Devil Ceo's Sweetheart in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 3

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 3

अब आगे,

 

रूही अपने कमरे मे बैठ कर रो रही थी तो उस के पास उस की सौतेली बहन रीना आ गई और अब रूही की सौतेली बहन रीना ने अपनी सौतेली बहन रूही के बाल पकड़ कर अब उस ने अपने गुस्से में अपनी सौतेली बहन रूही से कहा, "अगर तूने अपने बाप को कुछ भी बताया ना तो तुझे इस घर से ही बाहर फिकवा दूंगी और मेरे पर्सनल लाइफ से दूर रहेगी तभी इस घर में जिंदा रह पाएगी..!"

 

रूही की सौतेली बहन रीना, रूही के सगे पिता अमर को अपना पिता नही मानती थी और नही ही रूही के सगे पिता अमर को अपने पिता होने का दर्जा देना चाहती थी बस अपनी सगी मां कुसुम के कहने पर उन के सामने अच्छी बेटी होने का दिखावा करती थी..!

 

अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन कर, रूही ने रोते हुए अपनी सौतेली बहन रीना से कहा, "मै तो आप की छोटी बहन हूं ना, तो मेरे साथ ऐसा व्यवहार मत करो और वो जो लड़का है ना जो आप का ब्वॉयफ्रेंड है वो अच्छा नही है, पूरा मोहल्ला उस के बारे में कुछ भी अच्छा नही कहता, और तो और वो एक गुंडा भी है और उस ने बहुत सी लड़कियों की जिंदगी भी बर्बाद कर दी पर उस के खिलाफ कोई सबूत न होने पर अदालत ने उस को रिहा कर दिया था, प्लीज दी आप अपनी जिंदगी उस गुंडे के साथ बर्बाद मत करो..!"

 

रूही की बात सुन कर, उस की सौतेली बहन रीना को बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया और अब उस ने अपनी सौतेली बहन रूही के बाल छोड़ कर अब उस ने उस के गाल पर एक जोर से चाटा मार दिया, जिस से उस की सौतेली बहन रूही का बैलेंस बिगड़ गया और वो बड़ी जोर से जमीन पर गिर गई..!

 

रूही के हाथ पर चोट लग गई और वो दर्द से कराहते हुए रो रही थी तो रूही की सौतेली बहन रीना ने अब अपनी सौतेली बहन रूही से कहा, "खबरदार मुझे अपनी बहन बोला तो तू बस मेरे सौतेले पिता अमर की पहली पत्नी सरस्वती की औलाद है और कुछ नही और रही बात मेरे बॉयफ्रेंड की तो तू उस से दूर ही रह, नही तो मै तेरा वो हाल करूंगी जो तूने कभी सोचा भी नही होगा..!"

 

फिर रूही की सौतेली बहन रीना ने अब अपने गुस्से मे अपनी सौतेली बहन रूही से आगे कहा, "और हां, आज के बाद मेरे साथ अपना कोई रिश्ता जोड़ने की हिम्मत भी करी न तो तू सोच भी नही सकती कि मै तेरे साथ क्या क्या कर सकती हु..!"

 

अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन कर, रूही अब कुछ बोल ने की हिम्मत मे नही थी, वो बस रोए जा रही थी क्योंकि उस को बहुत दर्द हो रहा था..!

 

रूही को ऐसे रोता देख कर, अब उस की सौतेली बहन रीना ने अब अपनी सौतेली बहन रूही से कहा, "चल अब नाटक मत कर और रात का खाना बना और हां, अगर तूने इस सब के बारे में अपने बाप को कुछ भी बताया ना तो अगली बार तेरे बाप को ही बोलूंगी तूने मुझे बहुत मारा और तू तो जानती ही है कि मै कितनी बड़ी मेकअप आर्टिस्ट हूं जिस से मै झुठी चोट बना कर तुझे ही तेरे बाप के सामने बुरा साबित कर दूंगी...! "

 

रूही का पूरा नाम "रूही शर्मा" था और उस की उम्र महज 22 वर्ष थी और हाइट 5"6 इंच होगी और रंग दूध से भी ज्यादा गोरा था या फिर ये कहो कि रूही को देख चांद भी शरमा जाए, रूही के हॉट सुर्ख गुलाबी थे और उस के बाल काले घने थे जो उस की कमर तक आते थे..!

 

और इसी खुबसूरती को देख कर, उस की सौतेली मां कुसुम और सौतेली बहन रीना उस से बहुत ज्यादा नफरत करती थी, उन का बस चलता तो वो रूही के चेहरे को खराब हो कर देती पर वो ऐसा कर नही सकती थी..!

 

रूही को समझ नही आ रहा था कि वो करे तो करे क्या क्योंकि घर में ये लोग उस को जीने नही देंगे और वही कॉलेज में उस की इकलौती दोस्त खुशी उस का इंतजार कर रही होगी..!

 

खुशी का पूरा नाम "खुशी श्रीवास्तव" था और इस की उम्र भी रूही के ही बराबर थी और हाइट 5"7 होगी और ये रूही के कॉलेज में पढ़ने वाली उस की इकलौती दोस्त थी जो उस की मासूमियत पर फिदा थी और साथ मे खुशी के माता पिता दोनो ही पुलिस ऑफिसर थे और उस के पिता तो बनारस में ही पोस्टेड थे..!

 

खुशी बार बार, रूही को समझाती रहती थी कि तुम इतनी मासूम क्यो हो क्युकी ये दुनिया मासूम और सीधे लोगो को जीने नही देती इसलिए तुम्हे अपने लिए खुद से ही आवाज उठानी पड़ेगी..!

 

खुशी ये सब रूही से इसलिए भी कहती थी क्योंकि उस को, रूही के बारे में सब कुछ पता था अगर वो चाहे तो अपने पिता से कह कर रूही के सौतेली मां कुसुम, सौतेली बहन रीना और सौतेले भाई को अरेस्ट करवा सकती थी..!

 

पर कर नही सकती थी क्योंकि रूही ने उस को अपनी कसम देकर चुप करवा रखा था, रूही नही चाहती थी कि उस के पिता अमर को उस की वजह से कोई भी परेशानी झेलनी पड़े..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।