Wo Ankahi Bate - 28 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 28

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वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 28

तुमको पकड़ कर रोता रहा और फिर जो ,जो करना होता है।। चांदनी की अंतिम संस्कार के लिए सब तैयार हो कर निकल गए।। तेरी मां को जो,जो तकलीफ़ थी उन सब से मुक्त हो गई थी वो सदा के लिए।।

यश और रिचा दोनों ही रोने लगे और फिर बोला कि पापा कितना तकलीफ़ सहा आप लोगों ने।।
बिमल ने कहा हां, बेटा पर वो बात जो मैंने अब तक तुम्हें नहीं बताया जो बात तुम्हारी मां ने जातें समय कहा था कि यशु को बता देना।देखो बेटा तुम समझदार हो हमें गलत मत समझना हां।।
यश ने कहा ऐसा क्या बात है पापा जो आप मुझे अब तक नहीं बताया।
बिमल ने कहा हां, बेटा वो बात है तुम्हारे जन्म से संबंधित।।
यश ने कहा हां ठीक है बताओ अब?
बिमल ने कहा हां, बेटा वो बात उस समय जब तुम्हारी मां अस्पताल में भर्ती हो गई थी दरअसल वो कभी मां नहीं बन सकती थी मैंने ही सबको यह कहा था कि वो मां बनने वाली हैं और उसी अस्पताल में एक नवजात शिशु के जन्म के बाद ही उसकी मां मर गई थी और वो अनाथ बच्चा जो कि अनाथ आश्रम जाने वाला था पर उसकी रोने की आवाज ने मेरे दिल को छू गया था और फिर डाक्टर से जाकर मैंने कहा था कि वह ये बच्चे को हमें दे दें।कर हमें संतान सुख दे।।
डाक्टर ने कहा हां ,ठीक है यह तो भगवान का चमत्कार हो गया इस बच्चे को उसके मां बाप का प्यार मिल जाएगा।। क्योंकि बिचारे की मां ने जन्म देने के बाद ही चल बसी और इसका कोई नहीं है।।

यश ने कहा क्या? फिर मैं क्या वो बच्चा हुं?
बिमल ने कहा हां ,बेटा हम तुम्हारे बायोलॉजिकल पेरेंट्स नहीं है।।
बेटा मुझे तुम्हें चोट पहुंचाना नहीं था बल्कि सिर्फ सच्चाई बताना था। तेरी मां भी यही चाहती थी और फिर तेरे सिवा हमारा कोई और नहीं है।।
यश एकदम सुन्न पड़ गया और फिर बोला कि अगर नहीं बताते तो क्या बिगड़ जाता?
बिमल ने कहा नहीं, नहीं ऐसा कुछ नहीं है पर इसलिए बताया ताकि अगर मैं भी चला गया और फिर तुझे कहीं बाहर से पता चलता तो क्या होता और मैं कभी खुद को माफ नहीं कर पाता बेटा।।
रिचा ने कहा कि अंकल मैं आपको और आंटी को सैल्यूट करना चाहतीं हुं सच में आप दोनों का प्यार मिसाल देने वाला ही है एक अनोखा प्रेम की कहानी वो भी" समझौता वाली शादी "।।
ये तो आप दोनों की अनोखे प्रेम निशानी है अंकल।।वो तो आपकी संतान है जो सच में भगवान ने ही आप दोनों को दिया है ये भी समझेगा जरूर।।
यश ने कहा मैं अपने रूम में जा रहा हुं कुछ देर अकेला रहना है।।
रिचा ने कहा हां ठीक है।।
अंकल मैं चलती हूं ।। बिमल ने कहा हां, बेटा क्या मैं ग़लत हुं?
रिचा ने कहा नहीं अंकल आप कभी भी ग़लत नहीं हो सकतें हैं।। भरोसा रखियेगा।।
रिचा अपने घर चली गई।
बिमल ने अपने चांदनी की तस्वीर के सामने जाकर खड़ा हो गया

चांदनी मैं कितना निर्दय हो कर यह सब बातें कर पाया मुझे तो एहसास हो रहा था कि तुम मेरे आस पास ही हो।
क्रमशः