Justice of the Throne Family in Hindi Children Stories by MB (Official) books and stories PDF | सिंहासन परिवार का न्याय

Featured Books
Categories
Share

सिंहासन परिवार का न्याय

घने जंगल में, जहां हर प्रकार के जानवर रहते थे, एक शेरों का समूह था जिसे सब "सिंहासन परिवार" के नाम से जानते थे। इस परिवार का नेतृत्व एक वीर और न्यायप्रिय शेर करता था, जिसका नाम था राजा शेर सिंह। सिंहासन परिवार का लक्ष्य जंगल में सभी जानवरों के अधिकारों की रक्षा करना और जंगल में शांति और न्याय स्थापित करना था।

### सिंहासन परिवार का परिचय

राजा शेर सिंह बहुत ही बुद्धिमान और साहसी शेर था। उसके साथ उसकी रानी, रानी शेरनी और उनके तीन बच्चे, बलराम, भीम और शिवा थे। राजा शेर सिंह ने अपने बच्चों को भी न्याय और साहस के मूल्यों से परिचित कराया था। उन्होंने सिखाया कि जंगल में सभी जानवरों के अधिकारों की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है।

### जंगल की चुनौतियाँ

जंगल में सब कुछ शांत और सुंदर था, लेकिन एक दिन जंगल में कुछ समस्याएँ उत्पन्न होने लगीं। एक लालची और निर्दयी शेर, जिसका नाम था दानव सिंह, ने जंगल के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया और वहां के जानवरों को अपने अधीन कर लिया। वह उनसे जबरन काम कराता और उनकी स्वतंत्रता छीन लेता। सभी जानवर दानव सिंह से बहुत डरते थे और उसकी अत्याचारों से त्रस्त थे।

### राजा शेर सिंह का निर्णय

जब राजा शेर सिंह को इस बात की जानकारी मिली, तो उसने तय किया कि वह दानव सिंह के अत्याचारों का अंत करेगा और जंगल में सभी जानवरों के अधिकारों की रक्षा करेगा। उसने अपनी रानी शेरनी और बच्चों के साथ मिलकर एक योजना बनाई। 

राजा शेर सिंह ने सबसे पहले जंगल के सभी जानवरों को एकत्र किया और उन्हें आश्वस्त किया कि वे उनके साथ हैं और उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे। सभी जानवरों ने राजा शेर सिंह का समर्थन किया और उनके साथ मिलकर दानव सिंह के खिलाफ खड़े होने का निश्चय किया।

### संघर्ष की शुरुआत

राजा शेर सिंह ने अपने परिवार के साथ मिलकर दानव सिंह के कब्जे वाले क्षेत्र में प्रवेश किया। वहाँ उन्होंने देखा कि कई जानवर बंदी बनाए गए हैं और उन्हें बहुत बुरा व्यवहार किया जा रहा है। राजा शेर सिंह ने तुरंत उन जानवरों को आजाद कराया और दानव सिंह का सामना करने के लिए तैयार हो गया।

दानव सिंह ने राजा शेर सिंह को चुनौती दी, लेकिन राजा शेर सिंह ने उसे समझाया कि जंगल में सभी जानवरों के अधिकार समान हैं और कोई भी उन्हें छीन नहीं सकता। दानव सिंह ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और उनसे लड़ने के लिए तैयार हो गया।

### न्याय और साहस का प्रतीक

लड़ाई शुरू हुई और दोनों शेरों के बीच जोरदार संघर्ष हुआ। राजा शेर सिंह ने अपने साहस और बुद्धिमानी से दानव सिंह को पराजित किया और उसे जंगल से बाहर निकाल दिया। सभी जानवरों ने खुशी मनाई और राजा शेर सिंह की जय-जयकार की।

राजा शेर सिंह ने जंगल में एक नया नियम स्थापित किया कि कोई भी जानवर दूसरे पर अत्याचार नहीं करेगा और सभी के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। उसने सभी जानवरों को आश्वस्त किया कि वे हमेशा उनकी सुरक्षा और न्याय के लिए तत्पर रहेंगे।

### सिंहासन परिवार की भूमिका

राजा शेर सिंह के बच्चों ने भी इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बलराम ने अपनी ताकत और साहस से कई जानवरों को बचाया, भीम ने अपनी बुद्धिमानी से दानव सिंह के जालों को निष्फल किया और शिवा ने अपने उत्साह और हिम्मत से सभी को प्रेरित किया।

राजा शेर सिंह ने अपने बच्चों को सम्मानित किया और उन्हें सिखाया कि जीवन में न्याय और सत्य का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने बच्चों को समझाया कि हमें हमेशा एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और किसी भी कठिनाई का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

### जंगल में शांति और समृद्धि

दानव सिंह के जाने के बाद, जंगल में फिर से शांति और समृद्धि लौट आई। सभी जानवर खुशहाल और स्वतंत्र जीवन जीने लगे। राजा शेर सिंह और उसका परिवार सभी जानवरों के अधिकारों की रक्षा करता रहा और जंगल में न्याय और शांति बनाए रखा।

### जंगल की प्रेरणा

राजा शेर सिंह की कहानी जंगल के सभी जानवरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई। सभी जानवरों ने सीखा कि अगर हम सत्य, न्याय और साहस के साथ खड़े हों, तो कोई भी अत्याचार हमें पराजित नहीं कर सकता। सिंहासन परिवार का नाम जंगल के हर कोने में गूंजने लगा और वे सभी के दिलों में बस गए।

### समाप्ति

राजा शेर सिंह और उसका परिवार जंगल के सभी जानवरों के लिए एक आदर्श बन गए। उन्होंने सिखाया कि जीवन में न्याय, सत्य और साहस का पालन करना ही सबसे महत्वपूर्ण है। सिंहासन परिवार की कहानी हमेशा के लिए जंगल के इतिहास में दर्ज हो गई और वे सभी के लिए एक प्रेरणा बन गए।

 

समाप्त।