Pyaar ka intekam part 2 in Hindi Horror Stories by pooja kokare books and stories PDF | प्यार का इंतकाम। भाग -२

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प्यार का इंतकाम। भाग -२

तो दोस्तों कैसे हो आप सभी आशा करती हु , कहानी का पहला भाग आप सबको पसंद आया होगा। तो ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए चलो आगे की कहानी शुरू करती हु।
जैसे की पिछले भाग मैं आपने पढ़ा होगा राजकुमारी को कौशल का ही ख्याल आता रहता है। तो वह निकल पड़ती है कौशल से मिलने के लिए उसके घर , लेकिन वो साधारण वस्त्र ही परिधान करती है। वो कौशल के घर के पास पोहचती है। परन्तु उस समय कौशल घर पे नहीं होता । कौशल भले ही गरीब घर से हो परन्तु दिखने मैं किसी राजकुमार को भी पीछे छोड़ दे। राजकुमारी वही रुककर कौशल के आने का इंतज़ार करती है। थोड़ी देर बाद ही कौशल घर आते हुए दीखता है। उसे देख राजकुमारी अतिप्रसन्न होती है। और कौशल को भी राजकुमारी को देख के आनंद होता है। ऐसे ही दिन बितते है राजकुमारी और कौशल के प्यार के फूल खिलते है। वो रोज मिलने लगे एक दिन सज्जनगढ़ मैं मेला लगा हुआ होता है उसमे राजकुमारी और कौशल घूमने जाते है। वही एक दुकान पर पायल ,झुमके और बहुत चीज़े रहती है बेचने के लिए उसे देखकर कौशल राजकुमारी को पायल लेने का सोचता है। वो उस दुकान के पास जाकर पायल खरीद लेता है। तो अभी यहाँ हमारी कहानी के हीरो को यही नहीं पता की वो जिस कन्या से प्यार करता है वो असल मैं राजकुमारी है। क्या होगा जब ये सच कौशल को ज्ञात होगा ? कौशल पायल खरीद के राजकुमारी के पास आता है और उसको आँख बंद करने बोलता है। राजकुमारी बोलती है : क्या बात है आँख बंद करने क्यों बोल रहे हो? कौशल कहता है : प्रिये करो तो आँखे बंद। ये सुनकर राजकुमारी आँखे बंद कर लेती है। और कौशल राजकुमारी को पायल पहना देता है। पायल देखकर राजकुमारी बहुत खुश हो जाती है। वो घर जाने को निकलती है तभी कौशल बोलता है प्रिये मैं आपको छोड़ देता हु घर लेकिन राजकुमारी के मन मैं डर रहता है की अगर कौशल को उसकी सच्चाई पता चल गयी तो वो उससे प्यार नहीं करेगा महाराज के डर से उसे छोड़ देगा इसीलिए राजकुमारी कहती है नहीं हम चले जायेंगे।
और राजकुमारी चली जाती है।
दूसरे दिन दूसरे राज्य के राजकुमार प्रतापसिंघ का रिश्ता राजकुमारी के लिए आता है। राजकुमार प्रतापसिंघ को राजकुमारी सौदामिनी बहुत पसंद आयी रहती है। पहले के समय मैं लड़कियों से उनकी रजामंदी पूछने का रिवाज नहीं था। राजपूतो मैं तो तलवार से शादी करने का रिवाज था। उसी रिवाज के चलते राजकुमार प्रतापसिंघ ने अपनी तलवार और बहुत सरे नजराने सज्जनगढ़ भेज दिए। परन्तु राजकुमारी सौदामिनी को विवाह मंजूर नहीं था। उन्होंने वह बात अपने पिताजी से कही परन्तु राजा ने उनसे ना बोलने की वजह पूछी। तो राजकुमारी ने कौशल के बारे मैं अपने पिताजी को बता दिया। आपको क्या लगता है क्या महाराज अपने बेटी और घर की प्रतिष्ठा मैं से किसका चुनाव करेंगे कमैंट्स करके बताये और आपको कहानी कैसी लगी ये भी बताये। आगे के भाग के लिए जुड़े रहिये मेरे साथ।