अब आगे,
अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन कर उस के सौतेले छोटे भाई राजीव का पारा चढ़ गया और अब उस ने अपनी सौतेली बहन रीना के गाल पर एक चाटा मार दिया, अचानक हुए ये सब से उस की सौतेली बहन रीना जमीन पर गिर पड़ी और रोने लगी..!
वही उस का सौतेला भाई राजीव ने अब अपनी सौतेली बहन रीना के बाल पकड़ कर उस से कहा, "आज के बाद अगर तूने मुझ से इस तरीके से बात भी की न तो तेरे हाथ पैर तोड़ के रख दूंगा और हां, अपनी औकात में रह और अगर रूही मेरे सगे बाप की पहली पत्नी की औलाद है ना तो तू भी मेरी सगी मां के पहले पति की औलाद है तो तू भी सौतेली ही है और वही बन कर रह तो ही तेरे लिए सही होगा नही तो मै तेरा वो हाल करूंगा जो तूने कभी सपने में भी नही सोचा होगा..!"
वही उस की सौतेली बहन रीना की सगी मां कुसुम अभी कुछ समय पहले ही बाजार से राशन का सामान लेकर आई ही थी और वो बस कुर्सी पर बैठने ही वाली थी कि अब फिर से उन्हें अपनी सगी बेटी रीना के रोने की आवाज सुनाई देने लगी तो वो अब कुर्सी पर बैठने के बजाए अब अपने कमरे मे जाकर अपने बेड के नीचे से झाड़ू निकल लाई..!
और अपनी सौतेली बेटी रूही के कमरे की तरफ जाने लगी और साथ साथ अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहने लगी, "आज तो मै उस करमजली रूही को जान से मार ही डालूंगी, अब तो चाहे उस का बाप भी बीच में क्यू ना आ जाए मै इस लड़की को छोड़ने वाली नही हु..!"
पर जब रीना की सगी मां कुसुम, अपनी सौतेली बेटी रूही के कमरे मे पहुंच गई तो उन्होंने देखा कि वहा पर उन की सौतेली बेटी रूही तो अभी भी जमीन पर ही बेहोश पड़ी हुई थी..!
तो रीना की सगी मां कुसुम ने अब अपनी सौतेली बेटी रूही को अपने पैरो से हिला कर देखा तो उन्हें पता चला कि वो तो अभी भी अपने होश में नही थी, तो फिर रीना की सगी मां कुसुम ने अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहा, "ये करामजली रूही तो अभी उठने लायक भी नही है तो फिर मुझे, मेरी सगी बेटी रीना की रोने की आवाज कहा से आ रही थी..?"
रीना की सगी मां कुसुम ये सोच ही रही थी कि तभी उस की सगी बेटी रीना की फिर से रोने की आवाज आने लगी अब कि बार उन को पता चला कि ये आवाज उन की सगी बेटी रीना के कमरे से ही आ रही थी तो अब रीना की सगी मां कुसुम अब अपनी सगी बेटी रीना के कमरे की तरफ बढ गई..!
अपनी सगी बेटी रीना के कमरे में पहुंचने पर उस की सगी मां कुसुम ने देखा कि उस की सगी बेटी रीना जमीन पर बैठ के रो रही थी और उस का सगा बेटा राजीव वहा खड़ा हुआ था..!
अपनी सगी मां कुसुम को देख कर अब रीना खड़ी हुई और अब अपनी सगी मां कुसुम के पास पहुंच गई और अपनी सगी मां कुसुम के गले से लग के रोने लगी और रोते हुए अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "मां, समझा लो अपने सगे बेटे राजीव को अपनी औकात में रहा करे और इस की हिम्मत भी केसे हुई मुझे चाटा मारने की..!"
अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर, अब उस की सगी मां कुसुम ने अपने सगे बेटे राजीव की तरफ देखा और उस से पूछा, "क्यो मारा है चाटा तूने अपनी बड़ी बहन रीना को, अब बोल भी..!"
अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब राजीव ने अपने गुस्से में अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "तुम्हारा भी सारा ध्यान अपनी सौतेली बेटी रूही पर ही रहता है कुछ अपनी सगी बेटी रीना पर भी लगा लिया करो तो पता भी चले कितनी बातामीज होती जा रही है ये लड़की और तो और मुझ से जबान लड़ा रही थी..!"
अपने सगे बेटे राजीव की बात सुन कर अब उस की सगी मां कुसुम ने अपने सगे बेटे राजीव से पूछा, "ऐसा भी क्या कर दिया इस ने जो तूने इस पर हाथ ही उठा दिया..?"
अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर, उस के सगे बेटे राजीव ने अपने गुस्से में अब अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "मेरे से बातामीजी से बात कर रही थी और हां, इस को कुछ तमीज सीखा दो नही तो अभी बस एक चाटा ही मारा है अगली बार पता नही क्या कर जाऊंगा, फिर मत कह देना कि पहले बताया नही था..!"
रूही का सौतेला भाई राजीव अब अपनी बात कह कर अब अपने गुस्से में अब अपनी सौतेली बड़ी बहन रीना के कमरे से चला गया..!
अपने सगे बेटे राजीव की बात सुन कर अब उस की सगी मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना को समझाते हुए कहा, "क्या जरूरत पड़ गई थी तुझे उस से भिड़ने की, जब पता है कि उस का दिमाग थोड़ा गरम रहता है, तो दूर रहा कर उस से, नही इस लड़की को तो बस भिड़वा लो मेरे राजू से (रूही की सौतेली मां कुसुम अपने सगे बेटे को प्यार से इसी नाम से बुलाया करती थी)..!"
अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर, अब उन की सगी बेटी रीना ने गुस्सा करते हुए अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "एक तो आप के सगे बेटे राजू ने मेरे ऊपर हाथ उठा दिया और तुम अपने ही सगे बेटे राजू की ही तरफदारी कर रही हो, भला कैसी मां हो तुम, कुछ तो शर्म कर लो..!"
To be Continued......
हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।