बदली ने पीछे मुड़कर अभय की तरफ हाथ हिलाकर कहा ..जीजू ! इधर पास में गांव है ..अभय ने उत्तर मे बदली से कहा ..ठीक है ..तुम आजाओ..
बदली नीचे उतरकर अभय के पास में आगयी। बदली हमे वहां पहुंचने में कितना टाइम लगेगा ? बदली ने कहा ..जीजू चार पांच किलोमीटर तो होगा ही । हमे एक घंटा लगेगा लगभग..
दोनों बिना देर किये रवाना होगये ..कुछ दूर चलने के बाद उन्हें एक पगडंडी मिल गयी वे दोनो तेज कदमों से चल रहे हैं । आगे जाकर पगडंडी दो भागो मे बट गयी ..अभय चलते चलते रूक गया ..अभय ने कहा बदली दो रास्ते है । बताओ ! कौनसा रास्ता लेना चाहिए..? बदली ने इशारा करके कहा मेरे विचार से इस रास्ते से चलना चाहिए। क्योंकि मैने जिधर गांव देखा था वह इधर ही होगा । अभय ने उसकी बात को काटकर कहा नही ..जो तुम बता रही हो, उस रास्ते से लोग कम जाते है ..इसे देखो यह रास्ता धुंधला हो रखा है साफ भी नही है । जिधर से लोग ज्यादा जाते आते है उसमे घास नही उगती ..जीजू आप कहना क्या चाहते है .. आप जो रास्ता बता रहे है यह दूसरी दिशा में जा रहा है .. । नही ! हम इधर से नही इधर से चलेंगे ..आप जो बता रहे हो उसमे तो हम घूमते ही रहेंगे । अभय ने फिर कुछ नही कहा और बदली के सुझाये रास्ते से चलने लगा ..करीब एक किलोमीटर चलने के बाद वह रास्ता एक खेत मे जाकर खत्म होगया ..उस खेत मे एक हिस्से मे फलदार पेड़ लगे थे दूसरी तरफ "जो "गेंहु" की फसल खड़ी थी । अभय ने खेत का गेट खोला और अंदर दायें बायें देखा फिर ..आवाज लगाई ..खेत में कोई है क्या ? ..अभय की आवाज सुनकर एक कुत्ता भौंकते हुए दौड़कर आया ..बदली अभय की ओट मे छिप गयी ..अभय ने कुत्ते को पुचकारा.. तो वह पूंछ हिलाने लगा ..अभय ने जैसे ही पैर बढाया कुत्ता फिर भौंकने लगा ..अभय ने अनुमान से शेरू- शेरू कहा । कुत्ता अपना नाम सुनकर जोर जोर से पूंछ हिलाने लगा ..अभय ने अवसर देखकर..कुत्ते की पीठ को थपथपाया..कुत्ता अपनी गर्दन को नीचे मोड़कर अभय के पावों में लेट गया .. अब अभय आगे बढा ..बदली भी उसके साथ कुत्ते पर नजर गडाये अभय की बांह पकड़कर आगे बढ गयी । वहां खेत में कोई नही था ..खेत मे स्थान स्थान पर पुतले डंडे मे टंगे थे । ताकि नील गाय को लगे की यहां कोई है ताकि वह खेत मे न घुसे । बदली ने कहा जीजू आपने इस डोगी का नाम कैसे जाना ? ..बदली सिंपल सी बात है अधिकतर गावों में शेरू ही रखते है ..यदि यह नाम नही होता तो मै इसे कालू बोलता ..और यह भी नही होता तो फिर इसे डराकर भगाता ..
अभय ने देखा वहा एक कुआ था उसके पास बिजली का पोल खड़ा था जिसके पास एक छोटी गुमटी ( छोटा मकान) जिसमे बिजली का कनेक्शन बोर्ड लगा था । कुए से पानी का पाइप निकलकर एक होद के उपर था ..अभय हो के पास जाकर देखा ..उसमें टौंटी लगी थी ..टौंटी को खोलकर देखा उसमे पानी आरहा था ।