Blue Zone Ke Log Shatayu aur Swasth Kyon in Hindi Health by S Sinha books and stories PDF | ब्लू ज़ोन के लोग शतायु और स्वस्थ क्यों !

The Author
Featured Books
Categories
Share

ब्लू ज़ोन के लोग शतायु और स्वस्थ क्यों !

                              ब्लू ज़ोन के लोग शतायु और स्वस्थ क्यों  !

हम सभी चाहते हैं कि हमारी  लंबी उम्र ,  और हम स्वस्थ और खुश रहें  .  पर अक्सर ऐसा विरले ही हो पाता  है  . नेशनल जियोग्राफिक के वैज्ञानिकों  और अन्वेषकों ने इस विषय पर अध्ययन किया और पता लगाने की कोशिश की है कि धरती पर क्या ऐसी कोई जगह है जहाँ के लोगों की उम्र लंबी होती है और वे स्वस्थ रहते हैं  . तब उस टीम ने पाया कि धरती पर ऐसी कुछ जगहें हैं  जहाँ के लोगों की उम्र लंबी होती है और वे स्वस्थ रहते हैं  . पर ऐसी जगहें उंगली  पर गिनने योग्य हैं और इस जगह का नाम उन्होंने  “ ब्लू ज़ोन “ दिया  है  . 

ब्लू ज़ोन क्या है  - कुछ जगहों के करीब 20 वर्षों के अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने देखा है कि वहां के लोग 100 साल या उस से भी ज्यादा जीते हैं और वह भी हेल्दी और खुशहाली के साथ  . आमतौर पर इन लोगों में  कोई डायबिटीज , दिल की बीमारी , कैंसर डेमेंशिया आदि क्रोनिक बीमारी नहीं देखी गयी है  . इन जगहों को ब्लू ज़ोन माना  गया है  . एक अध्ययन के अनुसार वैश्विक स्तर पर औसत आयु 72. 3  वर्ष है  . हांगकांग और मोनाको के लोगों की औसत आयु करीब 86 वर्ष है जबकि हमारे देश की  करीब 72 वर्ष  


ब्लू ज़ोन कहाँ है - . नेशनल जियोग्राफिक के अन्वेषक डान बेटेनर के अनुसार पृथ्वी पर पांच ओरिजिनल ब्लू ज़ोन हैं -


1  . सार्डिनिया , इटली -  यहाँ  दुनिया के सर्वाधिक आयु के लोग रहते हैं  . 


2 . ओकिनावा , जापान -  दुनिया में सर्वाधिक आयु की महिला का घर यहीं है  . आमतौर पर यहाँ के लोग दीर्घायु और स्वस्थ होते हैं  . 


3 . लोमा लिंडा , कैलिफ़ोर्निया USA - यहाँ अमेरिका की औसत आयु से 10 साल बड़े लोग रहते हैं  . 


4 . आईकारिआ , ग्रीस - यह एक छोटा सा टापू है जहाँ के लोग दीर्घायु और क्रोनिक रोग से मुक्त देखे गए हैं 


5 . निकोया , कोस्टा रिका - यहाँ के लोग भी दीर्घायु होते हैं ,कुछ  लोगों की आयु 90 वर्ष या ज्यादा भी है  . 


डान बेटेनर के अनुसार सिंगापुर भी ब्लू ज़ोन में रखा जा सकता है  . यह ओरिजिनल और नेचुरल न हो कर एक मानव निर्मित ब्लू  ज़ोन है जो कठोर अनुशासन और नियमों के पालन करने से हुआ है  . 


 जापान,  सिंगापुर , स्पेन , स्विट्ज़रलैंड और साउथ कोरिया  - दुनिया के  ऐसे टॉप पांच देश हैं जहाँ के निवासियों की उम्र अन्य देशों की तुलना में काफी ज्यादा है  . जापान में करीब 70, 000 लोग शतायु हैं यानि  100 वर्ष से ज्यादा आयु के हैं  .  अकेले ओकिनावा प्रांत के दो तीन छोटे  गाँवों  में 400 से ज्यादा लोग सौ साल से ज्यादा उम्र के हैं  .  ओकिनावा प्रांत के कुनिगामि जिले का एक गाँव है ओगिमि  जहाँ सौ वर्ष से ऊपर के लोगों की संख्या  बहुत है  . 


मगर बात सिर्फ शतायु होने की नहीं है बल्कि इसके साथ उनके स्वस्थ और खास कर उनकी याददाश्त भी कायम रहने की है  . बुढ़ापे में अक्सर डेमेंशिया या अल्ज़ाइमर्स रोग के चलते याददाश्त चली जाती है या बहुत कमजोर हो जाती है  .उनके दीर्घायु और स्वस्थ  होने का  राज जानने के लिए कुछ देशों के वैज्ञानिकों ने ओगिमि की यात्रा की है  .  एक अमेरिकन वैज्ञानिक विल कॉक्स अल्ज़ाइमर्स रोग के उपचार के लिए शोध कर रहे थे   . 


कॉक्स ने अनेकों देशों का दौरा किया   .इस सिलसिले में वे ओगिमि पहुंचे  और उन्होंने  लोगों से पूछताछ की  . उन्होंने देखा कि  एक 98  साल की महिला ने आराम से झुक कर चटाई को अपनी हथेली से स्पर्श किया   .  एक 54  साल की महिला जिसने  जापान के मेनलैंड से आ कर ओगिमि  निवासी से शादी की थी  वह देखने में 19 - 20  वर्ष से ज्यादा आयु की नहीं लगती थी  . जब उन्होंने एक  शतायु निवासी से पूछा  “  आप जापान के युद्ध के बारे में कितना जानते हैं ? “


“  किस युद्ध के बारे में आप जानना चाहते हैं ? “  निवासी ने कहा 

“ आप क्या कहना चाहते  हैं ? “


“ मेरा मतलब है कि प्रथम विश्व युद्ध या द्वितीय विश्व युद्ध  . मुझे  दोनों  युद्ध की बातें याद हैं  “


फिर कॉक्स ने उनके खान पान , रहन सहन के बारे में  पूछा  . उनका जवाब था कि उनका खानपान , रहन सहन पश्चिमी संस्कृति से बिल्कुल भिन्न है  .  उनका अपना एक विशेष और  मातृसत्तात्मक समाज है  . ओगिमि वालों की भाषा और संस्कृति आम जापानियों से भी अलग  है और वे इसे बनाये रखना चाहते हैं  .लंबी  उम्र के लोग भी काफी एक्टिव रहते है , यहाँ तक कि वे सूत भी काटते दिखेंगे  . उनके खाने में  टोफू ,  स्वीट पोटैटो , कोंबु  सीवीड  , गोया ( जापानी  तीखा खीरा ) और शिकुवासा ( एक फल जिसमें पर्याप्त साइट्रस एसिड और  विटामिन C है ), स्थानीय सब्जियां ( ज्यादातर अपने बगान या खेत की  )  शामिल  हैं . इसके अलावा   अंडे ,  होल ग्रेन और  टूना मछली ,  भी उनके भोजन में शामिल हैं .  फ़ास्ट फ़ूड और सैचुरेटेड फैट उनके भोजन में नहीं होते हैं और नमक की मात्रा भी स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों से भी कम होती है  . कुछ ओगिमि वासी यदि अन्य शहर में जा बसते  हैं तो भी वे अपने गाँव से शिकुवासा ,  सी वीड्स आदि विशेष  खाद्य मंगवा कर अपने भोजन में जरूर शामिल करते हैं  . 


कॉक्स ने  ओगिमि  गाँव से उनके खाद्य पदार्थों के नमूने  साथ ला कर  अपने लैब में टेस्ट किया  . उन्होंने  देखा कि ओगिमि वासियों के खाने में L- सिरीन  ( L- serine )   की मात्रा काफी ज्यादा होती है  . यह मात्रा औसत स्वस्थ अमेरिकी की तुलना में करीब चार गुना ज्यादा थी  . टोफू ,  स्वीट पोटैटो , कोंबु  सी वीड ( seaweed )   , गोया ( तीखा खीरा )  में प्रचुर मात्रा में L - सिरीन  पाया जाता है  . इसके अलावा लैम्ब  , बत्तख , एल्क आदि के मांस में भी  यह होता है  . L - सिरीन  एक ख़ास प्रकार का उच्च स्तरीय एमिनो एसिड होता है जो न्यूरोप्रोटेक्टिव  है. इसका मतलब है कि यह हमारे मस्तिष्क के  ब्रेन सेल्स  ( न्यूरॉन्स -  neurons  ) के लिए लाभप्रद है जो मस्तिष्क की गतिविधियों को सुचारू रूप से नियंत्रित रखता है और ब्रेन  को स्वस्थ रखता है  . हमारा शरीर और मस्तिष्क भी कुछ  एमिनो एसिड बनाता है पर इसकी उचित मात्रा और  स्तर  बनाये  रखने के लिए हमें L - सेरीन वाले उपरोक्त भोजन लेना चाहिए ताकि लम्बी उम्र तक मस्तिष्क ओगिमि वासियों की तरह स्वस्थ रहे  . 


हेल्दी लॉन्ग लाइफ के लिए ब्लू जोन से हम क्या  सीख सकते हैं - 20 वर्षों से ज्यादा डान बेटेनर और टीम ने अध्ययन कर देखा है कि हेल्दी लॉन्ग लाइफ के लिए  निम्न नौ बातें ब्लू ज़ोन से सीखने लायक हैं - 


1 . एक्टिव और चलते रहें 


2 . जीने  का उद्देश्य समझें 


3 . स्ट्रेस मुक्त रहें 


4 . अपनी क्षमता से 20 % कम खायें  यानि पेट 80 % भरना और 20 % फ्री 


5 . यथासंभव भोजन ज्यादा से ज्यादा  प्लांट बेस्ड हो 


6 . शराब और धूम्रपान न करें या कम से कम हो 


7 . अपने समाज से जुड़े रहें 


8 . परिवार को प्राथमिकता दें 


9 . ऐसी संगति में रहें जो हेल्दी हैबिट्स का पालन करते हैं 


अपने व्यक्तिगत जीवन में ब्लू ज़ोन के निर्देशों का कैसे पालन करें - 


आजकल दुनिया में सर्वत्र  आधुनिकीकरण और वैश्वीकरण व्याप्त है , लोग धनोपार्जन और भौतिक सुख सुविधा की प्राप्ति  के लिए भागदौड़ करते रहते हैं  . हर समय जल्दबाजी में रहते हैं - फ़ास्ट पैकेज्ड फ़ूड उठा कर खा लिए , थोड़ी दूर जाने के लिए भी कार या कोई अन्य ट्रांसपोर्ट चाहिए , हमेशा कुछ और पाने की इच्छा और परस्पर 

प्रतिस्पर्धा के चलते जीवन में अक्सर चिंता और तनाव बना रहता  है  . फ़ास्ट और अनहेल्दी फ़ूड खाएंगे और जिम जाएंगे और कुछ दिनों के बाद जिम जाना भी छोड़ देंगे  . 


ब्लू ज़ोन के  उपरोक्त सिद्धांतों को व्यवहार में अचानक नहीं लाया जा सकता है पर लाइफ स्टाइल में कुछ बदलाव ला कर आरंभ किया जा सकता है जैसे रेगुलर वर्क आउट या व्यायाम संभव नहीं है तो कम से कम 15 मिनट वाक तो रोज कर ही सकते हैं  . इसी तरह अन्य पहलुओं पर भी एक प्लान बना कर उस पर धीरे धीरे फोकस कर सकते हैं  . 


कुछ हेल्दी लिविंग आइडिया - 


1 . एक्टिव रहें - टहलना , तैरना , बागवानी आदि में से किसी न किसी एक्टिविटी में नित्य  कुछ देर एक्टिव रहें  . 


2 . कोई नयी एक्टिविटी जिसमें आपको रूचि हो उसे ढूंढ कर उसी में एक्टिव रहें  . 


3 . संभव हो तो किसी एक्टिविटी के लिए नियमित रूप से एक अलार्म लगा कर रखें  . 


4 . हर खाने में प्लांट बेस्ड फ़ूड की मात्रा कुछ बढ़ाएं  . 


5 . संभव हो तो सप्ताह में एक दिन सिर्फ प्लांट बेस्ड फ़ूड खाएं - फल , सब्जी , सलाद आदि  . 


6 . स्ट्रेस कम करने के लिए कुछ मेडिटेशन , योग करें  . 


7 . समुचित निंद्रा लें  . 


8 . सकारात्मक सोच रखें  . 


9 . ब्रेन गेम खेलें - चेस , सुडोकू , क्रॉसवर्ड , रूबिक क्यूब , स्क्रैबल आदि   . 


10 . परिवार के साथ कुछ समय जरूर बिताएं और उस समय फोन , टीवी आदि से दूर रहें  . 


11 . अपने समाज में मिला जुला करें ,  स्वयंसेवक बन कर सामाजिक कार्य में योगदान दें  . 


12 . अपने  मनपसंद लोगों के  ग्रुप में रहकर किसी स्वास्थ्य या  आस्था संबंधित  एक्टिविटी में भाग लें  .  


संभव हो आरम्भ में  ये काम कुछ  कठिन अवश्य लगेगा पर धीरे धीरे इन्हें  अपनाते जाएँ ( सभी नहीं तो इनमें ज्यादा से ज्यादा ) तो उपरोक्त  उपायों से स्वस्थ और दीर्घायु रहा जा सकता है  . 

                                                              xxxxxxx