उत्तर प्रदेश के, बनारस में, सुबह का समय,
शर्मा निवास, रूही का घर, एक मिडिल क्लास मोहल्ले में,
सुबह सुबह पानी मुंह पर फेंके जाने से रूही की आंख खुली, उस के ऊपर पानी डालने वाली और कोई नही बल्कि उस की सौतेली मां कुसुम थी..!
रूही की सौतेली मां कुसुम ने लगभग चिल्लाते हुए, अपनी सौतेली बेटी रूही से कहा, "चल उठ जा महारानी और घर मे इतना सारा काम पड़ा हुआ है और ये किसी महारानी की तरह सो रही है, चल अब जल्दी से उठ जा और तेरा बाप भी जा चुका है तो कोई भी नही बचा तुझे बचाने वाला..!"
रूही की सौतेली मां कुसुम ने कुछ सोचते हुए फिर से अपनी सौतेली बेटी रूही से कहा, "अरे मै तो भूल ही गई अब तो तेरा बाप भी तुझे बचाने भी नही आयेगा..!"
अपनी बात कह कर अब रूही की सौतेली मां कुसुम, अपनी सौतेली बेटी रूही को देख कर हसने लगी..!
वैसे तो अब इन सब की रूही को आदत सी पढ़ गई थी क्योंकि ये सब तो अब उस की जिंदगी का हिस्सा बन चुका था..!
रूही दिखने में बहुत पतली सी थी पर वो पूरे बनारस में सबसे ज्यादा खूबसूरत लड़की थी, मानो जैसे आसमान से कोई अप्सरा उतर आई हो..!
पर ऐसा लगता था जैसे भगवान ने रूही को बहुत ही ज्यादा मासूम बना कर गलती कर दी क्योंकि उस की इसी मासुमियत का फ़ायदा उठाया जाता था और उस के साथ बहुत बुरा वर्ताप किया जाता था..!
रूही को कोई एक बार देख ले तो अपने होश ही खो सकता था पर रूही के चेहरे और उस के मन की खूबसूरती की चमक उस जिंदगी में दिखाई नही देती थी..!
और वैसे तो रूही अपनी इस छोटी सी दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार अपने पिता अमर से करती थी, क्योंकि पांच साल की उम्र में ही उस की सगी मां सरस्वती का देहांत हो गया तब से उस के पिता अमर ने ही उस को संभाला था पर उस की बुआ के कहने पर उस के पिता अमर ने दूसरी शादी कर ली..!
ये सोच कर की उन की सगी बेटी रूही को एक पिता के साथ साथ एक मां का भी प्यार मिल जायेगा, पर कहते है ना कि सगी मां की जगह कोई ओर नही ले सकता और न ही उस की तरह कोई भी किसी के बच्चे को प्यार दे सकता है और सौतेली मां हमेशा सोतेला ही वर्ताप करती हैं..!
और वही हमारी रूही के साथ हुआ, जब से रूही के पिता अमर ने दूसरी शादी की, तब से रूही को कभी भी प्यार, अपनापन मिला ही नहीं और जो मिला वो था बस मार, पिटाई, बेज्जती और जिल्लत उस के सिवा कुछ भी नही..!
एक दिन पहले ही,
रूही की सौतेली मां कुसुम के कहने पर, रूही के पिता अमर ने अपनी सगी बेटी रूही को बेहरमी से बेल्टो से पीटा था, रूही ने खुद की हालत देखी तो उस के गालों पर थपड़ के निशान थे और हाथ पैरो पर बेल्ट से मारने के निशान अब तक नीले पढ़ चुके थे..!
उस की सौतेली मां कुसुम, सौतेली बहन और सौतेला भाई तो रूही से नफ़रत ही करते थे क्योंकि रूही की सौतेली मां कुसुम अपने साथ अपने पहले पति की संतान यानी अपनी सगी बेटी रीना को लेकर आई थी और बेटा, रूही के पिता अमर और रूही की सौतेली मां कुसुम की संतान थी..!
पर आज रूही को अपने पिता अमर से भी नफरत हो रही थी क्योंकि उस की सौतेली मां कुसुम बेहद चालक औरत थी और वो रूही के पिता अमर के सामने तो रूही के साथ बहुत अच्छा वर्ताप करती थी..!
और उस की सौतेली बहन रीना भी, रूही के सगे पिता अमर के सामने रूही की एक बहुत अच्छी बहन होने का दिखावा करती थी, रूही के सगे पिता अमर अपने काम के सिलसिले मे घर से ज्यादातर बाहर ही रहते थे, रूही के सगे पिता अमर दिल्ली के किसी बहुत बड़ी कम्पनी मे काम करते थे..!
रूही को हमेशा से यही लगता था कि उस के सगे पिता अमर उस से सब से ज्यादा प्यार करते थे पर वो भ्रम भी कल रात किसी सपने की तरह टूट के बिखर गया..!
रूही के सगे पिता अमर ने उस पर हाथ उठाने से पहले एक बार भी नही सोचा कि उस की सौतेली बहन रीना झुठ बोल रही थी और जो लड़का रूही के कमरे से पकड़ा गया वो सच में उस का ब्वॉयफ्रेंड था भी या नही, बस रूही की सौतेली बहन रीना का रोना सुन कर, रूही के पिता अमर ने अपनी सगी बेटी रूही को मारना शुरू कर दिया..!
जब कि वो लड़का रूही का नही बल्कि उस की सौतेली बहन रीना का ब्वॉयफ्रेंड था जो उस रात उस से मिलने के लिए उस के घर आया था और जब रूही के पिता अमर ने उन दोनो को बाते करते सुन लिया तो रूही की सौतेली बहन रीना ने अपने ब्वॉयफ्रेंड को बड़ी चालाकी से रूही के कमरे मे भेज दिया..!
और फिर रूही की सौतेली बहन रीना का ब्वॉयफ्रेंड भी बड़ी आसानी से रूही से लिपट कर सो गया था और वही हमारी रूही को इस बारे में कुछ पता ही नही था क्योंकि वो तो रोज की तरह घर का सारा काम करके थक हार के गहरी नींद में सो चुकी थीं..!
To be Continued......
हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती” पर।