Kismat se mila rista - 4 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 4

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 4

कुछ देर बाद,

राज, आईसीयू के स्पेशल वार्ड में तनवी की दवाइयां लेकर वापस आ जाता हैं तो देखता है कि तनवी बड़े ध्यान से वहा रखी किसी बुक के पढ़ रही होती हैं और उस को पता ही नही चलता है कि राज बहुत देर से खड़ा उसी को देखे जा रहा है।

फिर जब तनवी को प्यास लगती है तो वो पानी का गिलास लेने के लिए उठती है तो देखती हैं कि राज उस को ही देख रहा होता है तो तनवी, राज से कहती हैं, "भैया, आप कब आए और आप खड़े क्यो हो, आओ मेरे पास बैठ जाओ...!"

तनवी के इतनी प्यार से कहने से, राज पहले तो जाना नही चाहता है क्योंकि उस की वजह तनवी का याददाश जाने के पहले का व्यवहार ही है पर अब उस की याददाश नही है तो उस के नए व्यवहार से राज बहुत ज्यादा ही हैरान होता है।

जब तनवी को लगता हैं कि राज ने उस की बात नही सुन है तो वो दुबारा राज के पास जाकर उस से कहती हैं, "क्या हुआ राज भैया, आप बैठ क्यो नही रहे हो...बोलो ना कोई बात है क्या !"

तनवी की बात सुन, राज उस से कहता है, "नही तो ऐसा तो कुछ भी नही है...!"

राज की बात सुन, तनवी उस से कहती हैं, "तो फिर आओ मेरे पास बैठ जाओ...!"

तनवी की बात सुन, इस बार राज उस के पास जाके बैठ जाता हैं पर अभी भी उस को बार बार तनवी का याददाश जाने से पहले वाला व्यवहार याद आ रहा होता है जिस से वो, तनवी के करीब ना बैठ कर उस ही सोफे पर बहुत दूर जाकर बैठ जाता हैं।

राज के ऐसे व्यवहार से तनवी को बहुत हैरानी हो रही होती हैं तो वो, राज के थोड़े पास जाकर बैठ जाती है और राज से कहती हैं, "क्या हुआ राज भैया आप मुझसे नाराज़ हो, जो इतनी दूर जाके बैठ गए हो...!"

तनवी ने ये बोला ही होता है कि अभय, आईसीयू में अन्दर आ रहा होता है और तनवी, राज से पूछ रही होती हैं, "बोलो ना राज भैया क्या हुआ है....?"

तनवी की बात सुन, अभय उस से पूछता है, "क्या हुआ है...?"

अभय की बात सुन, तनवी उस की तरफ देखते हुए कहती हैं, "देखो ना, राज भैया मुझसे दूर जाके बैठ गए और अब कुछ बोल भी नहीं रहे हैं...!"

तनवी की बात सुन, अभय जब राज को देखता है तो वो सिर नीचे कर के अपने पैर हिला रहा होता है तो अभय समझ जाता हैं कि राज को तनवी से डर लग रहा है क्योंकि तनवी के याददाश जाने से पहले का व्यवहार, राज तो क्या आकाश के साथ भी कभी अच्छा नही रहा है इसलिए दोनो को तनवी से डर लगता हैं।

अभय, तनवी से कहता है, "वो राज थक गया है ना इसलिए ऐसा व्यवहार कर रहा है...!"

अभय की बात सुन, तनवी उस से कहती हैं, "बस इतनी सी बात के लिए राज भैया मुझसे इतना दूर जाके बैठ गए...!"

और फिर राज का सिर अपनी गोदी मे रख लेती हैं और राज से कहती है, "आप सो जाओ थोड़ी देर फिर आप को अच्छा लगेगा....!"

तनवी के व्यवहार से अभय भी हैरान रह जाता है और राज को विश्वास नही होता है उस की तनवी मैम उस के लिए इतना सोच रही है जबकि तनवी के बहुत चोट आई होती हैं।

राज, तनवी को देखे जा रहा होता है तो तनवी, राज की आंखे अपने हाथों से बंद कर देती है और उस से कहती हैं, "चलो अब आप आंखे बंद करो तभी तो आप को नींद आयेगी ना....!"

आधा घण्टे बाद,

आकाश तनवी की डिस्चार्ज पेपर की फॉर्मिलिटी पूरी कर के, आईसीयू के कमरे मे अंदर आता है और राज को तनवी के गोद में सिर रखा हुआ देख उस को झटका लग जाता है।

और आकाश एक टक तनवी को राज को देख रहा होता है क्योंकि राज का सिर सहलाते सहलाते तनवी खुद भी सो चुकी थी और राज, तनवी को ही देखे जा रहा होता है।

अभी कुछ देर पहले अभय किसी काम से बाहर निकल गया था और वो अभी भी राज को तनवी की गोद में सिर रख कर बैठ देख कहता है, "तुम्हे पता है ना मेरे बच्चे को चोट लगी हुई है तो अब उठ कर बैठ जाओ और हां उस की नीद नही टूटनी चाहिए...!"

अभय की बात सुन, राज एक दम से ठीक हो कर बैठ जाता है पर तनवी की नीद अभी तक टूटी नही होती है पर फिर भी अभय, राज को खा जाने वाली नजरो से घूर रहा होता है। तो राज, अभय से कहता है, "सॉरी बॉस...!"

फिर आकाश, अभय को तनवी के डिस्चार्ज पेपर की फॉर्मिलिटी पूरी कर के उस की फाइल को अभय को दे देता हैं और उस से कहता है, "बॉस, आप के इस फाइल पर साइन चाहिए...!"

आकाश की बात सुन, अभय उस के हाथ से फाइल ले कर उस पर साइन करके वापस उस को दे देता है।

कुछ देर बाद,

अभय, तनवी को आईसीयू से बाहर लेकर आता है तो वहा खड़ी सीनियर डॉक्टर, अभय को देख कुछ बोलने को होती हैं पर अभय का डार्क औरा देख उस से कुछ बोला ही नही जाता है।

फिर वही उस सीनियर डॉक्टर की जूनियर डॉक्टर भी आ जाती हैं और अपनी सीनियर डॉक्टर से कहती हैं, "मैम, अभय कुछ मत कहिए नही तो ये शख्स, हमारे परिवार को मारने से पहले एक बार भी नही सोचेगा।"

अपनी जूनियर डॉक्टर की बात सुन, वो सीनियर डॉक्टर डर जाती हैं और उस से कहती हैं, "हां, तुम सही कह रही हो...!" और फिर वो, अभय को कुछ नही कहती है।

फिर वो सीनियर डॉक्टर, अभय को डिस्चार्ज पेपर्स दे देती हैं और साथ मे तनवी के लिए कुछ दिशा निर्देश और उस के साथ उस की दवाइयां भी दे देती हैं जिस को आकाश ले लेता है।

अब अभय, आकाश से कहता है, "जेट तैयार करवाओ, हमे आज ही मुंबई के लिए निकलना है ।" अभय की बात सुन, आकाश उस से कहता है, "जी बॉस, मै अभी सारी तैयारी करवा देता हूं !"

कुछ देर बाद,

अभय, तनवी को लेकर उस सिटी हॉस्पिटल से बाहर निकल जाता है और बाहर निकलते ही अभय के सारे बॉडीगार्ड तनवी को घेर लेते हैं जिस से वहा खड़े किसी भी इंसान को तनवी का चेहरा साफ तौर पर नही दिख रहा होता है।

तनवी एक साथ इतने सारे बॉडीगार्ड्स देख घबरा जाती हैं और जल्दी से अभय के गले लग जाती हैं और वो, उस को छोड़ने को तैयार ही नहीं होती है इसलिए अभय अपनी ब्लैक बीएमडब्ल्यू कार में साथ लेकर बैठ जाता है।

और उस के आगे वाली सीट पर आकाश और ड्राइविंग सीट पर रवि बैठा होता है और अभय का भरोसेमंद ड्राइवर का नाम रवि शिंदे होता है और उस की उम्र 25 वर्ष होती हैं और हाइट 5"9 होती हैं।

और फिर वो देहरादून के सिटी हॉस्पिटल से अभय और उस के साथ आई सारी बीएमडब्ल्यू कार उस की कार के साथ थोड़ी दूरी पर ही चल रही होती हैं।

कुछ घंटे बाद,

वो सब कार, एक साथ 40 मंजिला बिल्डिंग के सामने आकर रुक जाती हैं, तो अभय के पास बैठी हुई तनवी, अभय से पूछती हैं, "हम तो मुंबई जाने वाले थे न तो हम यहां पर क्यू आए हैं..?"

तनवी की बात सुन, अभय उस से कहता है, "बच्चा, हम यहां से जेट के द्वारा मुंबई जायेंगे और जो इस बिल्डिंग के छत पर लैंड हुआ है।"

अभय की बात सुन, तनवी उस से कहती हैं, "अच्छा, ठीक है भैया...!" और फिर अभय, तनवी के साथ उस बिल्डिंग की लिफ्ट से उस की छत पर पहुंच जाते है और फिर उस जेट विमान पर बैठ जाता है और उस के साथ राज, आकाश और रवि भी बैठ जाते है फिर वो, तनवी को लेकर मुंबई के लिए निकल जाता है।


अब क्या होने वाला है मुंबई में, क्योंकि तनवी की याददाश नही है तो क्या अभय के सारे दुश्मन अब तनवी को टारगेट करेंगे...?

इस चैप्टर पर अपने रिव्यू दे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी कहानी अगला एपिसोड सिर्फ मातृभारती पर।