अब तक आपने कहानी में पढ़ा अरुण मित्तल और उनकी पत्नी सावरी मितल के बीच खर्चों को लेकर छोटा सा नोक - झोक होता है । बेटे के आने की खुशी में सावरी खुशियां मनाना चाहती है वो भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ । इसीलिए सावरी घर में पूजा और शाम को पार्टी रखती है ।
अरुण मित्तल को जब पता चलता है किसी ने उनके क्रेडिट कार्ड से एक लाख रुपए निकाल लिया है तो वो बेहोश होकर फर्श पर नीचे गिर जाते है जिससे उनको बहुत चोट लग जाती है ।
लेकिन अरुण मित्तल अपने पत्नी के फैसले से खुश नहीं थे क्योंकि पार्टी में बहुत खर्चें हो रहे थे और अरुण मित्तल तो पल एक नम्बर का कंजूस आदमी जो अपने इकलौते बेटे के आने के खुशी पर भी अपने अकाउंट से कुछ पैसे खर्च नहीं करना चाहते थे ।
आदिया अगले दिन मितल मैंशन फूलों से भरा मीनी ट्रक लेकर खुद चलाते हुए पहुंचती है ।
नेक्स्ट डे
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सुबह - सुबह खेतों से रंग - बिरंगे सुगंधित फूलों से भरा मिनी ट्रक लाकर अपने घर के बाहर खड़ा कर देती है ।
" बाबा " आदिया को काम करते देख भावुक हो जाते है और उनके आंखों से आंसू टपक रहे थे ।
आदिया उसके पास आकर समझाती है बाबा आप कुछ मत बोलना आपके आंसू मुझसे सब कह गए ।
आंसू पोछते हुए ' बावा आप बस मुझे आशीर्वाद दीजिए आज मेरा intervie है और बेकार की बातों को आप अपने दिमाग से बाहर निकल फेकों ।
अच्छा कमला चाची आपको आकर खाना और दवा दोनों खिला देगी इसीलिए आप सिर्फ आराम करेंगे । खेतों के बारे में आप तो बिल्कुल नहीं सोचेंगे ।
' अच्छा बाबा आप आराम कीजिए मैं अभी अपना हुलिया ठीक कर के आती हूं बहुत बड़े बिजनेसमैन के घर ऑर्डर लेकर जाना है । '
कुछ देर बाद आदिया अपना गेटअप बदलकर अाई , बाबा के सामने बाबा देखकर आदिया को एक हल्की सी मुस्कान देते है ' बेटा मन में मैं कुछ सोचता हूं तो तुम्हे कैसे पता चल जाता है कि मैं किस बात को लेकर अंदर ही अंदर परेशान हो रहा था '
आदिया बावा के पैर छू कर आशीर्वाद लेती है बावा से मुस्कुराते हुए बोली ' क्योंकि बाबा आपका और मेरा रिश्ता
सिर्फ़ नाम का रिश्ता नहीं है हमारा ।
हम दोनों का रिश्ता तो दिल से जुड़ा है जैसे आपको मेरी हर बात आपको पता चल जाता है वैसे मुझे भी चल जाता है । वक़्त पर दवा खा लेना आप बाबा ।
आदिया फूलों का ऑर्डर लेकर रिवान के घर पहुंच जाती है , आदिया रिवान के घर लड़की की जगह लड़के का गेटअप में तैयार होकर फूलों से भरा मिनी ट्रक को मितल
मैंशन के सामने लाकर खड़ा करती है ।
रिवान सुबह के 8 बजे अपने रूम के खिड़की से बाहर देख रहा था , मन ही मन कुछ सोच रहा था । जो हमारे देश के हवाओं में सुकून भरा एहसास देता है ऐसा सुकून विदेशों में कहां मिलता है ।
इधर उधर देखने के बाद मुझे ऐसा क्यों मेहसूस हो रहा है जैसे वो मेरे आस पास ही कहीं मौजूद है ।
आखिर मुझे ये एहसास क्यों आता है बार बार ।
न चाहते हुए भी मेरा दिल पता नहीं कहा खो जाता है ।
आज फिर से उसे ढूंढने उसके गांव जाऊं क्या मैं ?
अगर वहां गया तो पता चला मम्मी पूरा घर अपने सर पर उठा ली मुझे यहां घर पर न देख कर ।
वैसे आज तो मेरे लिए मां घर में पूजा रखवाई है घर से एक कदम बाहर निकाला तो तूफ़ान अा जाएगा ।
" विराज " अंगड़ाई लेते हुए रिवान के पास आया , खिड़की से बाहर देखते हुए कहा ' आ.... हा.. आज तो इन हवाओं में मोहब्बत घुला है ऐसा लगता है । आज मौसम कितना प्यारा है न और ये आहिस्ता आहिस्ता चलती हुई ठंडी हवाएं और इनमें घुला फूलों का खुशबू वाला इत्र कितना अच्छा लग रहा है ।
रिवान विराज को तिरछी नजर से घूरता है .... ' विराज ऐसे मत देख यार मुझे कुछ - कुछ होता है बचपन वाली मेरे स्कूल की प्रिंसिपल की याद आती है जब कोई मुझे ऐसे घूरता है तो । डर भी लगता है यार ...
' एक बार मुझे ऐसे ही घुर रही डर के मारे मेरे पैंट अब इसके आगे मुझसे कुछ कहा नहीं जाएगा ' ।
रिवान विराज को डरता देख और उसकी बचपन की कहानी को सुनकर हंसने लगता है, भाई आखिर तुम भी तो कुछ कम नहीं थे क्या जरूरत थी प्रिंसिपल की बेटी को
अाई लव यू कहने की ।
' अरे यार मैं बेवकूफ था , घर जाते समय एक लड़के को लड़की के तरफ देखते हुए अाई लव यू बोलते हुए देख कर उससे मैं बचपन में इंस्पायर हो के प्रिंसिपल के बेटी को बोल दिया था । प्रिंसिपल मैम ने मेरी उस वक़्त ऐसी क्लास ली थी आज तक मेरी हिम्मत किसी लड़की को आई लव यू बोलने का नहीं हुआ । आज भी वही सीन याद आता है मेरे आंखों के सामने फिर ये सोचकर अपने बढ़ते कदम को रोक लेता हूं । " कहीं फिर से मेरी पैंट गीली न हो जाए " ।
दूसरी तरफ आदिया मिनी ट्रक से धीरे - धीरे सारे फूलों को
उतार कर मितल मैंसन में रख देती है ।
आदिया अपने कलाई के तरफ देखते हुए ' ओह नो 9 बज गए है। मुझे जल्दी से पैसे लेकर यहां से निकलना होगा वरना मैं इंटरव्यू के लिए लेट हो जाऊंगी ।
सावरी मैम आप मुझे मेरे पैसे दे दीजिए मैं अब यहां से चलता हूं मुझे और भी जगहों पर फूलों का टोकरा पहुंचाना है ।
' सावरी हॉल में बैठने के लिए कह कर अपने रूम के तरफ बढ़ती है । आदिया बार - बार अपने कलाई के तरफ देखती है और परेशान होते हुए ' " वक़्त बीतता जा रहा है ज्यादा वक़्त नहीं है मेरे पास मुझे यहां से जल्दी निकलना होगा ।"
जब सावरी उपर अपने रूम से नीचे पैसे लेकर अाई तो आदिया बिना पैसे लिए ही वहां से निकल जाती है ।
" सावरी " वो फूलों वाला लड़का कहां चला गया , लगता है बिना पैसे लिए ही चला गया । वो कह रहा था उसे फूलों का ऑर्डर और अन्य जगहों पर भी देना है। सावरी किचेन के तरफ बढ़ जाती है माता रानी का प्रसाद बनाने के लिए ।
' जाते - जाते अपना कीमती लॉकेट मितल मैंशन के अंदर
ही गिरा कर आदिया चली जाती है । '
कुछ देर बाद हॉल में रिवान आता है ???
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कहानी अच्छी लगी हो तो plz मुझे फॉलो जरूर करें ।
🙏🙏
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