यह कहानी नफ़रत से प्यार तक की है। जिसमें मुख्य पात्र के रूप में रिया और अजय है। और यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है।
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“अपने आप को समझते क्या हो तुम कितनी देर से हमारे पीछे पीछे चले आ रहे हो। ज्यादा दिमाग़ खराब हो तो बताओ ? बुलाती हूँ अभी प्रिन्सिपल को।"बड़े ही गुस्से मैं बोली थी रिया।
इतने मैं विक्रम वहाँ आ पहुचा और बोला “क्या हुआ रिया ? यह क्या तुम्हे परेशान कर रहा है?” फिर वो अजय की तरफ मुखातिब हुवा और काफ़ी ज़ोर से बोला, "क्यो बे किस लिए पीछा कर रहा था तू? कौन है?चल अपने रास्ते निकल।”
अजय बोला “मैं अपने रास्ते ही जा रहा हूँ, यह मोहतार्मा भी उसी रास्ते जा रही हैं? यह मेरे आगे थी और मैं पीछे, इसका यह मतलब नही है की मैं इनका पीछा कर रहा हूँ'?
इतना कह कर अजय आगे निकल गया, और पीछे कशिश उसको घूर कर देखने लगी। फिर बोली “बड़ा बदतमीज़ शक्स है। पता नहीं कहाँ कहाँ से आ जाते है ऐसे जाहिल लोग।”
इस पर विक्रम बोला “अरे तुम परेशान ना हो, इसकी अकड़ निकल देंगे जल्दी ही.”
रिया गुस्से से बोली “जल्दी नही आज ही निकालो इसकी अकड़। ताकि अगली बार हम से ऊंची आवाज़ में बात ही ना करे।"
“आपका हुकुम सर - आँखों पर रिया साहिबा, आज क्लास के बाद, इसको सीधा करता हूँ।” विक्रम ने कहा।फिर वो भी अपने बाकी साथियों के साथ आगे बढ़ गए टेक्नोलोजी डिपार्टमेंट की तरफ।
रिया यूनिवर्सिटी के सबसे बड़े ट्रस्टी और फिनांशल डोनर की बेटी थी।ज़रूरत से ज़्यादा घमंडी और बदतमीज़। एक लौटी औलाद होने की वजह से जयादा ही सिर चढ़ि भी थी। विक्रम उसके फादर के पार्टनर का बेटा था, जो साथ ही पढ़ता था। वो एक बिगड़ा हुआ लड़का था।
क्लास मैं सब बैठे हुऐ थे, जब प्रोफेसर शर्मा आए. वो अंदर आ कर सब से मुखातिब हो कर बोले. “आप सबको न्यू सेशन मैं देख कर खुशी होती है। अब जैसे की आप सब को पता है की हम सब का यह पहला दिन है तो आज मैं आपको कुछ ज़यादा परेशन नही करूँगा।बस जो कोर्स हमको कवर करना है उसका थोड़ा सा इंट्रो दूँगा और एक दो सवाल पूछूंगा।”
फिर मिस्टर शर्मा उनको कोर्स के कंटेंट्स की डीटेल देने लगे, फिर उन्होने एक सवाल पूछा “जैसा की आप लोगों को पता है की हम इंडस्ट्रियल डिज़ाइन्स पढ़ेंगे आने वाले दिनों मे, उनके 3डी एंड 2डी मॉडेल्स बनाएँगे. इस लिए मैं आप से कलर्स से रिलेटेड एक सवाल करता हूँ, आप मे से कौन सॅचुरेशन को डिफाइन कर सकता है?”
पूरे क्लास मैं कोई कुछ नही बोला। सब शांत थे एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे। इधर रिया मिस्टर शर्मा क्या कह रहे हैं इस पर ध्यान नही दे रही थी, वो तो मज़े से अपने मोबाइल से खेल रही थी। तभी मिस्टर।शर्मा की नज़र उस पर पड़ी। वो बोले “रिया तुम बताओ।”
रिया खड़ी हो गयी, पर उसको सवाल तो पता नही था। वो इधर उधर देखने लगी।
मिस्टर शर्मा बोले “यहा वहाँ देखने से सवाल और उसका जवाब नही आ जाता है। तुमको तो शायद सवाल ही नही पता होगा। जिस वक़्त मैं सवाल पूछ रहा था तब तुम मोबाइल पर बिज़ी थी।"
वो फिर बोले “बड़ी ग़लत बात है, आप में से कोई भी नही जानता इस सवाल का जवाब। "
तभी पीछे से एक हाथ उठा, और आवाज़ आई "सर
क्या मैं कोशिश करूँ ?"
मिस्टर. शर्मा बोले “हाँ ज़रूर। ”
“द सॅचुरेशन ऑफ आ कलर इस डेटर्मिन बाइ द कम्बिनेशन ऑफ लाइट इंटेन्सिटी एंड हाउ मच इट इस डिस्ट्रिब्यूटेड अक्रॉस द स्पेक्ट्रम ऑफ डिफरेंट वेवलेंस। प्यूरेस्ट (मोस्ट सेचुरेटेड) कलर इस अचीव्ड बाइ यूज़िंग जस्ट वन वेव्लेंत अट ए हाइ इंटेन्सिटी, सच आस इन लेज़र लाइट। इफ़ द इंटेन्सिटी ड्रॉप्स, देन आस ए रिज़ल्ट द सॅचुरेशन ड्रॉप्स। "
मिस्टर. शर्मा “शाबाश, क्या बात है। बिल्कुल सही जवाब है बरखुरदार। क्या नाम है आपका?”
" अजय मेहरा " जवाब मैं अजय ने अपना नाम बताया।
हम्म्म......."तुमने अभी जॉइन किया है ना??यहाँ के तो नही लगते।” मिस्टर शर्मा बड़ी गरम जोशी से बोले।
"जी सर मैने हाल ही मैं जॉइन किया है." अजय ने जवाब दीया।
“बहुत अच्छे अजय। इसी तरह ध्यान दो अपनी पढ़ाई पर। " मिस्टर शर्मा ने उसका हौसला बढ़ाया।
“शुक्रिया सिर, मैं पूरी कोशिश करूंगा।” अजय ने जवाब
दिया।
आगे की कहानी अगले भाग में.........
THANKS FOR READING ❤️
NIRU ✍️✍️