AFTER LOVE in Hindi Love Stories by Mr Rishi books and stories PDF | ऑफ्टर लव - 23

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ऑफ्टर लव - 23

सुबह के 9बजने वाला होता है पर त्रिशा अभी तक सो रही होती हैं।
तभी अभय का कॉल आता है,त्रिशा नींद में होने की वजह से कॉल मधु को रिसीव करने के लिए बोलती हैं।


मधु कॉल चेक करती है,तो देखती है अभय का कॉल होता है मधु एक झलक त्रिशा कि ओर देखकर कॉल रिसीव करके बोलती है"आप जिस लड़की से बात करना चाहते है वो अभी दो रही है, कृप्या आप खुद आकर इन्हे उठाए वरना ये 12बजे से पूछे उठने वाली नहीं हैं।कॉल करने के लिए आपका धन्यवाद आपका दिन शुभ हो!!"...


अभय मधु की बात सुनकर अजीब सा सकल बनाती हुए कहता है"अरे यार उससे बोलो आज शूट का पहला दिन है और अगर 10 बजे से पहले नहीं पहुंचे तो फिर प्रोब्लम हो जाएगी।"


मधु अभय की बात सुनते ही कहती है"ओह,, वेट मैं त्रिशा को बोलती हूं।".... मधु त्रिशा को उठाते हुए कहती है"अरे त्रिशा उठ आज तेरी फिल्म की पहली शूटिंग है तू भूल गई क्या?"...


ये सुनते ही त्रिशा उठ कर अपनी जगह पर बैठ जाती हैं।और मधु के हाथ से अपना फोन झट से लेते हुए अभय से कहती है"सॉरी,, सॉरी वो कल रात देर से सोई और रात भर ये मधु मुझे सोने नहीं दी बस इसी चक्कर मे अच्छे से सो नही पाई और अभी उठ रही हूं।"...


त्रिशा नॉनस्ट्रॉप बस बोले ही जा रही होती है,तभी अभय त्रिशा को रोकते हुए बोलता है"अरे,, त्रिशा,,त्रिशा इट्स ओके!!पर ये एक्सक्यूज तुम मुझे क्यों दे रही हो?अगर तुम लेट हुई तो जाहिर सी बात है मैं भी लेट होऊंगा।"


त्रिशा सोचते हुए अभय से पुछती है"मैं लेट होऊंगी तो तुम भी लेट हो जाओगे?पर वो कैसे ??"...

अभय त्रिशा को समझते हुए कहता है"वो ऐसे क्योंकि मैं बस दो मिनट में तुम्हारे घर पहुंचने वाला हूं और जैसे की तुम अभी उठी हो, तो अभी फ्रेश होगी, फिर ड्रेस पहनोगी,कुछ खाओगी।और इस बीच मुझे तुम्हारा वेट करना पड़ेगा तुम्हारे घर के बाहर तो हुआ न मैं भी लेट।"...


त्रिशा अभय की बात सुनकर उसे कहती है"अरे इस की कोई जरूरत नही है तुम चले जाओ मैं ऑटो करके चली आऊंगी।"अभय त्रिशा की बात पर चौक कर कहता है"क्या?अजीब हो यार तुम तो मतलब तुम्हारे लिए में इतनी दूर तक आया और तुम मुझे अंदर बुलाने के बजाए बाहर से ही चले जाने के लिए बोल रही हो यार ये सही बात नहीं हैं।"...



अभय की बात सुनकर त्रिशा अपने माथा पर हाथ मरते हुए कहती है"ओह शीट,, सॉरी-सॉरी मैं भी क्या बोल दी ओके मैं ज्यादा टाइम नहीं लगाऊंगी बस 20मिनट।"



अभय हंसते हुए बोलता है"अगर ऐसे ही कॉल पर बातें ही करती रहोगी तो 20मिनट तो छोड़ो मुझे तो लगता है,अगले 2घंटों में भी हम वहा नही पहुंच पाएंगे।"

त्रिशा मुस्कुराते हुए कहती है"अच्छा, अब मैं कॉल रखती हूं बाय"ये कह कर त्रिशा कॉल रख देती है।


वही दूसरी तरफ़ अर्जुन रॉय अपने ऑफिस में बैठ कर टेबल पर रखे स्टोन बाल से खेल रहा होता है।उसके चेहरे पर गुस्सा साफ साफ़ देखा जा सकता था।वो कल रात के बारे में ही सोच रहा होता है की कैसे अभय और त्रिशा दोनो एक दुसरे के इतने क्लोज़ आ चुके थे।


यहीं सब सोचते सोचते अर्जुन एक दम से अपने हाथ में लिए स्टोन को चला कर सामने वॉल पर लगी टीवी पर मरता है।जिससे आवाज बाहर तक जाती है,बाहर से अर्जुन रॉय का मैनेजर अंदर आते हुए उससे पुछता है"क्या हुआ सर सब ठीक तो है न?"


अर्जुन रॉय गुस्से में उसके तरफ देखता है,और बिना कुछ बोले ही हाथों से इशारा करते हुए उसे बाहर जाने को कहता है। अर्जुन का मैनेजर चुप चाप डोर क्लोज़ करके वहा से चला जाता है।

उसी बीच अर्जुन के पास डॉयरेक्टर का कॉल आता है, अर्जुन कॉल रिसीव करके स्पीकर ऑन करता है।"हेलो अर्जुन बस एक घंटे में फिल्म की शूटिंग शुरु होने वाली है। तो आप कब तक यहां आ जाएंगे?"


अर्जुन डॉयरेक्टर से पूछता है"क्या सब लोग आ चुके है?"डॉयरेक्टर सोचते हुए कहता है"उम्म्म् सब तो आ चुके है बस अभय और त्रिशा अब तक नहीं पहुंचे है।"डॉयरेक्टर जैसे ही ये बोलता है, अर्जुन कॉल कट कर देता है और तुरंत अभय को कॉल करता हैं!पर अभय का कॉल बीसी आ रहा होता हैं।

अर्जुन का गुस्सा और भी ज्यादा तेज होने लगता है और वो ये सोचने लगता है की कही अभय और त्रिशा एक साथ तो नहीं? और भी उल्टे सीधे खयाल अर्जुन के मन में आ रहे होते हैं। वो बिना देर किए ही अपने ऑफिस से बाहर निकल कर जाने लगता है। वो बार बार अभय को कॉल मिलता है,पर हर बार उसका कॉल बीसी ही जा रहा होता है।


अर्जुन को ऐसे टेंशन में देख कर उसका मैनेजर भी उसके पीछे पीछे जाता है।अर्जुन कार में बैठता है,और ड्राइवर से कहता है"सिटी पार्क चलो!ड्राइवर जैसे ही कार स्टार्ट करता है अर्जुन का मैनेजर भी झट से आ कर कार में बैठ जाता है।


अर्जुन का मैनेजर घबराते हुए उससे पूछता है"सर सब ठीक तो है ना?"... अर्जुन उसका जवाब न देते हुए उससे कहता है"सुनो विवेक से फोन करके बोलो त्रिशा कहा है पुछ के बताए मुझे!"...


मैनेजर अर्जुन के कहते ही विवेक को कॉल करता है,पर विवेक का भी कॉल बिजी बता रहा होता है। मैनेजर अर्जुन से कहता है"विवेक का भी कॉल बीजी बता रहा है। अर्जुन अपना सिर पकड़ कर कहता है"डेम्ड "

तभी विवेक का कॉल आता है,मैनेजर अर्जुन को अपना फोन देते हुए कहता है"सर विवेक सिर का कॉल है।"अर्जुन झट से मैनेजर के हाथ से फोन लेकर के बोलता है"हेलो विवेक!!"

हां अर्जुन बोलों क्या हुआ?"विवेक अर्जुन से पुछता है,अर्जुन अभय के बारे में पुछता है,विवेक अर्जुन से सारी बात बताते हुए कहता है"अच्छा वो तो त्रिशा को लेने के लिए उसकी घर गया हुआ है,बोला है डायरेक्ट सेट पर ही मिलूंगा ।"विवेक के इतना कहते ही अर्जुन फोन को कार में ही फेक देता है।ये देख कर मैनेजर का हवा टाईट हो जाता है।

तभी अर्जुन के कार के सामने एक औरत अचानक से आ जाती है,ड्राइवर सही टाइम पर ब्रेक लगा देता है।वो औरत काफी डरी और सहमी हुई होती है। अर्जुन कार से बाहर निकल कर उस औरत का हाल पुछता है।और अपने मैनेजर से प्लीज मांगता है,उसका मैनेजर अपने जेब से सौ रूपए का नोट निकाल कर देता है।अर्जुन मैनेजर के तरफ गुर्राते हुए देख कर कहता है, गड्डी दो।"..


मैनेजर ब्रीफकेस खोल कर देखता है तो उसमे सिर्फ दो दो हज़ार के गड्डी होते है। एक गड्डी में से एक दो हजार का नोट निकाल कर अर्जुन को देने ही वाला होता है की तभी अर्जुन उसे पूरे गद्दी छीन कर इस औरत को दे देता है।


ये देख कर मैनेजर के होश उड़ जाते है,और वहा मौजूद लोग भी अर्जुन के तरफ ही देखते रह जाते है अर्जुन तुरन्त कार में आ कर बैठ जाता है।


To be continued