड़े थे और तुम उनसे डर के ऐसे क्यों भाग रही थी उनकी शिकायत तो कर ही सकती थी , उस रास्ते पर ही तो पुलिस स्टेशन था वहां जाने की बजाए तुम अकेले सुनसान सड़क पर उनसे बचते हुए भाग रही थी ।

पानी पीने के बाद एक गहरी सांस लेती हैं , फिर सारी बातें दोनों को बता देती है । सारी कहानी सुनने के बाद रीवान
को नेता जी पर बहुत गुस्सा आ रहा था ।
अब तो नेता जी के आदमी मुझे कुत्तों की तरह पूरे शहर में ढूंढ़ रहा होगा । इस शहर से कहीं बाहर जा भी नहीं सकती
पुलिस वाला नेता जी के टुकड़ों पर पलता है सारे के सारे नेता जी के कहे अनुसार अपना काम करते है वरना स्टेशन में बैठ कर कुर्सी सभी तोड़ते है ।
साहब ये दुनियां बहुत बुरी है और यहां के लोग जानवर से भी बत्तर सलूक करते है ।

आप दोनों मुझे यहां से जाने दीजिए , कही ऐसा न हो मेरी वजह से कहीं आप दोनों किसी मुसीबत में पड़ जाए ।
अच्छा होगा आप दोनों मेरे मामले से दूर रहें ।

" रसीली बाई " अभी मेरा जाना बहुत जरूरी है , हॉस्पिटल में भर्ती मेरे बाबा है उनका आज ऑपरेशन होने वाला है पता नहीं हुआ या नहीं ऑपरेशन । मेरा तो दिल बहुत घबरा रहा है क्योंकि नेता जी के आदमी मेरे बाबा तक पहुंच कर उनका नुकसान भी कर सकता है । मैं क्या करूं ?? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है क्या करूं ??

" रीवान " रसीली बाई से एड्रेस लेकर विराज को हॉस्पिटल भेज देता है , देखो तुम घबराओ नहीं तुम्हे तुम्हारा बाबा मिल जाएंगे बस तुम रोना बंद करो । अच्छा किया है जो तुमने अपने कोई भी जान पहचान वालो को नहीं बताया है बाबा कहां है ???

विराज हॉस्पिटल पहुंचता है वो भी अपना वेश बदलकर एक डॉक्टर बनकर , बाबा की तबीयत बिगड़ी हुई थी ।
विराज रीवान को कॉल कर के बताया तुम दोनों जितना जल्दी हो सके हॉस्पिटल पहुंचो । उस लड़की के बाबा के हालत ठीक नहीं है उनकी जुबां बस अपनी बेटी को
लगा रही थी ।
पूछने पर उन्होंने कहा ' डॉ साहब आप मेरी बेटियां को बुला दो , कब से उससे मेरी बात नहीं हुई है ।

" रीवान " बहुत सोचने के बाद , दिमाग में रीवान को एक
तरकीब सूझी और वो रसीली बाई को अपनी पत्नी बनाकर कैसे भी हॉस्पिटल पहुंचे । हॉस्पिटल जाकर रसीली बाई अपने बाबा के वार्ड में गई , जहां रसीली बाई को ढूंढते हुए नेता जी के आदमी हॉस्पिटल पहुंचे थे। लेकिन उससे पहले विराज पहुंचकर दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था ।

" बाबा " बिटिया अब मेरा अंतिम समय अा चुका है , अब आगे का सफर तय नहीं कर पाऊंगा , अच्छा किया बिटिया जो आज तुमने शादी कर ली वरना मेरे माथे पर ये कर्ज रह जाता मैं चैन से मर भी नहीं सकता ।
रीवान के तरफ देखते हुए पास बुलाए फिर' बावा अपनी बेटी का हाथ रीवान के हाथ में दे देते हैं । बेटा इसका
हमेशा खयाल रखना और कोई भी मुसीबत हो उसमें इसका साथ देना ।

रीवान सोच में पड़ गया , कुछ दिमाग मेरा काम भी कर ही नहीं पा रहा है क्या बोलू ??? कुछ देर बाद बाबा बेटा मुझसे तुम दोनों वादा करो हमेशा साथ रहोगे ।
रीवान के तरफ देखते हुए ' बेटा जिस तरह से मैंने अपनी बेटी का हाथ तुम्हारे हाथ में दिया हूं मुझे यकीन है हमेशा इसे खुश रखोगे , हर मुसीबत में साथ दोगे ।
बेटा मुझे वादा करो मेरी ये आखिरी इच्छा पूरी
करोगे । बिटिया तुम कोई भी मुसीबत में इस रिश्ते को निभाने की कोशिश करोगी ये तुम्हारे बाबा का आखिरी इच्छा है और मुझे पूरा यकीन भी तुम इस रिश्ते को जरूर निभाओगी । बिना सोचे दोनों बाबा को वादा दे देते हैं ।

" रसीली बाई " मैं वादा करती हूं बाबा आपसे मैं इस रिश्ते को हर हालत में निभाने की कोशिश करूंगी ये आपकी आखिरी इच्छा जरूर करूंगी । इतना सुनते ही बाबा सांस लेना बंद कर देते है ।

रसीली बाई रोने लगी डॉ चेक करने के बाद कहा , अब ये इस दुनिया में नहीं रहे । रसीली बाई बहुत रोने लगती है रीवान संभालता है रसीली बाई को और पोस्मार्टम के बाद डैथ बॉडी रसीली बाई को सौंप दिया गया ।
पूरे विधि पूर्वक अंतिम संस्कार किया गया ।

अन्तिम संस्कार के बाद रसीली बाई को अपने साथ ही दोनों होटल लाए जहां रूम था । विराज का कमरा अलग था आज तो जाकर वो सो गया। लेकिन रीवान विराज के साथ जाने के बजाय रसीली बाई के साथ रुकना ठीक समझा । रसीली बाई बाबा के यादों में खोई थी और रो रही थी ।
रीवान रसीली बाई को समझाया और उसे खुद को संभालने के लिए कहा ।

क्या रीवान रसीली बाई को अपनी पत्नी का दर्जा देगा , उससे शादी करेगा या बाबा से किए वादे को भूल जाएगा ???

Continue ....