अजीत को राजीव के साथ के अपने अतीत के बारे में बताते हुये अंकिता ने आगे कहा- राजीव ये बात नहीं जानता था कि हम और हमारी फ्रेंड्स उसकी क्लासमेट होने वाले थे लेकिन हम सब ये बात जान चुके थे जब राजीव ने हम सबसे ब्लॉक-सी के बारे में पूछते हुये ये बताया था कि वो भी एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर का स्टूडेंट है... राजीव की दबंग पर्सनैलिटी और उसके कपड़े पहनने का स्टाइल देखने के बाद हम सारी फ्रेंड्स इस बात को लेकर बहुत एक्साइटेड थे कि राजीव और सीनियर्स की पहली मुलाकात कैसी होगी जब वो लोग क्लास में रैगिंग करने के लिये आयेंगे....
अपनी बात बोलते बोलते अंकिता हल्का सा हंसने लगी और उसने अपना सिर नीचे कर लिया इसके बाद अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये उसने कहा- क्लास शुरू होने वाली थी इसीलिये हम और हमारी फ्रेंड्स भी गार्डन से उठकर क्लास में चले गये, जब हम लोग क्लास के अंदर गये तो हमने देखा कि राजीव... जो शायद अपनी पर्सनैलिटी और अपने कपड़ों की वजह से जैसे वहां पहले से मौजूद बाकी स्टूडेंट्स का सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बन गया हो बिल्कुल वैसे सब लोग उसके साथ ग्रुप बनाकर खड़े थे और ऐसे हंस हंस कर बात कर रहे थे जैसे राजीव का ये पहला दिन ना हो बल्कि वो सब राजीव को पहले से ही जानते हों!!
क्लास के अंदर जाने के बाद जब राजीव ने उन लोगों से बात करते करते हम सारी फ्रेंड्स को देखा तो वो उन लोगों से बात करते करते रुक गया और स्माइल करते हुये हम लोगों के पास आया और बोला- आप लोग भी इसी क्लास में हो क्या?
हमारी एक फ्रेंड ने जवाब दिया - हां हम सब भी फर्स्ट सेमेस्टर के ही हैं!!
"अरे तो पहले बताना चाहिये था मैं आप लोगों के साथ ही यहां आ जाता बेकार में क्लासरूम ढूंढते हुये अकेले आना पड़ गया!!" राजीव ने कहा...
राजीव की ये बात सुनकर हमने पूछा- और हम सबको आपके साथ क्यों आना चाहिये था?
राजीव हंसते हुये बोला- हाहा.. ऐसे ही!!
अपनी बात कहते हुये राजीव ने हमें कुछ अलग तरीके से देखा और बहुत हल्की सी स्माइल देने लगा!!
अंकिता की ये बात सुनकर अजीत तपाक से बोला- अलग तरीके से मतलब क्या? गलत नज़र से?
अंकिता ने कहा- नहीं नहीं बिल्कुल नहीं... अलग तरीके से मतलब अम्म्... जैसे किसी के लिये दिल में कुछ महसूस करते हुये देखते हैं वैसे... रेस्पेक्ट और प्यार भरी नज़रों से!!
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये अंकिता ने कहा- राजीव वैसे तो किसी दबंग के जैसा लग रहा था और बिंदास तरीके से सबसे बात कर रहा था बिल्कुल ऐसे जैसे सबको बहुत अच्छे से जानता हो लेकिन जब क्लास स्टार्ट हुयी और इकनॉमिक्स की मैम क्लास में आयीं तब वो बाकी स्टूडेंट्स की तरह अलर्ट होकर बिल्कुल किसी सीधे साधे बच्चे की तरह अपनी चेयर पर बैठ गया बिल्कुल ऐसे जैसे उसे कुछ पता ही ना हो शायद उसने ऐसा लेडी टीचर की रेस्पेक्ट में किया था..!!
मैम के क्लास में आने के बाद जब हम सारे स्टूडेंट्स के साथ राजीव भी अपनी जगह पर खड़ा हुआ तो मैम भी शायद उसका अपीयरेंस और अटायर देखकर वो ही सोचने लगी थीं जो गार्डन में हम और हमारी फ्रेंड्स उसे देखकर सोचने लगे थे इसलिये उन्होंने राजीव को बड़े ध्यान से पहले ऊपर से लेकर नीचे तक देखा और फिर नीचे से लेकर ऊपर तक देखा और फिर अपनी चेयर पर बैठने के बाद उन्होंने कहा - U must be Rajeev... right?
"हां जी मैम.. मैं राजीव ही हूं!!" राजीव ने कहा और हम बाकी स्टूडेंट्स की तरह अपनी चेयर पर बैठ गया...
इसके बाद मैम ने कहा- बड़ी तारीफ़ सुनी है आपकी और आपका एकेडमिक रिकॉर्ड भी देखा है मैंने... काफ़ी ब्राइट स्टूडेंट हैं आप... थ्रू आउट फर्स्ट डिविज़न!! 10th में 75%, 12th में 72% और ग्रैजुएशन में 78%!!
इसके बाद मैम की "तारीफ़ सुनी है" वाली बात का जवाब देते हुये राजीव ने कहा- अम्म् एक्चुअली मैम... यहां के प्रिंसिपल मेरे एक अंकल जी के कज़न हैं और उन्होंने ही मुझे ये कॉलेज सजेस्ट किया था और प्रिंसिपल सर से भी मेरी मुलाकात यहां आने से पहले दो तीन बार हो चुकी थी इसलिये वो भी मुझे अच्छे से जानते थे.. और मुझे दिल्ली से ही एमबीए करना था तो मैंने यहीं एडमीशन ले लिया!!
इसके बाद मैम ने स्माइल करी और राजीव की लेग पुलिंग सी करते हुये वो बोलीं- But are you sure... कि ये मार्क्स आपकी मेहनत के ही हैं क्योंकि कनपुरिये बहुत जुगाड़ू होते हैं कहीं ये मार्क्स भी तो जुगाड़ से नहीं मिल गये आपको?
अपनी बात कहकर मैम और मैम के साथ साथ हम सब हंसने लगे, राजीव भी हंसते हुये बोला- मैम ये तो आपको दो साल बाद के एमबीए फाइनल सेमेस्टर के रिजल्ट के बाद ही पता चलेगा!!
मैम ने कहा- I was just joking but i like your confidence... Maintain it always!!
इसके बाद मैम ने पढ़ाना स्टार्ट कर दिया और क्लास खत्म होने के बाद क्लास से जाते जाते वो राजीव से फिर बोलीं- राजीव वैसे तो हर कॉलेज की तरह ही यहां भी रैगिंग बैन है लेकिन as a interaction हम टीचर्स ने यहां के सीनियर्स को सॉफ्ट रैगिंग की परमीशन दी हुयी है और तुम्हारी पर्सनैलिटी को देखकर मैं तुमसे बस इतना ही कहूंगी कि U too take it sportingly!! लड़ना मत क्योंकि मुझे पता है कि कनपुरिये लड़ने में बहुत आगे होते हैं!!
मैम की बात का जवाब देते हुये राजीव हंसकर बोला - डोंट वरी मैम... मैं हैंडल कर लूंगा!!
उस दिन उस क्लास के बाद हमें पहली बार पता चला था कि राजीव कानपुर से है और इसीलिये उसकी पर्सनैलिटी में एक अलग ही रॉब था जो उससे मिलने से पहले तक दिल्ली के किसी लड़के में नहीं दिखा था.. इसके बाद मैम के क्लास से जाते ही वही हुआ जो पिछले तीन चार दिनों से हो रहा था यानि करीब दस मेल और पांच छ: फीमेल सीनियर्स क्लास में आ गये और उनके क्लास में आने के बाद कुछ ऐसा हुआ जिसे याद करके आज भी हमें इतनी हंसी आती है कि हम अपनी हंसी रोक ही नहीं पाते हैं!!
हुआ यूं कि.....
क्रमशः