Love Contract - 8 in Hindi Love Stories by Manshi K books and stories PDF | Love Contract - 8

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Love Contract - 8

उसका पैर अचानक नीचे पड़े बॉल पर चला जाता है । आदिया एक कदम भी नहीं आगे बढ़ी थी वहीं रीवान के ऊपर गिर पड़ी .....

रीवान बेड पर गिरा और उसके ऊपर आदिया गिर जाती है , गिरने के बाद आदिया के सिर से कैप निकल जाता है जो अपने बालों को छुपाने के लिए लगा रखी थी ।
टोपी निकलने के बाद सारे बाल बिखर जाते है , खिड़की खुली हुई थी उससे आती हवाएं आदिया के बिखरे बालों को उसके गालों को चूमने पर मजबुर कर रही थी ।
एक पल के लिए दोनों एक दूसरे के आंखों में खो जाते है । नीचे माता रानी की पूजा चल रही थी , पूजा के दौरान पंडित जी के द्वारा शंखनाद हुआ । जिसका आवाज़ दोनों के कानों तक पहुंचा , आदिया झटके में उठने की कोशिश की लेकिन आदिया के पैर फिर से बॉल पर आने के कारण वापस रीवान के ऊपर गिर जाती है ।

रिवान फिर से खो जाता है , बिना मेकअप के कोई लड़की इतनी सुंदर कैसे दिख सकती है । आंखों में शर्म - हया चेहरे पर मासूमियत , बिना काजल के ये नशीली आंखें कितनी खूबसूरत लग रही है ।

आदिया इस बार ख़ुद को संभालते हुए झटके से रिवाण के ऊपर से उठ कर खड़ी हो जाती है । अपने बाल को समेटते हुए झटके में वो टोपी उठा कर फिर से लड़के के गेटअप में तैयार हो जाती है लेकिन रीवान अपलक उसे निहारता रहता है ।

आदिया दरवाजे के तरफ झटके में बढ़ी लेकिन रीवान
आदिया का हाथ पीछे से पकड़ लेता है । आदिया डरते हुए अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी तभी आदिया का ध्यान रीवाण के बाएँ हाथ में लटक रहे लॉकेट पर गया । बिना कुछ बोले और बिना कुछ सोचे वो रिवान
को धक्का दे कर लॉकेट लेकर भाग जाती है ।

रिवान नीचे गिर पड़ा जिससे उसके सिर में चोट अा गई और वो अपने रूम में ही बेहोश हो गया ।
विराज को सांवरी जी ने इशारा की वो रिवान को बुला ले , अब पूजा ख़तम होने वाली थी लेकिन आरती करने के बाद ।
विराज रिवान को कॉल किया । कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलने पर विराज सोचा कमड़े में जा कर ही बुला लेता हूं ।
वैसे भी यहां बहुत शोर हो रहा है कुछ सुनाई भी नहीं देगा । इससे अच्छा मैं कमड़े में जा कर बुला लेता हूं ।

विराज रिवान के रूम में पहुंचा , वहां जाने के बाद
विराज अपने आंखे बड़े करते हुए " भाई ये क्या हो गया तुझे ? अपनी आंखे खोल रिवान पानी का फुहारा चेहरे पर देते हुए उठाया । रीवान होश में आया ।
भाई ये कैसे हुआ ?? तुम बेहोश कैसे हो गए थे । तुम्हारे सिर से खून भी निकल रहा है आखिर इतनी चोट लगी कैसे ??? खैर चलो ऊपर बेड पर बैठ जाओ मैं फ्रेस्टर बॉक्स लेकर आया । विराज झटके में सांवरी जी के रूम से फ्रेस्टर बॉक्स लेकर आया और रिवान के जख्म पर मरहम पट्टी कर नीचे चलने को कहा ।
रिवान चलो आंटी जी बुला रही है आरती होने वाली है ।
रीवान अपने कबर्ड से सिम्पल येलो रंग का कुर्ता पहन कर नीचे आया । येलो कुर्ता पैजामा मे किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं लग रहा था ।

आरती होने के बाद , सबको प्रसाद दिया गया । सांवरी मितल झटके में रिवान के पास उसके कमड़े में आती हैं " बेटा ये तुम्हारे सिर पर चोट कैसे लगी ?? परेशान होते हुए सांवरी जी पूछी ।
" रिवान " अरे मां ये चोट बहुत छोटा है , आप तो जानती हो न मेरे कमड़े में आज भी बचपन की तरह बहुत सारा बॉल पड़ा रहता है बस उसी का परिणाम है ।
बॉल पर मेरा पैर चला गया था जिससे में स्लिप कर के गिर
पड़ा ।

" सांवरी" बेटा ज्यादा तकलीफ तो नहीं है, दर्द तो नहीं हो रहा तुम्हे सच - सच बताना मुझे ।
मां देखो बिल्कुल ठीक हूं और देखो ये मेरे हाथ में प्रसाद
खा रहा हूं । मुझे कुछ नहीं होगा मां जब तक आप मेरी साथ हो । अब नीचे जाओ मां सभी आए मेहमान आपके बारे में पूछ रहे होंगे आप कहां गायब हो गई ।

नीचे तेरे चर्चे बहुत हो रहे है जाकर सुन न । लगता है बेटा तेरी हाथ अब पीली करनी पड़ेगी मुझे । अच्छा पार्टी में कोई लड़की पसंद आई तो मुझे बताना मैं तुम्हारी शादी करवा दूंगी पक्का । विराज बिल्कुल सही कहा आपने आंटी जी रिवान के लिए लड़की ढूंढ़ना आप शुरू कर दो ।

" रिवान " के हाथ में लड्डू था विराज के मुंह में जबरजस्ती
ठुस्ते हुए , ये खा और अपना मुंह बंद रख । मुझे नहीं करना कोई शादी - वादी मैं कुंवारा ही रहूंगा मां का लाडला बनकर ।

" विराज " लड्डू से भरा मुंह से बोलने की कोशिश कर रहा था आंटी जी नीचे आपको पंडित जी बुला रहे है ।
रिवान मां आप नीचे जाओ आपको पंडित जी बुला रहे है ,
ये भुखड़ पहले मुंह में का लड्डू तो खत्म कर लेता फिर मां को बताता उनको पंडित जी बुला रहे है ।
इतना भी सेंस भी है तुझमें ।

आदिया जल्दी जल्दी अपना मिनी ट्रक लेकर अपने घर पहुंची , घर पहुंचने के बाद पता चला पापा की तबीयत ठीक नहीं थी । आदिया बाबा को दवा पिलाकर आराम करने के लिए बोली । कमला चाची अाई " तुम अा गई बेटा , कब से तुम्हारे बावा सिर्फ़ तेरे बारे में पूछ रहे थे ।
खाना भी खिलाने की कोशिश की मैं पर वो तुम्हारे बिना एक निवाला भी नहीं खाएंगे । ऐसा मुझे बोला ।

" आदिया " क्या आप भी बाबा बिल्कुल बच्चों की तरह हरकत करते , आप खाना खाकर दवा खा लेते तो खांसी इतनी तेज नहीं हो रही होती आपकी ।
अच्छा चाची आप खाना ला दो मै बाबा को खिला दूंगी ।

कमला खाना लेकर अाई , आदिया खाना का थाली लेकर बावा को कैसे भी माना कर खिला देती है । बाबा आपको अब ये 1 घंटे के बाद दवा लेना है ।

" कमला " बिटिया अब तुम भी खा लो । सुबह से जो तुम
बाहर निकली हुई हो , कुछ खाई भी नहीं होगी ।
हमारा कितना मदद करती हो तुम ।
चाची मैं अभी अाई , हाथ धोकर । झटके में घर से बाहर निकल कर हाथ धोकर वापस आ कर चाची के सामने बैठ जाती है ।

" कमला चाची " बैठ बिटिया तोहको आज अपने हाथ से खिला देती हूं । आदिया आराम से नीचे कमला चाची के सामने बैठ जाती है । कमला चाची अपने हाथों से खाना खिलाने लगती है । आदिया के आंखों में आंसू छलक पड़े । कमला चाची बेटा तुम क्यों रोने लगी । सब्जी में मिर्च ज्यादा डाल दिए हैं मैंने । पानी का ग्लास पकड़ाते
हुए , पानी पियो मिर्ची नहीं लगेगी ।
आदिया बिना कुछ बोले कमला चाची से लिपट कर रोने लगी ।

मां की याद आ रही तुम्हे , मैं समझ सकती हूं तुम्हरा दर्द बिटिया । क्योंकि मेरा बचपन भी बिना मेरी मां के साथ के बिना गुजरा था । मत रो बिटिया तुम्हरी चाची तो तुम्हारे पास है न ।

आदिया ख़ुद को संभालते हुए , रोटी का टुकड़ा कमला चाची को खिलाई । चाची मुझे पता है आपको भी अपने
बेटे बहू की याद आ रही है । आपने भी कुछ नहीं खाया होगा । आज आपके बेटे का जन्मदिन था न इसीलिए आप उनके पसंद का खाना बनाई थी और वो हर साल की तरह इस बार भी नहीं आए । कोई बात नहीं चाची तुम्हारी बिटिया एक दिन तुम्हरे बेटे से मिलवा के रहेगी ।
वैसे भी मेरे होते हुए आप किसी और को प्यार करो मुझे मंजूर नहीं है ।
कमला चाची हंसने लगती है लेकिन सीने में जो दर्द था वो एक मां के सीने से जल्दी ख़तम तो नहीं होगी । खाने के बाद दोनों फिर सोने चले जाते है ।





Continue .....

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