पृथ्वी पर अनेक प्रेम कहानी रची गईं है जैसे हीर रंझा, लैला मजनू जिनकी प्रेम को पूरा कायनात आज तक नहीं भूली है।
हमारे क्लचर में हर प्रेमी को श्रीकृष्णा और प्रेमिका को राधा रानी के रूप में देखा जाता है
ऐसी एक अनोखी प्रेम कहानी का आगाज में कर रही हूँ जो पूर्णजन्म से जुड़ा है ।
पर कुछ कहानियाँ मिलने से नहीं बल्कि बिछड़ने से शुरू होता है। मौत जिनका अंत नहीं शुरुआत होता है
"ऐसा जो कुदरत की हदे नहीं मंगता है जो किस्सम के लेखा नहीं मांगता, जिसमे बेपनाह खुशी होता है पर बेहिसाब दर्द भी होता है...बिरह होता है वो किस्मत होता है जो उन्हें जूदा करता है तो वो कायनात ही होता जो उन्हें शिद्दत से मिलाने की साजिश भी रचता है ऐसी ही एक प्रेम कहानी जो अभय और आंशी की है जो अपने प्यार के लिए किस हद जाएगे ।
नफ़रत से हुईं शादी का हस्र वो हुआ जिसकी कल्पना किसी ने नहीं होंगी ऐसा हुआ था. अपनों के नाम पर रिश्तो में धोखा मिला, जिसके बाद उन का पुनर्जन्म हुआ .. नई कहानी शुरूआता हुईं अभय महेश्वरी जो बिजनेस ...
चलिए शुरू करती हूँ......
ये एक जंगल इलाका था। घने घने पेड़, जो तेज हवाओ से हिल रहे थे जिनकी ध्वनि खतरनाक थे, तेज बारिश कड़कती तेज बिजलियाँ आसमान पर जो जंगल को डरवाना बना रहा था.... उसी जंगल के सुनसान इलाके में फैक्ट्री था.... जिसमे बेकार मशीन पड़े थे।
फैक्ट्री ना मात्र के रोशनी था...
फैक्ट्री के अंदर.....
एक आदमी घसीटते हूए एक लड़की को बीचो बीच लेकिन आया और उसका हाथ छोड़ देता है।
अचनाक हाथ छोड़ देते ही लड़की संभाल नहीं पाई खुद को और मुँह के भल गिर जाती है।
वो खुद संभाल कर उठी थी की वो आदमी गुस्से से दाँत पीसते हूए कहता है, यही जगह है तुम जैसी बचलन लड़की का,
ये आप क्या कर रहे है?. छोड़ दीजिये हम आपके जिंदगी से बहुत दूर चले जाएगे!. आई प्रॉमिस अभय .. (दर्द से तड़पते हूए)....
वो इसके आगे कुछ ख पाती, उससे पहले ही
अभय ने गाल पर थप्पड़ मार दिया, जिससे आंशी नीचे फिर से गिर गईं, होठो से खून निकलने लगता है वो अपनी आँशुओ भरी आँखो अभय को देखने लगी।
अभय को कोई फर्क नहीं पड़ता है, उल्टा वो उस पर चिल्लाते हूए कहता है, उसके बालो को पकड़ कर उठाता है आंशी को बहुत दर्द होता है अपने बालो को छोड़ाने लगी
'झूठ है सब,' तुम्हारी वजह से मैंने अपना प्यार खोया है बल्कि अपने बच्चे को भी खो दिया। कस कर लड़की के बाल को मुट्ठी मे भर नफ़रत से, तुमने हमारे प्यार को दूर कर दिया है इससे मन नहीं भरा तो?. हमारे बच्चे को मार दिया....?. क्या किया था हमने तुम्हारा?.आंशी.. में तुम्हे नहीं छोडूंगा तुम्हें भी वैसे ही मौत मिलेगा ।
अंशी -{गिड़गिड़ाते हुए }हम तो आपसे बहुत प्यार करते हैं अभय जी, प्लीज छोड़ दो हमने कुछ नहीं किया.!. वो सब आपकी माँ और नीता, अर्जित ने किया हमें..सब कुछ वो इतना ही कह पाती,की ...
आह....... आंशी पेट पकड़े हूए नीचे गिर गईं
पेट से खून के बहाव निकलने लगे..... आप जिन्हे अपना कहते वो दोगले ... जो आपके विश्वास का गलत फायदा उठा रहे है बट अफ़सोस की बात है आपने अपनी पत्नी पर विश्वास तक नहीं किया.... आँखो में आंसू लिए.... भगवान करे आपको ख़ुश रखे उखड़ती साँसो से..... हम बेइंतहा मोहब्बत करते है {अचनाक से बंद हो गए }