Najayaz Rishte - 11 in Hindi Love Stories by Gurwinder sidhu books and stories PDF | नजायज रिश्ते - भाग 11

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नजायज रिश्ते - भाग 11

11,,,,जोत बहुत ज्यादा खुस थी। और उसने कमल के ऊपर लेटे हुए अपनी और कमल की न्यूड पिक्स वी निकल ली थी। प्रीत की फ्रेंड ने कमल से बहुत मजा लिया। और कई वार अपने आप को रिलैक्स किया। कमल अभी भी बेहोश जैसी हालत में ही था।

और जोत जैसे चाहती वैसे कमल के साथ मजे कर रही थी। काफी देर तक करने के बाद जब जोत थक गई तो जब वो कमल से हट कर इक और साइड हो गई और अपने आप को संत करने लगी। जोत की हालत सच में बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी। मगर उसका मन अभी भी भरा नही था। वो चाहती थी कमल मेरे साथ और मजे करे।

वो जे भी सोचती थी के आज मोका मिला ही ना जाने फेर कब मिलेगा ,मिलेगा भी जा नही जे भी नही पता था। जोत अभी अपने खियालो में ही थी तभी कमल उठा और जोत के ऊपर पलट गया। मानो जोत की तो भगवान ने पास होकर सुन ली हो।

जोत कमल के साथ काफी टाइम से चिपकी हुई थी मगर जा कमल उसके ऊपर आए आ तब जोत को और भी ज्यादा अच्छा लगने लगा। कमल ने जोत के लिप्स को अपने लिप्स में ले लिया और चूमने लगा। पहले तो जोत वी कमल का साथ डी रही थी मगर कमल जोर जोर से कटने लगा। मानो जोत के लिप्स का सारा रस आज ही पी जायेगा।जोत के रेड लिप्स को चूमता रहा।


कमल थोड़ा नीचे सरका और जोत के ब्रेस्ट को दबोच लिया। पहले आराम से चूमा मगर जल्दी ही बाइट करने लग गया। जोत की अह अह की आवाज में दर्द आने लगा था। जोत की नाभी के पास बाइट करते कमल ने उसके जांघओ को चूमा। और उसके नर्म मास को चूमने लगा। जोत और वी ज्यादा टाडफने लगी।

और उसके मुंह से आह आह को आवाज तेज होने लगी। और कमल के सिर को दुबोच कर और आगे करने लगी। कमल काफी देर तक जोत को गर्म कर्ता रहा। तब तक जोत की तड़फ बड़ी और उसके अंदर से गर्म पानी निकल गया। जो कमल के मुंह पर गिर गया। कमल ने इक वार फेर जोत के बड़े हुए ब्रेस्ट को चूमा और दबोच लिया।

मगर तवी कमल उठा और जोत को नीचे लिटा लिया और इक दम ही पूरे जोर से झटका मारा और जोत की चीखे निकलने लगी। पहले जोत ने अपने हिसाब और अपनी स्टूंस्टी के लिए किया था मगर अब कमल अपने लिए करने लगा था। जोत की अह अह की आवाज चीखों में बदल चुकी थी।

मगर कमल काफी देर तक उसे जोर जोर से झटके देता रहा। कबी उसके बड़े बड़े स्तन दबाता और कबी उसको पीछे से उसके हेयर पकड़ कर जोर जोर से हिलाने लगता। प्रीत की फ्रंड का गोरा जिस्म लाल लाल हो चुका था। तवी कमल की स्पीड और बड गई।


जोत पूरी तरह से बेहाल हो चुकी थी। मानो उसकी जान ही निकल जायेगी। मगर कमल अपने लोहे के जैसे औजार से जोत की खिंचाई कर रहा था। जोत को अपने अंदर किसी लोहे की रेड जैसे लगने लगा था। और उसको अपने अंदर का सब कुछ फट गया लग रहा था।

और जोत के गोरे बदन को भी कमल ने बाइट कर कर के ब्लड निकाल दिया था। जो कमल जोत की शरीफ लगता था अब वो कमल ही जोत को सेतान लग रहा था। जोत चिलाने की कोशिश करती तो कमल उसके मुंह पर हाथ रख कर उसके मुंह को बंद कर लेता ।जोत को अंदर तक दर्द होने लगा था।

मगर कमल फेर भी जोर जोर से जोत के साथ करने लगा था। कमल के झटको के साथ जोत के सतन भी तेजी के साथ हिल रहे थे। जिनको कमल बीच बीच में जोर से दबोच लेता था। जीनसे ब्लड भी निकलने लगा था। काफी देर तक कमल जोत के साथ थका करता रहा।

जोत की तो मानो जैसे जान ही मीठी में थी। जब कमल और जोर से आगे भेजता तो जोत की चीख निकल जाती ओर वो कमल के नीचे से निकलने के लिए जोर लगाने लगती।मगर कमल जोत को इक इंच भी हिलने न देता। जब जोत को ऐसे लिटा कर कमल का मन भी भरा तो कमल ने जोत को खड़ी कर लिया। और नजदीक पड़े बैंच के साथ जोत को हाथ लगाने के लिए बोलने लगा।

जोत ने हाथ जोड़ कर कमल को ना करने के लिए भी बोला मगर कमल ने जोत की डिक पर जोर से तमाचा मारा और जोत को पकड़ कर बैंच के साथ खड़ी कर लिया।

कंटिन्यू,,,,