Devil Ceo's Sweetheart - 4 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 4

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 4

रूही को अपने लिए आवाज उठानी नही आती थी वो तो बस अपने ऊपर होने वाले सारे जुल्म सह कर भी चुप ही रह जाती थी। कोई भी उस के भोलेपन और मासूमियत का फायदा उठा सकता था।

और क्योंकि उस की सौतेली मां कुसुम और सौतेली बहन रीना उस को मिले महीने के खर्च के रुपए जो रूही के पिता अमर अपने तीनो बच्चो को देकर जाते थे।

वो भी उस से छीन लेते थे इसलिए वो कॉलेज की कैंटीन में पार्ट टाइम जॉब कर के अपना खर्चा निकाला करती थी, और इसी पैसों की कमी की वजह से रूही ने अपनी पढ़ाई में एक साल का गैप भी कर लिया था।

रूही जेसे तेसे कर के अपने कॉलेज की फीस भर कर पढ़ाई कर रही थी। वो अभी आर्ट स्ट्रीम से अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट करना चाहती थी और उस का अभी दूसरा साल चल रहा होता है।

और क्योंकि रूही अपने कॉलेज की टॉपर थी इसलिए उस को स्कॉलरशिप मिला करती थी जिस से भी रूही की पढ़ाई लिखाई का खर्चा निकल जाता था।

कुछ दिन बाद,

जब रूही के घाव कुछ भर गए तो घर के सारे काम जल्दी जल्दी निपटा कर वो आज अपने कॉलेज के लिए निकलने वाली थी।

और इसलिए ही वो अपने कमरे मे कुछ रुपए छुपाकर रखे हुए थे क्योंकि आज रूही की इकलौती दोस्त खुशी का जन्मदिन जो था।

बस इसलिए ही रूही ने बहुत महीनो से उस के लिए कोई छोटा सा गिफ्ट लेने के लिए अपने थोड़े थोड़े रुपए बचाकर रखे थे जिस से वो अपनी दोस्त खुशी को अपने तरफ से कुछ दे सके।

क्योंकि एक खुशी ही थी जो रूही का जन्मदिन याद रखती थी और उस के लिए गिफ्ट व केक भी लेकर आती थी और उस का जन्मदिन बहुत अच्छे से मनाया करती थी।

और हमारी रूही बहुत स्वाभिमानी भी है अगर कोई उस के लिए कुछ भी करता है चाहे वो एक छोटी सी भी चीज ही क्यों न हो तो रूही का भी दिल करता है कि वो भी अपनी तरफ से उस के लिए करेगी चाहे उस के लिए उस को अपनी सौतेली मां, बहन और भाई के जुल्म ही क्यों न सहने पड़े।

इसलिए वो अपने छुपाए हुए रुपए को ढूंढ रही होती हैं पर उस को मिल ही नही रहे होते हैं जिस से वो परेशान हो जाती है और रोने लगती हैं।

रूही की बचपन से एक आदत रही है कि अगर उस को दी हुई चीज या फिर उस ने अपनी ही चीज को कही रख दिया और फिर उस को वो चीज वहा पर मिलती नही है तो वो जल्दी परेशान हो जाती है और रोने लगती हैं।

रूही रो ही रही होती हैं कि उस की सौतेली बहन रीना वहा उस के कमरे मे आ जाती हैं और उस से बड़े प्यार से पूछती हैं, "क्या हुआ, इतनी परेशान सी लग रही है...?"

अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन, रूही रोते हुए उस से कहती हैं, "हां, वो मेरे रूपए नही मिल रहे हैं...!"

रूही की बात सुन, उस की सौतेली बहन रीना से पूछती हैं, "वैसे किस मे रखे थे तुम ने अपने रुपए...?"

अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन, रूही सुबकते हुए उस से कहती है, " एक सफेद लिफाफे में रखे थे मैंने अपने से जोड़े हुए रुपए...!"

रूही की बात सुन, उस की सौतेली बहन रीना उस को एक लिफाफा दिखाते हुए उस से पूछती है, "कही ये तो नही है ना...!"

अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन, उस सफेद लिफाफे को देख रूही के चेहरे पर खुशी आ जाती है और वो अपने बेड से उठ कर एक दम से खड़ी हो जाती है और खुशी से, अपनी सौतेली बहन रीना को कहती हैं, "हां, ये ही तो वो सफेद लिफाफा है और ये तुम्हे कहा से मिला....!"


To be Continue...

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