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रीयूनियन पार्टी`
अब वह राजेश झा का मुँह ताकने लगा, फिर नर्म लहज़े में बोला, “सर, मैं कही नहीं जाताI”
हाँ हाँ ठीक है, पर मुझे तो ले जा सकते हो??
सर आप ऐसा क्यों कह रहें हैं आपकी बीवी है, दो बच्चे हैI
बीवी मेरी चंडालिका हैI बात-बात पर झगड़ा करती है और बच्चे अपनी दुनिया में मस्त हैI बेटा इंजीनियरिंग कर रहा है, बेटी का अपना बुटिक हैI
सर, मैं इसमें कोई मदद नहीं कर सकता, आप तो रिटायर हो जायेंगे, मगर मेरी नौकरी चली जाएगीI उसने अब दीन हीन होकर ज़वाब दियाI
“कुछ नहीं होगा, मैं तुम्हारा सीनियर हूँ, कॉलेज कमेटी में मेरी बहुत चलती हूँI मेरे जाने के बाद तुम्हें ही हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट बनवाऊँगा इसलिए कह रहा हूँ कि सब संभाल लूंगा और मैं तो कहता हूँ, तुम भी मज़े ले लेनाI फेस्ट के बाद अगले दिन छुट्टी है, तब चलेंगेI अब मना मत करना, “ उसने श्याम को आँखे दिखाईI
यह कहकर राजेश झा तो चले गएI मगर श्याम ने सिर पकड़ लिया,’ बुड्ढे को क्या आग लगी हैI ख़ुद तो इसका बाल भी बाँका नहीं होगा और मेरा एक बाल भी नहीं बचेगाI अगर मैं चला गया और वो जग्गी ने मुझे पहचान लिया तो....... इस बुड्ढे को पता चल जायेगा कि मैं वहां पहले भी जा चुका हूँI हे भगवान, कैसे जान छुड़ाओ, इस हवस के पुजारी सेI’
शाम को नित्या को ट्यूशन पढ़ाने के बाद, वह बबलू की बेकरी पर गया तो देखा कि वह काम में लगा हुआ है I उसने दो मिस्त्री और रख लिए है जो कैफ़े के लिए खाने पीने की चीज़े बनायेगेI श्याम उसके साथ कॉउंटर पर बैठ गया और उसके नौकर उसके लिए ढोकला और कचौरी रखकर चले गएI
“भाभी कैसी है?” “ठीक है, बीमारी में उसका दिमाग ख़राब हो गया हैI” “क्या मतलब?” “कह रही है, बी.ए. करना हैI” “तो करवा दें, इसमें दिमाग खराब होने वाली कौन सी बात हैI” उसने मुँह बना लियाI “लोग क्या कहेंगे, पति खुद तो बारहवीं पास है और बीवी को कॉलेज भेज रहा हैI” “तो लोगों की वजह से उनका दिल क्यों तोड़ रहा हैI आज के समय में बी.ए. करना कोई बहुत बड़ी बात नहीं हैI”
“फिर भी श्याम ??” “अरे!!! यार थोड़ा ध्यान बटेगा तो बीमारी जल्दी ठीक होगी, वरना सोचने से बीमारी और बढ़ेगीI” अब तो बबलू को चिंता हो गईI “ ठीक है, तू ही दाखिला करवा देंI” “ कल यूनिवर्सिटी जाऊँगा तो ओपन के फॉर्म ले आऊँगाI” तू ढोकला क्यों नहीं खा रहा, क्या बात है?” उसने मुँह बनाते राजेश झा वाली उसे बता दींI “मैं तुझे बता रहा हूँ श्याम यह बूढ़ा जवानी में बड़ा रंगीला होगाI “ वह अभी भी है, सारी लड़कियाँ इससे घेरे रहती है I “ तू इसे मत लेकर जाइओं,” “ मुझे क्या कुत्ते ने काटा है, इससे पीछा छुड़ाने का कोई रास्ता ढूंढ रहा हूँI” उसने अब ढोकला मुँह में डालाI
रात को घर पहुँचा तो उसने तान्या से चैटिंग शुरू कर दी उसने कहा कि वह उसे कॉल कर देता है, मगर तान्या ने यह कहकर मना कर दिया कि ‘उसका कमरा नीचे बेसमेंट है इसलिए वहां आवाज़ नहीं आती और रात को बाहर जाना ठीक नहीं हैI’ श्याम भी उसकी बात समझ क्योंकि दिन में वो बिजी होता है और फिर फेस्ट के बाद तो वो दोनों मिलने ही वाले हैंI
अगले दिन कॉलेज में कल होने वाली फेस्ट की रौनक हैI दिलजीत दोसांझ और गुरु रांधवा के अलावा नेहा कक्कर को भी बुलाया गया हैI दोनों कॉलेज के स्टूडेंट्स एकसाथ मिलकर फेस्ट की तैयारियाँ कर रहें हैंI गायत्री भी उसके कॉलेज में आई हुई हैI दोनों आपस में बात कर रहें है कि तभी उसे आकाश का कॉल आता हैI
हाँ बोल,
कल हम पाँच सात लोग आएंगे, उसके अलावा कोई और भी आ जाए तो पता नहीं, मैंने वैसे सबको मैसेज कर दिया हैI आकाश एक ही साँस में बोल गयाI
अब भी कह रहा हूँ. कैंसिल कर दे. फिर किसी दिन देख लेंगे I
ना मेरे मुन्ना ना, रीयूनियन पार्टी तो कल ही होगीI उसने हँसते हुए फ़ोन रख दियाI
“आकाश का फ़ोन था?” गायत्री ने सवाल कियाI “हम्म!” उसने हाँ में सिर हिला दियाI “भगवान हमारी रक्षा करेंI” गायत्री ने चिंतित स्वर में कहा तो श्याम ने समझाया, “कुछ नहीं होगा, टैंशन मत लोI वही श्याम से दूर खड़ा संजय उसे घूर रहा है, “ श्यामबाबू! कल तुझे पता चलेगा कि यह संजू क्या चीज़ हैI’