Kismat se mila rista in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 3

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 3

कुछ देर बाद,

आकाश आईसीयू के कमरे में आता है और उस के साथ कुछ लड़के और लड़किया होते है जो अपने हाथो में बहुत ही सुंदर सुंदर लॉन्ग ड्रेस ले कर आए होते हैं।

जिसे देख तनवी, आकाश को कहती हैं, "क्या भैया आप जब भी जाते हो इतने सारे कपड़े क्यो ले कर आते हो और अब की बार तो इतने सारे लोगो को भी साथ में ले आए हो और लग रहा है की पूरी दुकान ही ले आए हो !"

आकाश, तनवी की बात सुन कहता है, "वो मुझे समझ मे नही आ रहा था कि आप पर कौन सी ड्रेस अच्छी लगेगी इसलिए मैं यह सारी ड्रेस ही ले आया हु।"

अभय, तनवी और आकाश की बात सुन कहता है, "अब तुम अपनी पसंद से कोई सी भी ड्रेस Chosse कर लो।"

तनवी, अभय की बात सुन कहती हैं, "ठीक हैं भैया, और फिर उन सब ड्रेस को देखने लगती हैं साथ में वो लड़के और लड़कियां तनवी को बता रहे होते हैं कि यह ड्रेस उस पर कितनी सुंदर और अच्छी लग रही हैं।"

तनवी, उन लड़के और लड़कियों की बात सुन इरीटेट होकर कहती हैं, "क्या आप मुझे कोई एक ड्रेस सही से नही बता सकते हैं, आप सब लोग तो हर ड्रेस को अच्छा और बढ़िया बता रहे हैं पर मै सारी ड्रेस तो एक साथ नहीं पहन सकती हूं।"

फिर तनवी, राज को देख कहती हैं," भैया, मै एक ड्रेस Choose ही नही कर पा रही हूं आप बताओं मै कौन सी पहनूं?"

राज वहा खड़ा होकर पानी पी रहा होता है की तनवी की बात सुन, सारा पानी अपने मुंह से उड़ेल देता है।

तनवी जब यह देखती है तो जल्दी से Tissue Paper लाकर राज के कपड़े साफ करते हुए कहती है," क्या भैया आप का ध्यान कहा पर था, आपने अपने सारे कपड़े खराब कर दिए ना।"

और वैसे भी जनवरी का महीना चल रहा है कही आप को ठंड लग गई तो आप को अपना ख्याल रखना चाहिए न, आप अपना ध्यान ठीक से नही रखोगे तो मेरा ख्याल कौन रखेगा फिर, बताओ मुझे !

तनवी की ऐसे कहने से राज के आंखो में आ जाते हैं क्योंकि आज तक किसी ने भी उस से ऐसे कहा तक नही होता है क्योंकि राज तो एक अनाथ है !

अभय उन कपड़ो में से एक पिंक कलर की लॉन्ग ड्रेस निकल कर तनवी से कहता है, "बच्चा यह लो, इसे पहन कर आओ।"

तनवी, अभय के हाथ से वो ड्रेस ले कर कहती हैं, "ठीक हैं भैया।"

अभय गुस्से से राज से कहता है, "जाओ बाहर जाकर देखो सब ठीक है ना हमें आज ही मुंबई के लिए निकलना भी है ।"

राज, अभय की बात सुन कहता है, "ठीक हैं बॉस, मै अभी जाकर देखता हूं।"

पता नही पर आज अभय को अपनी बॉडीगार्ड राज से बहुत गुस्सा आ रहा होता है क्योंकि उस की बहन, उस से ज्यादा उस के बॉडीगार्ड का ध्यान रख रही होती है।

तनवी, अभय की बात सुन उस से कहती हैं, "नही, पहले मै ड्रेस बदल कर आ जाऊं, फिर जाना क्योंकि पहले आप तीनो को मेरी ड्रेस को देख मुझे कॉम्प्लीमेंट भी तो देने होंगे न।"

अभय, तनवी की बात बीच में कटते हुए कहता है, " कॉम्प्लीमेंट की क्या जरूरत है, तुम जो भी पहनोगी उस मे अच्छी ही लगोगी।"

तनवी, अभय की बात पर कहती हैं, "I Konw Bhaiya पर हम लड़कियों को फिर भी अपनी तारीफ दूसरे लोगो से सुनने में ज्यादा अच्छा लगता हैं न।"

अभय, तनवी की बात सुन अपनी हार मान के कहता है, "ठीक हैं कही नही जा रहा है राज, तुम जल्दी से अपने कपड़े बदल के आओ।"

तनवी अभय की बात सुन एक मुस्कान के साथ कहती हैं ,"यह हुई न बात मेरे प्यारे से भैया और अभय के गले लग वहा से अपने कपड़े बदल ने के साथ चली जाती हैं ।"

आकाश, तनवी के चले जाने के बाद अपने मन में सोचता है, "क्या सच में लोगो की याददाश चले जाने के बाद इंसान इतना बदल जाता है !"

उधर, राज तो आज कुछ ज्यादा ही हैरानी हो रही होती है क्योंकि तनवी ने अपनी याददाश चले जाने से पहले कभी भी राज और आकाश से ऐसे बात नही की थी पर आज उस को कोई अपना यानी एक छोटी बहन के रूप तनवी मिल गई थी जो उस को इतना प्यार कर रही है।

अभय के चेहरे पर मुस्कान होती है क्योंकि उस की बहन याददाश चले जाने पर बदल जरूर गई है पर वो सोचता है की इंसान की याददाश चले जाने पर वो एक छोटे बच्चे जैसा ही हो जाता है। इसलिए वो तनवी के व्यवहार के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देता है।

कुछ देर बाद,

तनवी अपना बाथरूम का दरवाज़ा खोल बाहर आती है और फिर अभय, आकाश और राज की और देखती है क्योंकि तीनो एक साथ ही खड़े होते हैं, पर उन तीनो का ध्यान कही और होता है।

तो तनवी कहती हैं, "सुनो भैया !" और जब तनवी ऐसा कहती हैं तो तीनो एक साथ उस को देखते हैं तो देखते ही रह जाते है क्योंकि अभय ने अनजाने में उस को पिंक कलर का एक long Evening गाउन दे दिया होता है, वैसे तो तनवी है ही बहुत सुंदर पर आज कुछ ज्यादा सुंदर लग रही होती है।

अभय, आकाश और राज, तनवी को देख ही रहे होते हैं कि तनवी, अभय से नाराज होते हुए कहती हैं, "क्या भैया आप ने ये Party Wear Long Evening गाउन दे दिया और जब मैंने देखा तो इस को ही पहन लिया क्योंकि आप का गुस्सा का पता नही कब क्या कर दो।"

अब तक तीनो होश में आ जाते हैं और अभय जब उन कपड़ो को देखता है तो उस को याद आता है कि वहा पर सब ऐसी ही ड्रेस है तो वो आकाश को घूरने लगता हैं, क्योंकि तनवी, आकाश की गलती की वजह से उस को डाट रही होती है।

अब जब आकाश अपने ऊपर किसी का देखना महसूस करता है तो घबरा जाता हैं क्योंकि अभय उस को देख रहा होता है और उस को देख कर ऐसा लग रहा होता है कि आज आकाश को उस के गुस्से से कोई नही बचा सकता है।

फिर बिना देर किए आकाश, तनवी से कहता है, "वो सब मेरी गलती है, बॉस ने कुछ नही किया है, मै ही गलती से सारी ऐसी ही Party Wear Long Evening Dress ले आया हु।"

आकाश की बात सुन, तनवी उस से कहती हैं, "कोई बात नही भैया।"

तनवी की बात सुन, आकाश कहता है, "मै अभी दूसरी ड्रेस मंगवा देता हु।"

आकाश के बात सुन, तनवी कहती हैं, "इस की कोई जरूरत नहीं है भैया।" और वैसे भी ये भी बहुत सुंदर ड्रेस है पर मैं आप तीनो से गुस्सा हूं।

तनवी की गुस्से वाली बात पर तीनो एक दूसरे का चेहरा देखते हैं और एक साथ ही बोल पड़ते हैं, "अब हमने क्या कर दिया है?" और ये बोलकर फिर से एक दूसरे का चेहरा देखने लगते हैं क्योंकि तीनो ने एक साथ एक ही समय पर जो बोला होता है।

अब तनवी नाराज होते हुए तीनों से कहती है, "ये आप लोग पूछ रहे हैं कि क्या दिया है, अब तो मैं, आप तीनो से बात ही नही करूंगी !"

तनवी की बात सुन, आकाश और राज अब अभय को देखते हैं जैसे कह रहे हो कि पूछो तो माजरा क्या है ?"

आकाश और राज को अपनी तरफ ऐसे देखते हुए अभय को समझते देर नहीं लगती है कि वो दोनो क्या कहना चाहते हैं और फिर अभय, तनवी से पूछता है, "बच्चा बताओ तो सही हुआ क्या है और जब तक तुम हम सब को बताओगी नही तो हमे पता कैसे चलेगा।"

अभय की बात सुन, आकाश और राज भी अपना सिर हां मे हिला देते है। जिसे देख तनवी, अभय से कहती हैं, "भैया, मै आप को इस ड्रेस में सुंदर नही लग रही हु क्या ?"

तनवी की बात सुन, अब अभय, आकाश और राज तीनो अपना सिर एक साथ हां मे हिला देते है, जिसे देख तनवी रोने लग जाती है तो अभय कहता है, "अब क्या हुआ बच्चा, तुम रो क्यों रही हो बताओ मुझे?"

अभय की बात सुन, तनवी अपने आंखो से आंसू पूछते हुए कहती है, "जब मैंने पूछा कि क्या मै आप को इस ड्रेस में सुंदर नही लग रही हु तो आप तीनो ने अपना सिर हां मे हिलाया, जिस से यही पता चलता है कि मैं इस ड्रेस में अच्छी नहीं लग रही हु।"

तनवी की बात सुन, अब उन तीनो को पता चल जाता है कि तनवी के उन से गुस्सा और नाराज हो कर रोने की क्या वजह है और साथ में तीनो के चेहरे पर एक मुस्कान भी आ जाती है।

और अभय, तनवी के सिर पर हल्का से मारते हुए कहता है, "पागल लड़की, हम तीनों का हां में सिर हिलाने से मतलब था कि तुम इस लॉन्ग ड्रेस में बहुत ज्यादा सुंदर लग रही हो न वो जो तुम सोच रही हो।"

अभय की बात सुन, तनवी अभय से पूछती है, "क्या सच में, तो आप तीनो में से किसी ने मेरी तारीफ क्यों नही थी, बताओ मुझे?"

तनवी की बात सुन, अभय उस से कहता है, "क्योंकि तुम इतनी खूबसूरत लग रही हो कि एक पल के लिए तो हम सब तुम्हे देखते ही रह गए और हमारे पास तुम्हारी ये खूबसूरती की तारीफ करने के लिए शब्द ही कम पड़ गए इसलिए हम ने तुम्हे कुछ नही कहा !"

अभय की बात सुन, तनवी अभय के गले लग जाती हैं और उस से कहती हैं, "थैंक यू भैया।" जब ये सब आकाश और राज, देखते हैं तो दोनो के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं और साथ मे अभय के चेहरे पर भी आज पहली बार बहुत खुशी नजर आ रही होती हैं।

अभय, तनवी को अपने आप से दूर करते हुए कहता है, "अब तुम यहां बैठो मैं कुछ काम करके आता हूं, ठीक है।" अभय की बात सुन, तनवी अपना सिर हां में हिला देती हैं।

अभय, आकाश को इशारा करता है और आकाश, अभय के पीछे पीछे आईसीयू के कमरे से बाहर निकल जाता हैं। और जब राज भी बाहर जाने को होता है तो तनवी, उस को पीछे से रोकते हुए बहुत मासुमियत के साथ कहती हैं, "आप भी मुझे छोड़ के जा रहे हो !"

तनवी की बात सुन, राज उस से कहता है, "नही, मै बस तुम्हारी दवाइयां लेकर आ रहा हु तब तक तुम यहां रखी हुई कुछ बुक्स पढ़ लो, ठीक है।"

राज की बात सुन, तनवी उस से कहती है, "ठीक है भैया !" और वहा रखी हुई बुक्स में से कुछ पढ़ने के लिए देखने लगती हैं। तनवी देख राज भी उस आईसीयू के कमरे से बाहर निकल जाता हैं।

बाहर निकल राज देखता है कि अभय और आकाश कुछ बाते कर रहे हैं तो वो भी उन की बाते सुनने लगता हैं, तब अभय, राज और आकाश से कहता है, "तुम दोनो कही से भी उस इंसान को ढूंढ के निकालो, जिस ने मेरी बहन के साथ ये सब किया है !"

आकाश और राज एक साथ कहते है, "ओके सर, हम उस इंसान को कही से भी ढूंढ के निकल लायेंगे !"

आकाश और राज के ऐसे कहते ही अभय गुस्से से कहता है, "और फिर मै उस इंसान का वो हाल करूंगा जो वो जिन्दगी भर नही भूलेगा !"


To be Continue....