Kismat se mila rista in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 2

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 2

उधर उस कमरे में,

अब अभय आईसीयू का दरवाज़ा खोलता है तो देखता है कि उस की बहन आईसीयू के एक बेड पर लेटी हुई होती है जिस से चारो तरफ से मशीनों द्वारा घेरा हुआ होता है साथ में उस ने हल्के नीले रंग की हॉस्पितलो में उपयोग होने वाले कपडे पहने होते हैं।

उस की बहन के सिर पर चोट लगी हुई होती है साथ में उस के सिर पर पट्टी भी बंधी होती है और उस को खून की बोतले चढ़ रही होती है क्योंकि उस का बहुत ज्यादा खून बह चुका होता है।

अभय गुस्से में राज से कहता है, "राज जिस किसी ने भी मेरी बहन की यह हालत की है उस को पाताल से भी ढूंढ के निकालो और हां उस को सही सलामत लेकर आना क्योंकि मुझे वो इंसान जिंदा चाहिए और उस का मै क्या करूंगा, वो तो तुम को पता ही है और एक खतरनाक हसी हस देता हैं!"

आज अभय अपनी बहन को पूरे चार दिन बाद इस हालत में देख कर दुखी होता है कहने के लिए तो मुम्बई में उस का पूरा परिवार रहता है पर वो सिर्फ अपनी बहन को ही अपना परिवार मानता है।

अभय अभी आईसीयू में लेती हुई अपनी बहन को देख रहा होता है और साथ में आकाश और राज भी वही खड़े होते हैं, तभी वो तीनो देखते हैं कि तनवी की आंखे खुल रही होती है।

तनवी, वहा खड़े अभय, आकाश और राज को देख कर पूछती है, "आप सब कौन हैं? और क्या मै आप सब को जानती हूं? बताए मुझे !"

अभय, तनवी के सवाल का जवाब देते हुए कहता है, "मै तुम्हारा बड़ा भाई हू।"

तनवी, अभय के जवाब को सुन के कहती हैं, "अच्छा तो आप तीनो मेरे भैया हो ?"

तनवी की बात सुनके आकाश और राज की आंखे तो फटी की फटी रह जाती है और दोनो एक दूसरे का चेहरा देख रहे होते हैं।

तनवी, आकाश और राज को ऐसे देख के पूछती है, "क्या हुआ आप दोनो एक दुसरे को ऐसे क्यो देख रहे हो भैया?"

अभय, तनवी को बड़े प्यार से कहता है, "बच्चा, चलो फ्रेश हो जाओ हम अपने घर चलते हैं ।"

तनवी अभय की बात पर सवाल करते हुए पूछती है, "यहा बच्चा कहा है, भैया और आप किस की बात कर रहे हैं?"

अभय, तनवी के सवाल का जवाब देते हुए कहता है, "मैं तुम्हारी बात कर रहा हूं और मैं तुम्हे प्यार से बच्चा बोल रहा हूं।"

तनवी, अभय के जवाब पर दुबारा सवाल कर रही है, ""क्या भैया? आप भी कुछ भी बोल रहे हो, मै आप को कहा से बच्ची नजर आ रही हू , बताओं मुझे ?"

अभय थोड़े से गुस्से के साथ बोलता है, "अब बहुत हुआ, इस से आगे मुझे अब कुछ नही सुनना है।"

तनवी, अभय की बात पर गुस्सा करते हुए कहती है, "मै आप से बात नहीं करूंगी भैया, मै आप से अभी मिली हू और आप मुझ पर गुस्सा कर रहे है।" और फिर अपना मुंह दूसरी तरफ कर लेती है।

तनवी को ऐसे बच्चो जैसा गुस्सा करते देख अभय के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं पर आकाश और राज को तो जैसे झटका ही लग जाता है क्योंकि उन्हे तो याद भी नहीं कि उन दोनो का बॉस आखरी बार कब हंसे होंगे।

तनवी, अभय पर झूठ मूठ का गुस्सा करते हुए कहती है, ""क्या भैया? यहां मै आप से गुस्सा हो रही हू और आप हस रहे हो।"

अभय, तनवी की बात पर हस्ते हुए कहता है, "नही बच्चा, तुम्हे तो सच में गुस्सा होना भी नहीं आ रहा है इसलिए मेरी हसी छूट गई।"

तनवी, अभय की बात पर बोलती हैं, "जाइए, नही करती मै आप से बात।"

अभय बात को बदलते हुए कहता है, "अच्छा अब जल्दी जाओ और तैयार हो कर आओ।"

तनवी, अभय से गुस्सा दिखाते हुए कहती है, "नही, पहले आप को मुझसे माफ़ी मांगनी होगी, तब कही जाकर सोचूँगी !"

आकाश और राज दोनो हैरानी से एक साथ बोलते है, "माफ़ी मांगनी होगी !"

तनवी, आकाश और राज को बोलते हुए कहती और साथ में बोलती है, "हां... हां माफ़ी मांगनी होगी!" और आप दोनो ऐसे चॉक रहे हैं जैसे भैया ने कभी किसी से माफ़ी ही नही मांगी होगी।

तनवी की बात सुन के आकाश और राज कुछ बोलने ही वाले होते है.....

तभी बीच मे अभय, तनवी से कहता है, "अच्छा....अच्छा, ठीक हैं मैने ही गलत कह दिया तुम्हे, अब तो जाओ जाकर तैयार हो जाओ।"

अभय की बातो को सुन आकाश और राज को तो अपने कानो पर यकीन ही नहीं होता है कि उन का बॉस अपनी गलती मान रहा हैं।

तनवी, अभय के बार बार एक बात बोलने पर कहती है, "Hmm, ठीक है तेयार होने जा तो रही है आप बार बार ऐसे क्यों बोल रहे हो जैसे आप की कोई ट्रेन छूट ने वाली हो।"

तनवी, अभय से पूछती हैं, "भैया, वैसे हम घर जा रहे हैं तो वहा पर सब लोग होंगे न, मेरे कहने का मतलब है कि हमारे परिवार में कौन कौन हैं ?"

तनवी की बात सुन, अभय गुस्से से तनवी को कहता है, "कोई नही है, मेरे पास सिर्फ तुम्हारे अलावा, समझ आया तुम को और आज के बाद मेरे से इस Topic पर कोई बात मत करना।"

अभय, आकाश की और देखता है तो आकाश अपने बॉस के इशारे को समझ कर आईसीयू के कमरे से बाहर निकल जाता हैं।

अब तक तनवी का चेहरा उतर चुका होता है जिसे देख राज को अच्छा नहीं लग रहा होता है और वो यह सब अपने मन में सोच रहा होता है, "बॉस को पता तो है कि तनवी मैम की याददाश नही है फिर भी उन पर गुस्सा कर रहे हैं, साथ में राज अपने बॉस के गुस्से के आगे बोलने की हिम्मत नही कर पता है।"

तनवी आगे बोलने ही वाली होती है, "पर भैया....!"

तनवी बोल ही रही होती है कि अभय बीच में बोल पड़ता है, "अब क्या रह गया है तुम्हरा ?"

तनवी गुस्से से अभय को कहती है, "भैया, पहले मेरी बात ध्यान से सुन लो, ठीक है उसके बाद अपनी बात कहना, पहले यह जो इतनी बड़ी मेरे सिर पर पट्टी बंधी है उस को हटवा कर एक छोटी सी बैंडडेज लगवा दो और यह जो मेरे हाथ में ड्रीप चढ़ रही हैं उस को भी हटवाओ तभी तो अपने कपड़े बदलने जाऊंगी।"

तनवी से डाट सुनने के बाद अभय का मुंह देखने लायक होता है, और आकाश व राज को हैरानी के साथ साथ हसी भी छूट रही होती है क्योंकि उन के बॉस को आज तक किसी ने भी डाटने की हिम्मत नही करी थी।

अभय का गुस्सा शांत ही नही होता है तो अभय फिर तनवी से कहता है, "और हां अब चुप चाप जाकर तैयार हो जाओ, मै तुम्हारे लिए कुछ कपडे लाने को बोलता हूं।"

अभय, आकाश की और देखता है तो आकाश अपने बॉस के इशारे को समझ कर आईसीयू के कमरे से बाहर निकल जाता हैं। और साथ में राज भी आईसीयू के बाहर निकलने लगता हैं।

आईसीयू से बाहर निकल ने के बाद आकाश, राज से कहता है, "तुम क्यों मेरे पीछे पीछे आ रहे हो ?"

राज गुस्से से आकाश को कहता है, "तो, क्या करू ? बॉस के हाथो मर जाऊं !"

फिर राज, आकाश से दुबारा कहता है, "बॉस अपनी बहन तक पर गुस्सा कर रहे हैं जबकि उन की याददाश नही है तो तुझे क्या लगता है मुझे ऐसे ही छोड़ देंगे !"

आकाश, राज की बात सुन के बोलता है, "अच्छा...अच्छा ठीक है अब तुम डॉक्टर को बुला लो और मै तनवी मैम के लिए कपड़े लेकर आता हूं , नही तो बॉस हम दोनो को नर्क के दर्शन करवा देंगे।"

आकाश की बात सुन, राज कहता है, "हां, ठीक हैं।"

फिर आकाश हॉस्पिटल से बाहर निकल कर किसी को कॉल करता है और राज हॉस्पिटल मे डॉक्टर को लेने चला जाता हैं।

अभय अब अपनी बहन तनवी को देख रहा होता है जो दूसरी तरफ अपना मुंह कर के बिस्तर पर लेती होती है।

अभय, तनवी को मानते हुए कहता है क्योंकि उस को अपनी गलती का एहसास हो रहा होता है, "बच्चा, मुझे माफ़ कर दो न, मैने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया।"

तनवी उदास होकर अभय से कहती हैं, "सब के सामने गुस्सा करते हो और अकेले में माफी मांग रहे हो।"

तनवी, अभय को कहती है, "और यह बात उन दोनो भईया के सामने बोलने में कोई परेशानी हो रही थी क्या आप को?"

अभय, तनवी की बात सुन के कहता है, "बच्चा, मैने माफी मांग तो ली है!"

तनवी, अभय पर भड़क जाती हैं, "तो, आप मुझसे माफ़ी मांग के मुझे पर एहशान कर रहे हो क्या?"

अभय, तनवी को गुस्से देख ही रहा होता है कि उस को लगता है कि कोई उन दोनो की बाते सुन रहा है जब वो पीछे मुड़ के देखता है तो आकाश और राज आईसीयू के दरवाजे पर खड़े होते हैं।

उन दोनो को देख के ही लग रहा होता है कि कोई भूत देख लिया हो क्योंकि उन दोनो ने अभय की कही हुई बाते सुन ली होती है जिस वजह से उन दोनो को बहुत हैरानी हो रही होती है कि उन का बॉस किसी से माफ़ी भी मांग सकता है।

तनवी, आकाश और राज को देख कर बोलती है, "अरे, भैया आप दरवाजे पर क्यों खड़े हो अंदर आ जाओ ना?"

तनवी की बात सुन, आकाश और राज दोनो साथ मे आईसीयू में अंदर आते है और आकाश के हाथ में बहुत सारे बैग्स होते हैं और राज अपने साथ डॉक्टर्स की टीम लेकर आया होता है।

आकाश, अभय को बैग्स देते हुए कहता है, "बॉस, यह लीजिए !"

अभय आंखे दिखाते हुए आकाश से कहता है, "यह मुझे क्या दे रहे हो, तनवी को दो !"

आकाश, तनवी के पास वो सारे बैग्स रख देता है, "यह लीजिए।"

तनवी, राज से पूछती है, "अरे भैया आप इतने सारे डॉक्टर्स को क्यों बुला लाए हो?"

राज, तनवी की बात सुन आगे बोलने वाला होता है, "वो..क्या है न !"

अभय बीच में ही बोल पड़ता है और गुस्से से डॉक्टर्स की टीम को कहने लगता हैं, "मेरा मुंह क्या देख रहे हो मेरी बहन को अच्छे से चेक करो और उस की यह पट्टी और यह ड्रीप हटा दो !"

अभय के गुस्से को देख वो सब डाक्टर डर जाते है, और अभय से कहते है, "जी...जी सर, और फिर वो सब डॉक्टर्स जल्दी जल्दी अपना काम करने लग जाते है।"

तनवी, अभय की Care करते हुए कहती हैं, "भैया, आप नमक कम खाया करो और साथ में अपना चेकअप कराओ क्योंकि आप को गुस्सा बहुत ज्यादा आता है और यह ब्लड प्रेशर हाई होने के लक्षण हैं ।"

अभय के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है जो कि तनवी की कही हुई बातो के द्वारा आई होती है।

एक डॉक्टर तनवी से कहती है, "मैम, अब आप उठ सकती है।"

अभय उन डॉक्टर्स से पूछ रहा होता है, "अब जाओ यहां से और हां, मेरी बहन को कोई दिक्कत तो नही होगी ना Travel करने से?"

वो डॉक्टर्स, अभय की बात सुन डर के साथ कहते है, " जी...नहीं सर, ऐसा कुछ नही होगा।"

तनवी आकाश के लिए बोल रही होती है पर तीनो एक साथ तनवी की तरफ देख रहे होते हैं, "अरे ! इतने सारे कपड़े किस लिए ले आए हो भैया ?

जब तनवी देखती है कि तीनो उस की ओर देख रहें है तो तनवी, आकाश की तरफ इशारा करते हुए कहती हैं, "अरे मै इन वाले भैया को बोल रही थी !"

तनवी, उन तीनो से पूछती हैं, "वैसे आप तीनो ने अभी तक मुझे अपना नाम तक नहीं बताया है तो Confusion तो होगी ही ना।"

तनवी, अभय की तरफ देख के पूछती है, "बताओ ना भैया, आप तीनो का नाम क्या है ?"

तनवी की बात को सुन, अभय खुद तीनो का परिचय दे देते हुए कहता है, "मैं तुम्हारा भाई अभय सिंह राजपूत, यह मेरा पी ए आकाश शर्मा और यह मेरा बॉडीगार्ड राज ठाकरे है।"

तनवी, आकाश से पूछती हैं, "अच्छा ठीक है, तो आकाश भैया आप इतने सारे कपड़े क्यो लेकर आए हैं?"

आकाश, तनवी के द्वारा उस को भैया कहने पर कहता है, "भैया !", आप मुझे भैया क्यो कह रही है !"

तनवी, आकाश को बोलती हैं, "क्यो मै आप को भैया क्यो नही कह सकती हूं? और वैसे भी आप मुझसे बड़े लग रहे हैं तो मै आप को भैया ही कहूंगी।"

राज और आकाश को तनवी की बात सुन हैरानी हो रही होती है और साथ में अभय भी तनवी की बाते सुन उस को देखता ही रह जाता है।

तनवी वहा खड़े तीनो अभय, आकाश और राज को देख बोलती हैं, "चलो अब मै अपने कपड़े बदल के आती हु, नही तो अभय भैया का फिर से वही कुछ सुनना न शुरू कर दे।"

तनवी यह सब बोल के जल्दी से आईसीयू के साथ जुड़े बाथरूम में भाग जाती हैं और दरवाजा बंद कर लेती है। उस की इस हरकत से आईसीयू में खड़े तीनो अभय, आकाश और राज के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं।

तनवी बिना अपने कपड़े बदले ही बाहर आ जाती हैं तो अभय उस को देख के कहता है, " क्या बच्चा तुम ने अभी तक अपने कपड़े नही बदले ?"

अभय की बात सुन, तनवी कहती हैं, "कैसे बदलू यह आकाश भैया भी ना !"

तनवी की बात सुन, अभय आकाश को घूर के देखता है तो आकाश घबरा जाता हैं और कहता है, " बॉस मैने कुछ नही किया, सच में !"

आकाश की बात पर, तनवी उस को टोंट मरते हुए कहती है, "आप ने ही किया है यह सब और "क्या आकाश भैया, इतनी छोटी ड्रेस लेकर क्यों आए हो ? माना, अभय भैया मुझे बच्चा कह भी रहे हैं पर मै सच में बच्ची थोड़ी हो गई हू।"

तनवी की बात सुन आकाश गहरी सांस लेता है और फिर तनवी की बात पर कहता है, " पर आप को तो ऐसे ही कपड़े पहनती है !"

आकाश की बात सुन, तनवी लगभग चिड़ते हुए कहती हैं, "बिलकुल भी नहीं, मै अब कोई छोटी बच्ची नहीं रह गई हु जो इतने छोटे कपड़े पहनूंगी।"

अभय, तनवी को समझाते हुए कहता है, "बच्चा अभी इसे ही पहन लो क्योंकि हमें मुम्बई के लिए भी तो निकलना है न।"

तनवी लगभग अभय पर चिलाते हुए कहती है, मुझे नही पता मुझे एक लॉन्ग ड्रेस चाहिए तो चाहिए !"

अभय अपना गुस्सा आकाश पर गुस्सा निकलते हुए कहता है, "ठीक है, अब खड़े खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हैं जल्दी जाओ और एक अच्छी सी लॉन्ग ड्रेस लेकर आओ।"

आकाश, अभय की बात सुन के कहता है, "ठीक हैं बॉस, मै अभी लेकर आता हूं।"


क्या सच में अभय ने हंसना छोड़ दिया है ? और क्या सच में अभय को आज तक किसी ने नहीं डाटा है जैसे तनवी ने डाट दिया है ?

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