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कॉलेज फेस्ट
रात को श्याम बबलू के घर गया और इमरती की मदद करते हुए उसका ओपन से बी.ए. का फॉर्म भरवा दिया । इमरती ने श्याम को धन्यवाद देते हुए कहा, “ आप न होते भैया तो हमारा यह सपना अधूरा का अधूरा ही रह जाता।“ अरे !! आप कैसी बातें करती है, हर इंसान को अपने सपने पूरे करने का अधिकार है। फिर उसने जाते हुए बबलू से पूछा,
कल तू आ रहा है, फेस्ट में ?
बिल्कुल आऊँगा, इस बहाने कॉलेज देखने को मिलेगा।
उसने फिर रात को तान्या से चैट की और उसे कहा, “तनु !! अब इंतज़ार थोड़ा सा रह गया है।“ उसने भी ज़वाब दिया, “मैं भी तुम्हें अपना बनाने के लिए मरी जा रही हूँ।“ यह पढ़कर उसके पेट में हिलोरे उठने लगें।
अगली सुबह उसे कोट पैंट में कॉलेज जाते देखकर दमयंती ने टोका, “क्या बात है, आज बाबू बनकर कहाँ जा रहा है।‘
अम्मा !! तुम्हें तो पता ही होगा कि जानेवाले को पीछे से नहीं टोकते।
हाँ, सब पता है, बड़ा आया मास्टर !!! अम्मा ने मुँह बना लिया।
रास्ते में उसने गायत्री को लिफ्ट दी । उसने देखा कि वह काले रंग की साड़ी के साथ खुले बालों में बहुत खूबसूरत लग रहीं है। “आज अच्छी लग रही हो?”” साड़ी तो रोज़ पहनती हूँI “हाँ मगर बाल खुले नहीं छोड़ती ।“ गायत्री अब मुस्कुरा दी। “वैसे तुम भी अच्छे लग रहें हो। लगता है, चश्मा बदला है?” “चार-पाँच बनवा लिए है,” बदल बदलकर पहनता रहता हूँ।
अब थोड़ी देर में वो कॉलेज के अंदर पहुँचे। हमेशा की तरह सभी स्टूडेंट्स फैशन से लबरेज सुन्दर दिख रहें हैं। आज दिन में नेहा कक्कर ने आना है, इसलिए उसके नाम के होरडिंग लगे हुए हैं। उसने अपने डिपार्टमेंट से गायत्री को मिलवाया तो राजेश झा जी अपनी आँखों से गायत्री के पूरे बदन का एक्सरे करने लगे। श्याम उनकी हरकत भाँप गया और गायत्री को वहाँ से लेकर चला गया।
गायत्री अब अपने डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स के साथ खड़ी है और श्याम अपने । तभी कुसुम मैडम ने पूछा, आपकी बचपन की दोस्त है??” “हम्म !!! आपने कभी कोई कोशिश नहीं की??” “ क्या मतलब?” उसने कुसुम को अजीब नज़रों से देखा। “यही कि कभी दोस्ती से आगे नहीं बढ़े??” जी नहीं!! हम ऐसे ही ठीक थे और अब तो उसकी शादी हो रही है।“ ओह !!” “वैसे आपके पति कैसे है??” कुसुम ने मुँह बना लिया। “मैं अपना मूड़ नहीं खराब करना चाहती।“ अब हाथ में कोल्ड्रिंक लिए वहाँ से चली गई। कॉलेज में नेहा कक्कर आई और उसे देखकर स्टूडेंट उछलने लगे। उसका प्रोग्राम शुरू होते ही सभी स्टूडेंट्स ने भी डांस शुरू कर दिया।
अब श्याम ने देखा कि एक कोने में खड़ा राजीव माथुर गायत्री को ही देखे जा रहा है। श्याम को अच्छा नहीं लगा तभी उसके पास राजेश झा जी आए और उससे धीरे से कहने लगे। “कल छुट्टी है, इसलिए शाम को सात बजे चलेंगे।“ यह सुनते ही उसने राजेश झा को एक ज़ोर से लात मारी। “तेरी वासना की आग अभी तक बुझी नहीं।“ सभी स्टूडेंट्स उन्हें देखने लगे और राजेश जी के चेहरे पर पीड़ा उमड़ पड़ी। “हाय !!! मार दिया !!!”
मगर तभी नेहा कक्कर के गाने ने उसे यह याद दिलाया कि वह वर्तमान में है और राजेश जी उससे बहुत दूर कुछ स्टूडेंट के साथ एक गाने पर थिरक रहें हैं। उसने अब दो चार गिलास कोल्डड्रिंक पीकर अपना गुस्सा शांत किया। राकेश ने संजू से पूछा, “भाई प्लान क्या है। पहले शाम तो आने दें। फिर आएगा, मज़ा।“ अब वह और उसके दोस्त ज़ोर से हँसने लगे।
दूसरी तरह श्याम को आकाश का मैसेज आया कि “वो लोग छह बजे उसके कॉलेज पहुँच रहें हैं।“ कितने लोग है?” “फ़िलहाल तो मेरे साथ अजय, सुनील, दिवाकर, जयंत और सुधीर आ रहें हैं, बाकी किसी को आना होगा तो वहीं आ जायेगा।“ यह पढ़कर श्याम ने मुँह बनाते हुए कहा, “सारे कमीने तो इसी के साथ ही आ रहें हैं।“