Feelings of poems.. in Hindi Poems by Manshi K books and stories PDF | एहसास ए कविताएं..

Featured Books
  • You Are My Choice - 40

    आकाश श्रेया के बेड के पास एक डेस्क पे बैठा। "यू शुड रेस्ट। ह...

  • True Love

    Hello everyone this is a short story so, please give me rati...

  • मुक्त - भाग 3

    --------मुक्त -----(3)        खुशक हवा का चलना शुरू था... आज...

  • Krick और Nakchadi - 1

    ये एक ऐसी प्रेम कहानी है जो साथ, समर्पण और त्याग की मसाल काय...

  • आई कैन सी यू - 51

    कहानी में अब तक हम ने देखा के रोवन लूसी को अस्पताल ले गया था...

Categories
Share

एहसास ए कविताएं..



1 . यादें लेते जाना....

कभी आंसुओ तले दबी थी मैं
हंस कर गम का घूंट पी थी मैं
मालूम नहीं कहां खो गया वो पल
वो लम्हा जो मेरा हुआ करता था
क्यूं ख़ामोश हो गया तक़दीर मेरा
शायद गलती मेरी होती थी यकीन हो गया मुझे
तेरी हर गलतियों पर पर्दा डाल
तुमसे मिलने की चाहत जो रखती थी
लेकिन अब तुम्हारे जैसा बनने लगी हूं
सुन अब अपनी यादें लेते जाना
इनकी जरूरत नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,

बस करो फिर से मेरे ख़्वाबों में आना
मेरी सोई मोहब्बत को फिर से जगा जाना
क्यूं करते हो मुझे तुम इतना हैरान
मेरे सामने कुछ और सबको धोखे में रखना
आज बता ही दो तुम
आखिर कब तक करोगे मुझे परेशान
सुन अब अपनी यादें लेते जाना
इनकी जरूरत नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,

मरना मुक्कमल करूंगी मैं
पर तेरे यादों में जीना गंवारा नहीं
चाहत अब भी है लेकिन तुमसे राब्ता नहीं
खुश थी मैं अपने अरमानों के सहारे
लेकिन मेरा अस्तित्व ही धुंधला सा लगने लगा
कब तक बेजुबान बन जख्मों पर
मैं अकेले मरहम लगाया करती
सुन अब अपनी यादें लेते जाना
इनकी जरूरत नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,

कहते हैं न मोहब्बत झूठी नहीं होती
लोग कहानियां अक्सर झूठी सुना जाते
गलतियां तो सिर्फ़ निगाहें करती है
गुनाहों की सजा तो दिल को मिलता है
बादलें अक्सर गरजा करते हैं
पर रोना तो आसमां को पड़ता है
मेरी जिंदगी अब खुली किताब की तरह लगती है
मगर समझने के लिए पढ़ना पड़ता है
ख़ुद की सफाई देना वो भी तेरे सामने
मुझे ये मंजूर नहीं
सुन अब अपनी यादें लेते जाना
इनकी जरूरत नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,




2. मुझे तेरी जरूरत है...






सांसों का चलना जैसे थम सा गया है
लगता है जीते जी दिल हार सा गया है
मतलब कुछ नहीं था आंखों में छुपा
इश्क़ के गलियों में भटकने का वजह बन सा गया है
_____❣️❣️

आहिस्ता आहिस्ता ही सही किसी ने
आवाज़ दिया था कभी मुझे
समझ न पाई मैं वो तो सिर्फ धोखा होगा
एक दिन इस दिल को टूट कर बदलना होगा
मालूम नहीं क्यूं मेरा अस्तित्व मिट सा गया है_____❣️❣️

रोते हुए आंखों को अब कौन हंसाए
सीने में जो दर्द छुपा है उसे कौन पढ़ पाए
जानती हूं इस महफ़िल में सब दिखावा है
अब इश्क़ के सफ़र में हमसफ़र किसे बनाए
रोकती नहीं हूं ख़ुद को मैं तेरे पास आने से
पर क्या फ़र्क पड़ता है इससे
तुम तो मुझे भूल सा गया___________❣️❣️

अजनबी बनकर रह गए हम
आख़िर एक दूसरे से अंजान ही तो थे
लिखती मैं भी तेरी मेरी अधूरी कहानी को
जिसे तुम पढ़ कर पास तो आते
ख़ैर मेरी आशिक़ी इतनी झूठी तो नहीं थी
जो अपने अतीत से गुज़रे
हर लम्हें को एहसास से बांध दे
मानो मैं ख़ुद से रूठ सी गई हूं __________❣️❣️

दिल का क्या है वो तो हर रोज
किसी न किसी बहाने से तुझे याद करता
पर अब सांसों को परेशानी हो रही तुमसे
तेरा ज़िक्र करने से घबराती हैं
मुश्किल कैसा है ये की धीरे धीरे
वक़्त बीतता जा रहा है
जैसे जीने की उम्मीद टूट सा गया है__________❣️❣️

अब क्या लिखूं और क्या सुनाऊं मैं
तेरे दिल से बेघर हुई मैं
लगता नहीं कभी वापस लौट पाऊंगी मैं
तेरे लाख बुलाने पर भी पास न आऊंगी मैं
जाते जाते तुमसे सारे रिश्ते तोड़ दूंगी मैं
पर फ़िर भी मेरे दिल से निकलकर
एक आवाज़ आती हैं सीने से
मुझे तेरी जरूरत है ,,,,,,,
मुझे तेरी जरूरत है___________❣️❣️