Humsafar - 9 in Hindi Love Stories by Seema Tanwar books and stories PDF | हमसफर - 9

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हमसफर - 9

जिसे आस्था ने मना करके वापस भेज दिया और खुद
से ही तैयार हो गई ,,,, सुर्ख लाल जोड़ा बारीगे ने कंगन
चूड़ियां और भी बहुत कुछ आया था उसके लिए भले
ही उसका रंग काला था ,,,, लेकिन मैंने बहुत ही अच्छे थे
उसकी हरि आंखें और घुटनों तक के बाल जिनका बन
बांधा हुआ था और उसके लुक और को और अच्छा
बना रहे थ l

प्यारी लग रही हैं आप दाई मां आस्था सिर्फ इतनी सी
हंसी मुस्कुरा दी दाई मा ने उसका चेहरा घुंघट ढक
दिया और उसे लेकर मंदिर की ओर चल दी ,,,,,
एकांश अपने पूरे फैमिली के साथ पहले ही मंदिर में आ
चुका था दूल्हे के जोड़े में बम बहुत ही हैंडसम दिख रहा
था उसका गोरा रंग हल्की बेयर्ड किलर स्माइल आस्था
के आते ही पंडित जी ने शादी की रस्मों को शुरू कर
दिया l

आस्था किसी बेजुबान गुड़िया के जैसे ही हर एक रसम
को निभा रही थी आनंदी में आकर दोनों का गठबंधन
किया बिना आस्था को देते ही एकांश ने उसके गले में
मंगलसूत्र बांध दिया मांग में सिंदूर भर दिया ,,,,,

उन्होंने फेरे लिए हर एक फेरे के साथ एकांश सच्चे दिल
से आस्था का साथ निभाने का वचन दे रहा था ,,,,, सारी
विधियों को पूरा कर वह सब पैलेस लौट आए और पूरे
रीति रिवाजों के साथ आस्था कहां ग्रह प्रवेश हुआ ,,,,,

एकांश आस्था की शादी हो गई सात फेरों के साथ वह
सात जन्मों के लिए एक दूसरे के हमसफर बन गए ,,,,
एकांश और फैमिली के किसी भी मेंबर ने अभी तक
आस्था को नहीं देखा था ,,,,, अपने बड़ों का आशीर्वाद
देकर वह पहले इसके लिए आ गए ,,,, पूरे रीति रिवाजों के
साथ आस्था का ग्रह प्रवेश हुआ था l अब सभी को
आस्था को देखने की ख्वाहिश थी ,,,,, बहुत ही ज्यादा कि
हमारी भाभी कैसी होगी हमारी कुंवर रानी सा कैसी
होगी ,,,एकांश के लिए मेरी पत्नी कैसी होगी ,,,,

अब सभी लोगों को आस्था को देखने की ख्वाहिश थी ,,,,,
एकांश भी उसे देखने के लिए डेसपरेट हुआ जा रहा था
हालांकि उसकी पर्सनालिटी ऐसी नहीं थी ,,,,,फिर भी
उसका दिल और दिमाग दोनों काम नहीं कर रहे थे
शायद उसे भी अपने हमसफर को देखने के लिए
बेचैनी हो रही थी l

चलो चलो जल्दी से मुंह दिखाई की रस्म करो
हमें हमारी बड़ी भाभी सा को देखना है ,,,, रूद्र और हमें
भी ऐश्वर्या और उतरा ने कहा घर के बड़े भी आस्था को
देखने के लिए बेताब थे l

बड़ी दादी सा आस्था के पास आई और
उसका घूंघट उठाया आस्था का चेहरा देखने के बाद
सभी के चेहरे पर गुस्से से मिले जुले भाव आ गए यह
क्या है ,,,,,, अजिंक्य जी इनके कैसी बहू ले आए ,,,, आप
हमारे कुंवर सा के लिए बड़ी दादी सा ,,,,, और नहीं तो क्या
काका सा हमारे भाई सा के लिए लड़कियों की कमी
थी क्या एक से एक बढ़कर एक से 1 लड़कियों ने मिल
रही थी फिर भी आपने इतनी बदसूरत ऐश्वर्या के आगे
कुछ
बोलने से पहले ही अजिंक्य ने कहा ऐश्वर्या शायद
आप भूल रहे हैं ,,,,,,

कि आप घर के बड़ों के बीच में बात कर रही हैं वह भी
इस घर की सबसे बड़ी बहू और कुंवर रानी सा के बारे

सॉरी भाई साहब माफ कर दीजिए ऐश्वर्या को ऐसा नहीं
कहना चाहिए था और इसकी सजा मैं खुद उसे दूंगी
लेकिन वह गलत भी नहीं बोल रही ,,,, अनीता हां भाई सा
कुंवर सा को इतनी भी अच्छी और खूबसूरत लड़की
मिल जाती फिर भी इस तरह की लड़की से आपने क्यों
उनकी शादी करवाई सुनीता ,,,,

अजिंक्य जी खामोश रहे ,,, ,,

अब खामोश क्यों है अजिंक्य जी जवाब दीजिए
छोटी दादी सा बस अब और एक सवाल नहीं यकीनन
हमने एक घर की औरतों को बात बोलने का
फ्रीडम दिया है इसका मतलब यह नहीं है कि कोई
हमारे बेटे पर सवाल उठाए ,,,,, उनके फैसले को गलत
साबित करें दादा सा ,,,,, यह क्या कर रहे हैं आप वैसे भी
किसी ने कुछ गलत नहीं कहा अभी तो लड़की ही ऐसी
तो सवाल तो उठेंगे ही ना बड़ी दादी l

हमने कहा अब कोई सवाल नहीं होगा दादा सा ,,,,

ऐसा कैसे नहीं हुआ दादा सा हमें भी अपने सवालों का
जवाब चाहिए एकांश जो इतनी देर से खामोश था ,,,,

उसने कहा उसकी आवाज साफ साफ पता लग रहा
था कि वह कितने गुस्से में है अब आप हमसे सवाल
करेंगे एकांश ,,,,, अजिंक्य

बिल्कुल और हमारे हमें हमारे जवाब चाहिए एकांश ,,,,



एकांश अजिंक्य जी चीखें ,,,,, आप भाई साहब को क्यों
डांट रहे हैं काका सा उतरा और भाई साहब कुछ गलत
भी नहीं बोल रहे हैं ,,,,, आपको ही सोचना चाहिए था कि
इस कल लड़की को हमारी भाभी का बनाने से पहले
ऐश्वर्या ,,,,

ऐश्वर्या खामोश खामोश रहिए आप हमारी सोच
इतनी छोटी नहीं है कि किसी को रंग या रूप से जांच
करें और हमारी बहन होने के हिसाब से आपको भी
यह सोच रखनी चाहिए एकांश की वहीं गुस्से वाली रौब
दार आवाज आई ,,,,,आप क्या क्या आप कहां क्या चाहते
हैं भाई साहब l

बस अब और कोई भी बीच में नहीं बोलेगा सिर्फ हम
बात करेंगे और यह आपके कुंवर सा का आदेश है
एकांश l

सब खामोश हो गए एकांश को अपने आप को कुंवर
सा कहलाना बिल्कुल पसंद नहीं था ,,,,, वह हमेशा खुद को
आम ही मानता था ना कि राजा लेकिन उसका अपने
आपको कुंवर सा कहलाना सब को यह बताने के लिए
काफी ताकि वह किस कदर गुस्से में है और उसके
गुस्से से दरवाजे भी डरते थे ,,,,

बाबा की आस्था की उम्र क्या है ,,,,

एकांश जी अजिंक्य जी को जिस बात का डर था ,,,, वही
हुआ आपने सुना नहीं हमने क्या कहा आस्था की उम्र
क्या है एकांश ,,,,

अब सब का ध्यान आस्था की और गया डरी सहमी सी आस्था नीचे सर झुका रोते हुए खड़ी थी ,,,,

उसके चेहरे को कद काठी के साथ समझ आता था कि
वह अभी बच्ची है ,,,, अजिंक्य जी ने कुछ नहीं कहा तो
एकांश आस्था की ओर बढ़ गए ,,, आप बताएं आप की
उम्र क्या है ??? एकांश

आस्था और घबरा गए एकांश को
वह समझ गया था एकांश ने अपनी आवाज का टोन
शांत किए हुए पूछा ,,,,,

आपकी उम्र बताइए एकांश

15 साल आस्था ने रोते हुए कहा एकांश के साथ-साथ
सभी बहुत हैरान थे l