Devil CEO's Sweetheart Part - 13 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 13

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 13

सुबह का समय,

बनारस में, रूही का घर,

सुबह के चार बजे चुके थे, रूही की सौतेली मां कुसुम, रूही के कमरे मे आती हैं और उस के ऊपर गरम पानी से भरी बाल्टी फेक देती हैं जब रूही को अपने शरीर पर दर्द महसूस होता है तो वह जल्दी से हड़बड़ाते हुए उठ जाती हैं और अपने बेड से बिलकुल चिपक के खड़ी हो जाती हैं।

उस को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा होता है उस के आंखो से अंशु बहे जा रहे होते है और उस का दर्द अनदेखा कर उस की सौतेली मां कुसुम उस के पास आ कर खड़ी होती हैं और उस के बाल पकड़ खीचते हुए उस से गुस्से से कहती हैं, "आज के बाद अगर तूने घर में से कुछ भी चुराया न तो अगली बार तुझे जिंदा जला दूंगी, समझ में आया तुझे...!"

रूही की सौतेली मां उस से पूछती है, "और ये कौन सा लड़का है जिस के लिए तूने रुपए चुराए थे....?"

अपनी सौतेली मां कुसुम की बात सुन, रूही कुछ बोलने ही वाली होती हैं पर रूही के कमरे के बराबर से गुजर रही रीना उन की बाते सुन लेती हैं और जल्दी से रूही के कमरे मे आकर बीच में बोल पड़ती हैं, "मां, राजीव आ गया है जाओ जाकर उस को देखो और आप तो जानती ही हो उस को घर आते ही हाथ में चाय चाहिए होती हैं....!"

अपनी बेटी की बात सुन, कुसुम आगे कुछ बोलना चाहती हैं तो उस की बेटी रीना दुबारा उस से कहती है, "अरे जाओ ना क्यू पूरे मोहल्ले को उठाना चाहती हो...?" और रही इस बदनसीब रूही की तो इस को तो मैं ही संभाल लूंगी।

अपनी बेटी रीना की बात सुन, उस की मां कुसुम अपना सिर हां मे हिलाती है और जाने से पहले अपनी बेटी रीना से कहती हैं, "और हां इस से अच्छे से पूछ वो लड़का कौन है...?"

अपनी मां कुसुम की बात सुन, रीना हां मे सिर हिला देती है तभी राजीव की आवाज आती हैं, "अरे मेरी मां, मेरी चाय कहा है...?"

अपने बेटे की आवाज सुन, कुसुम भाग के रसोई घर में जाती हैं और खुद अपने बेटे के लिए अपने हाथो से चाय बनाने लग जाती हैं।

कुसुम के रूही के कमरे से जाने के बाद,

रीना, रूही का हाथ कश के पकड़ लेती है और उस को धमकाते हुए कहती है, "अगर तूने मां को कुछ भी बोला ना तो देख तेरा क्या हाल करती हूं...!"

रीना की बात सुन, रूही रोते हुए कहती है, "दी छोड़ दो मुझे दर्द हो रहा है और मैने कुछ नही किया है ये तो तुम भी अच्छे से जानती हो तो फिर क्यों मेरे साथ ऐसा व्यवहार कर रही हो...!"

रूही की बात सुन, रीना उस से कहती है, "तू बदनसीब है और तू हमेशा इस घर में बस नौकरानी ही बन कर रहेगी यही तेरी किस्मत में लिखा हुआ है...!" अपनी बात कहकर रीना हसने लगती हैं।

और रीना, रूही का हाथ छोड़ उस को बेड पर गिरा देती है और उस से कहती हैं, "जा जाके घर के सारे काम निपटा...!" और रीना, रूही के कमरे से निकल अपने कमरे मे जाकर दुबारा से सो जाती हैं।

और रूही अपने आप को संभालते हुए बाथरूम में घुस जाती हैं और वहा बैठ कर रोने लगती है, कुछ देर रो लेने के बाद रूही अपना मुंह धोकर बाथरूम से बाहर आ जाती हैं क्योंकि उस की सौतेली मां ने पहले ही उस को पानी से भिगो दिया था बस अब तौलिया से मुंह साफ करना बाकी रह गया था।

और अपनी अलमारी में से एक फटा पुराना सूट निकल लेती है या ये कहो कि उस की सौतेली बहन रीना के द्वारा पहने हुए जो कपड़े पुराने और फट जाते है वो रूही को दे दिए जाते है और रूही के पास बस 6 जोड़ी ही कपड़े है जिस मे से 2 तो बाहर पहन के जाने के लिए है जो थोड़े ठीक से भी है और 4 जोड़ी वो कपड़े है जो कोई किसी जमादार को भी ना दे....!

और उन ही कपड़ो में से एक सूट निकल कर पहन लेती है और घर के सारे कामों को निपटाने में लग जाती हैं, उस की हिम्मत नही हो रही होती है पर फिर भी जैसे तैसे कर के काम निपटा रही होती है क्योंकि उस को पता है कि अगर उस ने काम नही कर तो उस को और भी ज्यादा मारा जायेगा और अब उस की हिम्मत जवाब दे रही होती हैं।

क्योंकि उस ने दो दिन से कुछ नही खाया होता है उस को घर में खाने की चीजों को बनाने का हक था पर जब वो ही खाने की चीज एक दिन से ज्यादा की हो जाती थी तब जाके उस को कुछ खाने को दिया जाता था, ज्यादातर वो पानी पीकर ही काम चलाया करती थी।


To be Continued......❤️✍️

इस चैप्टर पर अपने रिव्यू दे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी कहानी अगला एपिसोड सिर्फ मातृभारती पर।