23
आख़िरी प्यार
नेहा कक्कर के साथ फोटो और ऑटोग्राफ लेकर स्टूडेंट ने उसे बड़े प्यार से विदा कियाI अब फेस्ट में शाम का कार्यक्रम दो भागों में विभाजित होगा, एक दिलजीत दोसांझ और दूसरा गुरु रांधवा पहले गुरु रंधावा आठ बजे तक अपने गीतों से स्टूडेंट का मनोरंजन करेगा फिर बाकि के दो घंटे दिलजीत दोसांझ यानी दस बजे तक उसका कार्यक्रम चलेगाI अब श्याम ने स्टेज पर जाकर सभी प्रोफेसर, चीफ गेस्ट और स्टूडेंट्स को खाने के लिए आमंत्रित कियाI श्याम गायत्री के साथ खाना खा रहा है, उसने उसे बताया कि आकाश और बाकी सब छह बजे आने वाले हैंI अब कुसुम भी अपनी प्लेट लिए, उनके साथ एक ही टेबल पर बैठ गईI
लंच के बाद, स्टूडेंट के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया हैI बड़े ज़ोर शोर से हंगामा मचा हुआ हैI श्याम और गायत्री अपने कॉलेज के दिनों की बात करके खुश हो रहें हैंI अब गुरु रंधावा के नाम के होर्डिंग पूरे कॉलेज में दिखाई देने लगेI फिर शाम के छह बजे, लगदी ‘लाहौर दी है, गाने से’उसने कार्यक्रम का आगाज़ कियाI अब तो कई प्रोफेसर स्टूडेंट के साथ डांस करते नज़र आ रहें हैंI तभी गायत्री की नज़र आकाश के साथ आते क्लॉसमेट पर पड़ी तो उसने श्याम को भी बतायाI सबने गायत्री से हेल्लो की और श्याम को गले लगा लियाI” और प्रोफेसर क्या हाल है???” आकाश ने पूछाI “ यार !!! यहाँ आ तो गये हो, पर कुछ गड़बड़ मत कर देना, मेरी नौकरी का सवाल हैI” डरपोक !!! अब आकाश ने चुपचाप फ्रूट बियर गिलास में डाली और सभी दोस्तों को सर्वे की, “लो हो गए शुरूI” गायत्री ने तंज कियाI
और तुम्हारी बीवियों के क्या हाल है??? श्याम ने हँसते हुए पूछाI
“ऐसा है, आज के दिन हम अपने साथ हुए किसी हादसे को नहीं याद करना चाहते, समझेII” अब सब हँसने लगेI अजय और जयंत अभी तक कुँवारे है और सुधीर की सिर्फ सगाई हुई हैI “यार, तुम दोनों कैसे रह गए?” श्याम का सवाल हैI “जैसे तू रह गया” अजय और जयंत ने उसका मज़ाक उड़ाते हुए जवाब दियाI “अब यह मनहूस बातें मत करो, डांस करोI” आकाश सबको डांस के लिए ले जाने लगा I गायत्री तो एक तरफ हो गई, मगर उसे सुनील ने खींचते हुए कहा, “क्या गायत्री, अब कैसा शर्माना हम स्कूल में थोड़ी न हैI” फिर जयंत को एक लड़की देखे जा रही है, “दोस्तों !!! मैं शिकार पर जा रहा हूँI” “सारे स्टूडेंट है, “ श्याम ने उसे रोकाI “अरे !!!आज तो हम भी स्टूडेंट बन जाते हैंI” फिर एक-एक करकर सभी दोस्त कॉलेज की लड़कियों के साथ नाचने लगेI
अब श्याम को सामने से बबलू आता दिखा तो वह उसे लेकर बाकी दोस्तों से मिलवाने ले गयाI अब श्याम भी अपने दोस्तों के साथ डांस करने लगाI मोना बोली, “ देख !!! बाबू कैसे डांस कर रहा है!!!” अब संजू ने टाइम देखा, दोस्तों बस कुछ देर और........ I अब राजीव गायत्री को अपने साथ डांस करने के लिए कहने लगे तो वह अपने डिपार्टमेंट की नेहा मैडम के साथ निकल गईI राजेश झा की नज़र श्याम के दोस्तों पर पड़ी तो उन्होंने अपने साथी प्रोफेसर से पूछा, “यह लफंगो की तरह श्याम किसके साथ नाच रहा हैI” “ उसके जानने वाले लगते हैंI’
रात के आठ बजे हैं, संजू ने बहुत सारे ड्रिंक बनाए और एक ड्रिंक में नीले रंग की गोली मिला दी. “भाई यह क्या है???” राकेश ने उत्साहित होकर पूछाI “ पहले उस बाबू को पीने दें, फिर बताऊँगाI” “ज़रूर “जमालगोटा होगा,” विनय के मुँह से यह सुनकर संजू ने उसे घूरा फिर उसने मोना से कहा, “ध्यान रखना, यह लाल रंग का गिलास मिस्टर बाबू के हाथ ही लगेI” ओके बॉस !! वह हँसते हुए बोलीI अब डांस करते हुए श्याम की नज़र गेट से अंदर आती एक स्मार्ट सी लड़की पर गईI उसे यह चेहरा जाना-पहचाना लगा, उसने बबलू को एकतरफ किया और उसे उस लड़की को दिखाया तो वह बोला, “ओह !!! यार !!! यह तो ज्योति है !!!” “ज्योति??”? हाँ श्याम तेरी ज्योति, तेरा पहला और आख़िरी प्यार !!!!” अब उसे ज्योति स्कूल ड्रेस में नज़र आने लगीI