“ अभय का तनवी से माफी मांगना..!”
अब आगे,
अभय का गुस्सा शांत ही नही होता है तो अभय फिर तनवी से कहता है,
"और हां अब चुपचाप जाकर तैयार हो जाओ, मै तुम्हारे लिए कुछ कपडे लाने को बोलता हूं..!"
अभय, आकाश की और देखता है तो आकाश अपने बॉस के इशारे को समझकर आईसीयू के कमरे से बाहर निकल जाता हैं। और साथ में राज भी आईसीयू के बाहर निकलने लगता हैं..!
आईसीयू से बाहर निकलने के बाद आकाश, राज से कहता है,
" तुम क्यों मेरे पीछे पीछे आ रहे हो..? "
राज गुस्से से आकाश को कहता है,
" तो, क्या करू, बॉस के हाथो मर जाऊं...! "
फिर राज, आकाश से दुबारा कहता है,
" बॉस, तनवी मैम तक पर गुस्सा कर रहे हैं जबकि उनकी याददाश नही है तो तुझे क्या लगता है मुझे ऐसे ही जिंदा छोड़ देंगे..! "
आकाश, राज की बात सुनके बोलता है,
" अच्छा...अच्छा ठीक है अब तुम डॉक्टर को बुला लो और मै तनवी मैम के लिए कपड़े लेकर आता हूं, नही तो बॉस हम दोनो को नर्क के दर्शन करवा देंगे..! "
आकाश की बात सुन, राज कहता है,
" हां, ये ठीक हैं..! "
फिर आकाश हॉस्पिटल से बाहर निकलकर किसी को कॉल करता है और राज हॉस्पिटल मे ही डॉक्टर को बुलाने चला जाता हैं..!
अभय अब तनवी को देख रहा होता है जो दूसरी तरफ अपना मुंह कर के बिस्तर पर लेती होती हैं..!
अभय, तनवी को मानते हुए कहता है उससे कहता है क्योंकि उसको अपनी गलती का एहसास हो रहा होता है,
" बच्चा, मुझे माफ़ कर दो न, मैने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया..! "
तनवी उदास होकर अभय से कहती हैं,
"सब के सामने गुस्सा करते हो और अकेले में माफी मांग रहे हो..!"
तनवी, अभय को कहती है,
" और यह बात उन दोनो भईया के सामने बोलने में कोई परेशानी हो रही थी क्या आपको..? "
अभय, तनवी की बात सुनके कहता है,
" बच्चा, मैने माफी मांग तो ली है और तुम्हे बताया तो है कि वो दोनो मेरे लिए काम करते हैं तो ..! "
अभय अपनी बात पूरी करता उस से पहले ही तनवी, अभय पर भड़क जाती हैं,
" तो, आप मुझसे माफ़ी मांग के मुझे पर एहशान कर रहे हो क्या..? "
अभय, तनवी को गुस्से को देख ही रहा होता है कि तभी उन दोनो को किसी चीज के गिरने की आवाज सुनाई देती है तो वो दोनो देखते हैं कि आईसीयू के दरवाजे पर राज और आकाश खड़े होते हैं..!
वही आकाश के हाथ में कुछ ड्रेस होती हैं और कुछ जमीन पर गिरी हुई होती हैं क्युकी उन दोनो ने अभय की बातो को सुन लिया होता है..!
उन दोनो को देख के ही लग रहा होता है कि कोई भूत देख लिया हो क्योंकि उन दोनो ने अभय की कही हुई बाते सुन ली होती है जिस वजह से उन दोनो को बहुत हैरानी हो रही होती है कि उनका बॉस किसी से माफ़ी भी मांग सकता है..!
तनवी, आकाश और राज को देखकर बोलती है,
" अरे, भैया आप दरवाजे पर क्यों खड़े हो अंदर आ जाओ ना..? "
तनवी की बात सुन, आकाश और राज दोनो को होश आता है और डॉन साथ मे आईसीयू में अंदर आते है और आकाश के हाथ में बहुत सारे बैग्स होते हैं और राज अपने साथ डॉक्टर्स की टीम लेकर आया होता है..!
आकाश, अभय को बैग्स देते हुए कहता है,
" बॉस, यह लीजिए..! "
अभय आंखे दिखाते हुए आकाश से कहता है,
" यह मुझे क्या दे रहे हो, तनवी को दो..! "
आकाश, तनवी के पास वो सारे बैग्स रख देता है,
" यह लीजिए..! "
तनवी, राज से पूछती है,
"अरे भैया आप इतने सारे डॉक्टर्स को क्यों बुला लाए हो..?"
राज, तनवी की बात सुन आगे बोलने वाला होता है,
" वो..क्या है न..! "
अभय बीच में ही बोल पड़ता है और गुस्से से डॉक्टर्स की टीम को कहने लगता हैं,
" मेरा मुंह क्या देख रहे हो, अब तनवी को अच्छे से चेकअप करो और उसकी यह पट्टी और ड्रीप हटा दो..! "
अभय के गुस्से को देख वो सब डाक्टर डर जाते है, और अभय से कहते है,
" जी...जी सर...!"
और फिर वो सब डॉक्टर्स जल्दी जल्दी अपना काम करने लग जाते है..!
तनवी, अभय की केयर करते हुए कहती हैं,
" भैया, आप नमक कम खाया करो और साथ में अपना चेकअप कराओ क्योंकि आपको गुस्सा बहुत ज्यादा आता है और यह ब्लड प्रेशर हाई होने के लक्षण हैं...! "
अभय के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है जो कि तनवी की कही हुई बातो के द्वारा आई होती है और साथ में आज तनवी पहली बार अभय की केयर कर रही होती हैं..!
एक डॉक्टर तनवी से कहती है,
" मैम, अब आप उठ सकती है..! "
अभय उन डॉक्टर्स से पूछ रहा होता है,
" अब जाओ यहां से और हां, तनवी को कोई दिक्कत तो नही होगी ना ट्रैवल करने से..? "
वो डॉक्टर्स, अभय की बात सुन डर के साथ कहते है,
" जी...नहीं सर, ऐसा कुछ नही होगा..! "
तनवी आकाश के लिए बोल रही होती है पर तीनो एक साथ तनवी की तरफ देख रहे होते हैं,
" अरे ! इतने सारे कपड़े किसलिए ले आए हो भैया..? "
जब तनवी देखती है कि तीनो उसकी ओर देख रहें है तो तनवी, आकाश की तरफ इशारा करते हुए कहती हैं,
" अरे मै इन वाले भैया को बोल रही हूं..! "
तनवी, उन तीनो से पूछती हैं,
" वैसे आप तीनो ने अभी तक मुझे अपना नाम तक नहीं बताया है तो कन्फ्यूजन तो होगी ही ना..! "
तनवी, अभय की तरफ देखके पूछती है,
" बताओ ना भैया, आप तीनो का नाम क्या है..? "
तनवी की बात को सुन, अभय खुद तीनो का परिचय दे देते हुए कहता है,
"मै तुम्हारा भाई अभय, ये मेरा पी ए आकाश और ये मेरा पर्सनल बॉडीगार्ड राज है..!"
तनवी, आकाश से पूछती हैं,
" अच्छा ठीक है, तो आकाश भैया आप इतने सारे कपड़े क्यो लेकर आए हैं..? "
आकाश, तनवी के द्वारा उसको भैया कहने पर कहता है,
" भैया ! आप मुझे भैया क्यो कह रही है...? "
तनवी, आकाश को बोलती हैं,
" क्यो मै आपको भैया क्यो नही कह सकती हूं? और वैसे भी आप मुझसे बड़े लग रहे हैं तो मै आपको भैया ही कहूंगी..!"
राज और आकाश को तनवी की बात सुन हैरानी हो रही होती है और साथ में अभय भी तनवी की बाते सुन उसको देखता ही रह जाता है..!
तनवी वहा खड़े तीनो अभय, आकाश और राज को देख बोलती हैं,
" चलो अब मै अपने कपड़े बदल के आती हु, नही तो अभय भैया का फिर से मुझे कुछ सुनाना न शुरू कर दे..!"
तनवी यह सब बोल के जल्दी से आईसीयू के साथ जुड़े बाथरूम में भाग जाती हैं और दरवाजा बंद कर लेती हैं, उसकी इस हरकत से आईसीयू के कमरे में ही खड़े तीनो अभय, आकाश और राज के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं..!
तनवी बिना अपने कपड़े बदले ही बाहर आ जाती हैं तो अभय उसको देख के कहता है,
" क्या बच्चा तुम ने अभी तक अपने कपड़े नही बदले..? "
अभय की बात सुन, तनवी कहती हैं,
" कैसे बदलू यह आकाश भैया भी ना..! "
तनवी की बात सुन, अभय आकाश को घूर के देखता है तो आकाश घबरा जाता हैं और अभय से कहता है,
" बॉस मैने कुछ नही किया, सच में..! "
आकाश की बात पर, तनवी उसको टोंट मरते हुए कहती है,
" आप ने ही किया है यह सब और क्या आकाश भैया, इतनी छोटी ड्रेस लेकर क्यों आए हो ? माना, अभय भैया मुझे बच्चा कह भी रहे हैं पर मै सच में बच्ची थोड़ी हो गई हू..! "
तनवी की बात सुन आकाश गहरी सांस लेता है और फिर तनवी की बात पर कहता है,
" पर आप को तो ऐसे ही कपड़े पहनती है..! "
आकाश की बात सुन, तनवी लगभग चिड़ते हुए कहती हैं,
" बिलकुल भी नहीं, मै अब कोई छोटी बच्ची नहीं रह गई हु जो इतने छोटे कपड़े पहनूंगी..! "
अभय, तनवी को समझाते हुए कहता है,
" बच्चा अभी इसे ही पहन लो क्योंकि हमें मुम्बई के लिए भी तो निकलना है न..! "
तनवी लगभग अभय पर चिलाते हुए कहती है,
" मुझे नही पता मुझे एक लॉन्ग ड्रेस चाहिए तो चाहिए..! "
अभय अपना गुस्सा आकाश पर निकलते उससे हुए कहता है,
" ठीक है, अब खड़े खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हैं जल्दी जाओ और एक अच्छी सी लॉन्ग ड्रेस लेकर आओ..! "
आकाश, अभय की बात सुन के कहता है,
" ठीक हैं बॉस, मै अभी लेकर आता हूं..! " और वहा से चला जाता है..!
तो क्या कभी भी अभय ने किसी से माफी नही मांगी होगी और क्या आजतक कभी भी अभय को किसी ने भी डाटा नही होगा और अब तनवी क्या क्या करेंगी अभय की जिंदगी में....?
To be Continued.......
इस चैप्टर पर अपने लाइक करे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और साथ में इस नॉवेल पर अपने रिव्यू और रेटिंग देना न भूले और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी नोवेल "किस्मत से मिला रिश्ता” अगला चैप्टर सिर्फ मातृभारती पर।