Nafrat se Pyar tak ki Kahaani - 4 in Hindi Love Stories by Nirali Patel books and stories PDF | नफ़रत से प्यार तक कि कहानी - 4

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नफ़रत से प्यार तक कि कहानी - 4

कॉलेज शुरू होने की बैल बजी और अजय और उसकी टोली क्लास में गए और अपनी अपनी जगह बैठे। न्यूटन और अजय दोनों पहली ही बेंच पर बैठे हुऐ थे। फिर क्लास में प्रोफेसर आए और सब ने खड़े हो कर उनको गुड मॉर्निंग बोला फिर सब अपनी अपनी बुक्स निकलने लगे तभी क्लास में रिया,विक्रम और उनके दोस्त आते हैं। रिया ने क्लास में एंटर होते ही अजय को देखा और उसकी ओर मुंह बिगड़ा। उसका यू बेवजह बिगड़ा मुंह देख अजय से रहा नही गया और वो बोल ही पड़ा "बंदरिया लग रही है"।

अब ये सुन रिया का तो खून ही खोल गया "क्या.....? क्या बोला तुमने......? रिया ने अजय की कोलर को पकड़ा और बोली फिर से बोलो तो क्या बोला? क्या कहा तुमने मुझे.....?
प्रोफेसर वहा क्लास में ही थे इसलिए विक्रम ने रिया का हाथ पकड़ कर कान में धीरे से बोला "रेन दे रिया अभी सर देख रहे है, इससे तो बाद में निपटेंगे। अभी चलो अपनी जगह पर बैठ जाते है।फिर रिया भी ज्यादा तमाशा खड़ा नहीं करती क्युकी सर जो वहा खड़े थे।

ऐसे ही दो- तीन लेक्चर खतम होते ही ब्रेक पड़ती है। अजय और उसके दोस्त केंटीन में जाते है, और बैठते है। रोहित काउंटर पर जाकर समोसे, भेल, एंड फ्रेंच फ्राइज़ की डिशेज लाता है और आकार टेबल पर रखता है और कुर्सी पर बैठता है। सब यानि की राज, सना, न्यूटन और अजय सब धीरे से हंसते है। तो उन सब को हसता देख रोहित मुंह बिगाड़ता है और बोलता है "सबके लिए है यार अकेला नई खाने वाला मैं।"फिर सब बाते करते करते नाश्ता करते है।

वो नाश्ता कर ही रहे थे कि रिया और विक्रम वहा आते है और विक्रम अजय के शर्ट का कोलर पकड़ता है और गुस्से से बोलता है "क्यों बे, क्या बोल रहा था मेरी फ्रेंड को...?"

"कोन फ्रेंड ? मैं नहीं जानता तुम्हारी कोई फ्रेंड व्रेंड को।"अजय एटीट्यूड से बोलता है जैसे सच में उसे कुछ पता नहीं है।"अबे, ओय साणा ना बन, और बता फिर से क्या बोल रहा था मुझे..?"रिया अजय से बोलती है। फिर अजय फिर से कुछ नहीं जानता हो वैसे बोलता है "अरे मैडम मुझे नहीं पता सच में मैंने आपको क्या बोला।"

रिया गुस्से से लाल हो चुकी थी और वो गुस्से में बोलती है"क्यू रे... तुमने मुझे बंदरिया नहीं बोला था..? बता अब तुमने मुझे बंदरिया क्यू बोला तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे बंदरिया बोलने की ?? अब यह सुन अजय हंसने लगता है क्योंकि उसे तो पता था कि वो रिया को बंदरिया बोला था पर उसे रिया के मुंह से यह सुनना था।"हां हां याद आया बंदरिया बोला था मैंने, सही कहा तुमने।"अजय हंसते हुए रिया से बोला। "देखा तुमने विक्रम ये मुझे बंदरिया बोला था और अभी कैसे हस रहा है।"रिया गुस्से से विक्रम से कहा। और फिर रिया फिर से अजय से पूछने लगी कि "क्यू तुमने मुझे बंदरिया बोला ही क्यू...? तुम्हे पता भी है मै तुम्हारा क्या हाल कर सकती हूं....?

यह सुन अजय रिया की फिर से टांग खिंचाई करते हुऐ बोलता है,"कुछ नहीं कर सकती तुम क्युकी मैंने सही तो बोला था तुम्हें "बंदरिया"। यह सुन रिया ओर गुस्से से अजय को देखती है। "रुको मैं ना तुम्हें क्लियरली समझता हूं की तुम बंदरिया कैसे हो। देखो पहली बार जब मैं अपने रास्ते जा ही रहा था और मेरा दुर्भाग्य की तुम भी वही रास्ते से जा रही थी। और बिना कुछ सोचे समझे बोलने लगी की मैं तुम्हारा पिछा कर रहा हूं, क्युकी उस समय तुम्हारा दिमाग शायद काम करना बंद हो गया होगा जिससे रास्ते तुम्हारे पिछे चलने वाले सभी लोग तुम्हें तुम्हारा पिछा करते हुए लगे। उसी दिन जब क्लास शुरू हुईं और सर ने सब से क्वेश्चन पूछा तो तुम्हें उतर नहीं मालूम था, चलो उतर तो किसको नहीं मालूम था पर तुम्हें तो क्वेश्चन भी नहीं मालूम था, क्यू....? क्युकी तुम्हारा ध्यान मोबाईल में था,तुम्हारे कान उस वक्त बंद थे। फिर आज ही की बात है, कॉलेज आते ही तुम जल्दबाजी में दौड़ती हुई आई और आकर मुझसे टकराई, क्यू....? क्युकी तुम्हारी आंखें बंद होगी। वरना इतना बड़ा सख्स किसी नहीं दिखाई देगा। अब सुनो तुम्हारा आंखे बंद, तुम्हारे कान बंद और तुम्हारा दिमाग भी बंद है, यानि की पूरी की पूरी रिया ही बंद।तो हुई ना तुम बंदरिया।"अजय से एक ही सांस में इतना बोल देता है।

अब तो रिया का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वो बड़े ही ज़ोर से चिल्लाती है " अबे.....और विक्रम अजय पर हाथ उठाने की कोशिश करता है।"रुको ये सब क्या चल रहा है, कुश्ती का मैदान समझ रखा है तुम सबने...?"प्रोफेसर दूर खड़े बोलते है और फिर वहा पास आकर के विक्रम और रिया से बोलते है" क्या हुआ आज मैने तुम दोनों को क्लास में भी अजय से जगड़ा करते देखा था। आगे ऐसा नहीं होना चाहिए। और तुम अजय , मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी। अजय सर झुका लेता है और बोलता है"सॉरी सर"।

चलो अब सब अपनी अपनी क्लास में जाओ। प्रोफ़ेसर थोड़ी कड़क आवाज़ में सबसे कहते हैं। फिर सब क्लास में जाने लगाते हैं। राज अजय से बोलता है "वाह यार अजय तुमने तो उस नकचढ़ी की बोलती ही बंद कर दी आज तो, मज़ा ही आ गया आज तो। यह सुन सब टोली हंसती है और क्लास में जाते है।

क्रमश: