अब आगे,
अपनी सगी मां कुसुम के चले जाने के बाद, रूही की सौतेली बहन रीना भी अब अपनी सौतेली बहन रूही के कमरे से बाहर निकल गई और अपने कमरे मे आकर कुछ रुपए ढूंढने लगी पर उस को कुछ मिल ही नहीं रहा था तो अब उस ने अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहा, "यार मैने कभी कुछ रुपए जोड़ के क्यू नही रखे, और अब मै अपने बेबी (बॉयफ्रेंड) को उस के बर्थडे पर क्या और कैसे गिफ्ट दूंगी..!"
तभी रूही की सौतेली बहन रीना के कमरे की तरफ से कोई लड़का निकल रहा था और उस ने रूही की सौतेली बहन रीना की बात सुन ली और अब वो रूही की सौतेली बहन रीना की बात का मजाक उड़ाते हुए रूही की सौतेली बहन रीना से कहने लगा, "तू, रुपए तो तब जोड़ के रखेगी जब तू उन रुपयों को अपने पास रहने भी देगी, तुझे तो जब रुपए मिले हैं तब ही खर्च कर दिए..!"
और अपनी बात कह कर अब वो लड़का, रूही की सौतेली बहन रीना पर हसने लगा..!
वही उस लड़के की बात सुन कर और अपना मजाक बनता हुआ देख कर, अब रूही की सौतेली बहन रीना ने उस लड़के से कहा, "तू तो चुप ही रह और तू छोटा है तो छोटा बन कर ही रहा कर..!"
रूही की सौतेली बहन रीना की बात सुन कर अब वो लड़का रूही की सौतेली बहन रीना के कमरे मे आ गया और उस लड़के ने रूही की सौतेली बहन रीना का हाथ पकड़ कर मोड़ दिया और अब गुस्से से रूही की सौतेली बहन रीना से कहा, "माना मै, तेरा छोटा भाई हू पर तू, मुझे उस रूही की तरह मत समझना कि मार खा के भी वो कुछ नही कहेगी बल्कि मै तो वो चीज हूं जो तेरी जैसी बातामीज लड़कियों की अकल ठिकाने लगाने अच्छे से जानता हूं और ज्यादा चू चापड की ना तो तेरे सारे काले कारनामे को अपनी और तेरी सगी मां के सामने ले आऊंगा, समझ में आया तुझे..!"
उस लड़के ने अब रूही की सौतेली बहन रीना का हाथ छोड़ दिया और अब रूही की सौतेली बहन रीना से कहा, "चल अब जा और जाके फ्रिज में से मेरे लिए एक गिलास ठंडा पानी लेकर आ..!"
उस लड़के की बात सुन कर, अब रूही की सौतेली बहन रीना उस को गुस्से से घूरने लगी तो उस लड़के ने रूही की सौतेली बहन रीना से कहा, "जा रही है या मै, अपनी और तेरी सगी मां को तेरे और तेरे उस बेशरम ब्वॉयफ्रेंड के बारे में सब कुछ बता दू..!"
उस लड़के की बात सुन कर अब रूही की सौतेली बहन रीना डर गई और उस ने उस लड़के से कहा, "नही ऐसा बिलकुल भी मत करना, तुम जो कहोगे मैं करूंगी..!"
रूही की सौतेली बहन रीना की बात सुन कर अब उस लड़के ने रूही की सौतेली बहन रीना के बेड पर लेटते हुए उस से कहा, "तो जा अब मेरा मुंह क्या देख रही है, जा जाके मेरे लिए एक गिलास ठंडा पानी लेकर आ और हां जल्दी लेकर आना और साथ में तमीज से लेकर आना कही पता चले भिखारियों की तरह हाथ में गिलास पकड़वा दे..!"
उस लड़के की बात सुन कर अब रूही की सौतेली बहन रीना ने उस लड़के से कहा, "ठीक है जा तो रही हु, बड़ा आया तमीज वाला..!"
रूही की सौतेली बहन रीना अपनी बात कह कर अब अपना मुंह बनाने लगी और साथ में अपने मन में सोचते हुए कहने लगी, "इस का (उस लड़के का) भी जल्द ही कुछ इंतजाम करना पड़ेगा नही तो ये मेरे सारे काले कारनामे मेरी सगी मां को बता देगा जिन सब का नाम मैने उस बदनसीब रूही पर डाल दिया था..!"
हां तो इस लड़के का पूरा नाम "राजीव शर्मा" था जो रूही के सगे पिता अमर और रीना की सगी मां कुसुम की संतान थी और राजीव बहुत ही बिगड़े हुआ लड़का था और जो भी रुपए उस की सगी मां कुसुम बचा कर रखती थी वो सब राजीव अपने जुए और सट्टे की लत मे उड़ा देता था और अपनी सगी मां कुसुम के सामने एक अच्छा बेटा बन कर रहता था..!
और राजीव घर पर भी तब ही आता था जब रूही के सगे पिता अमर घर पर नही होते थे क्योंकि उस की अपने सगे पिता अमर से बिलकुल भी नही बनती थी, और इसी वजह से शर्मा निवास यानी रूही के घर में आए दिन लड़ाई झगडे होते रहते थे..!
और इसी वजह से रूही की सौतेली मां कुसुम ने अपने सगे बेटे राजीव को उस के सगे पिता अमर के ना होने पर ही आने को बोल रखा था..!
फिर रूही की सौतेली बहन रीना अपने कमरे से बाहर निकल कर रसोई घर में चली गई और वहा फ्रिज से ठंडे पानी की बोतल निकाल कर एक स्टील के गिलास में पानी भर दिया..!
और फिर उस ठंडे पानी की बोतल को वही रख दिया और अब रसोई घर में गिलास को रखने के लिए कुछ ढूंढने लगी पर जब बहुत ढूंढने पर भी उस को कुछ नही मिला..!
क्योंकि वो तो रसोई घर में पैर तक नहीं रखती थी तो उस को कहा से पता होगा कौन सी चीज कहा पर रखी होगी और जब उस को कुछ नही मिला तो गुस्से में आकर वो एक बड़ी सी थाली को ही ले कर उस मे उस गिलास को रख कर ही रसोई घर से निकल गई..!
रूही की सौतेली बहन रीना अपने कमरे मे वापस आ गई तो उस ने देखा कि उस का छोटा और सौतेला भाई राजीव उस के मोबाइल पर कुछ देखा रहा था तो अब रूही की सौतेली बहन रीना ने ठंडे पानी का गिलास और उस बड़ी सी थाली को साइड में रख कर दिया..!
और गुस्से से अब अपने सौतेले छोटे भाई राजीव के हाथ से अपना मोबाइल छीन लिया और गुस्से से अपनी सौतेले भाई राजीव से कहा, "तेरी हिम्मत भी केसे हो गई, मेरा मोबाइल फोन छूने की, वो भी मेरी परमिशन के बगैर..!"
To be Continued....
हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।