The Six Sense in Hindi Thriller by रितेश एम. भटनागर... शब्दकार books and stories PDF | द सिक्स्थ सेंस... - 21

Featured Books
Categories
Share

द सिक्स्थ सेंस... - 21

अगले दिन सुबह -

सुहासी हॉस्टल से कॉलेज पंहुच चुकी थी लेकिन ना तो अभी तक जुबैर कॉलेज पंहुचा था और ना ही राजवीर!!

क्लास शुरू होने को थी पर अभी तक उन दोनों का कुछ अता पता नहीं था, उन दोनों का इंतजार करते करते बेमन से सुहासी क्लास में जाकर बैठ गयी, थोड़ी देर में ही क्लास में टीचर भी आ गयीं लेकिन ना तो जुबैर क्लास में अाया ना ही राजवीर!!

क्लास शुरू हुये पूरे पंद्रह मिनट हो चुके थे कि तभी दौड़ता हुआ, हांफता हुआ राजवीर क्लास के गेट पर आया और टीचर से कहा- May i come in mam?

बेमन से टीचर का लेक्चर सुन रही और सिर झुकाकर अपनी किताब की तरफ देख रही सुहासी ने जैसे ही राजवीर की आवाज सुनी वैसे ही वो झटके से अपना सिर उठाकर दरवाजे पर खड़े राजवीर को देखने लगी|

इधर राजवीर के क्लास में अंदर आने के लिये पुछने पर टीचर ने उसे अंदर बुलाया और कहा- Why are u so late?

टीचर के ये सवाल करने पर राजवीर ने एक स्लिप जैसी कोई चिट उनको दे दी, उस चिट में प्रिंसिपल ऑफिस की स्टैंप लगी थी और उसमें लिखा था कि "Please allow him in the class because he was in hospital to take care of his room mate and his fellow student Mr. Zubair!!"

वो चिट पढ़ने के बाद टीचर ने राजवीर को क्लास में बैठने के लिये अलाउ कर दिया, उनके अलाउ करने के बाद राजवीर ने अपनी बेंच पर जाते हुये जब सुहासी की तरफ देखा तो सुहासी ने इशारा करते हुये अपने होंठ हिलाकर उससे पूछा - Where is Zubair??

राजवीर ने अपनी हथेली से इशारा करके सुहासी को जवाब दिया कि "क्लास के बाद बताता हूं!!"

इसके बाद राजवीर जैसे ही अपनी बेंच पर बैठा वैसे ही वो टीचर सामने से बोलीं - How is your friend Zubair now?

जहां एक तरफ टीचर के इस सवाल को सुनकर सुहासी चौंक गयी ये सोचकर कि "मैम जुबैर के लिये ये क्यों पूछ रही हैं!!" वहीं दूसरी तरफ राजवीर उनके सवाल का जवाब देते हुये बोला- Mam he is fine now and discharged from the hospital and now he is taking rest in the room!!

राजवीर की बात सुनकर टीचर बोलीं- Is there anyone with him in the room or he is alone?

राजवीर ने कहा- No mam.. He is not alone, one male warden is there with him to take his care!!

टीचर बोलीं- Ok that's good!!

जुबैर के बिना जिस सुहासी का मन पहले से ही क्लास में नही लग रहा था उस सुहासी ने जब "जुबैर... हॉस्पिटल... डिसचार्ज... तबियत!!" ये सारी बातें सुनीं तब तो जुबैर की चिंता में उसका मन क्लास में लगना बिल्कुल बंद हो गया, वो जुबैर की चिंता में बहुत घबराने लगी और उसकी आंखों में हल्के हल्के आंसू भी आने लगे थे, इमोशनल हो चुकी सुहासी ने जैसे ही हल्की सी सुबकी ली वैसे ही राजवीर उसकी तरफ देखने लगा और उसे समझ आ गया कि सुहासी के मन में क्या चल रहा है!!

क्लास खत्म होते ही सुहासी फटाक से अपनी जगह से उठी और बिना टाइम वेस्ट किये राजवीर के पास जाकर खिसियाते हुये बोली- राजवीर क्या हुआ है ज़ुबी को? उसे हॉस्पिटल क्यों ले जाना पड़ा? प्लीज बताओ ना क्या हुआ है उसे?

राजवीर उसकी मनस्थिति जानता था इसलिये वो उसे बड़े प्यार से समझाते हुये बोला- रिलैक्स सुहासी, ऐसे परेशान मत हो, वो अब ठीक है और आराम कर रहा है!!

सुहासी बोली- पर उसे हुआ क्या है?

सुहासी के इस सवाल को सुनकर राजवीर पता नहीं क्यों हल्का सा मुस्कुराया और अपना सिर नीचे कर लिया, उसे ऐसी सिचुएशन में भी मुस्कुराते देख सुहासी इरिटेट सी होकर बोली- अरे तुम हंस रहे हो, मैं मानती हूं कि तुम्हारी और उसकी नहीं बनती लेकिन ऐसा भी क्या है कि उसकी तबियत इतनी खराब है और तुम मुस्कुरा रहे हो, मुझे अच्छा नहीं लगा राजवीर!!

राजवीर बोला- अरे नहीं ऐसा नहीं है मैं उसकी तबियत को लेकर नहीं मुस्कुरा रहा हूं, मुझे उसकी तबियत खराब होने के रीज़न के बारे में सोचकर हंसी आ गयी बस!!

सुहासी बोली- वही तो मैं पूछ रही हूं कि हुआ क्या है?

राजवीर हल्का सा हंसते हुये बोला- ओवर ईटिंग!!

राजवीर की ये बात सुनकर उदास सुहासी ने अपना माथा पकड़ लिया और ना चाहते हुये भी वो खुद भी मुस्कुराने लगी और बोली- हे भगवान..!! कितना मना किया है इस गधे को कि हर समय मत खाया कर लेकिन इसे बस हर चीज खानी रहती है!!

इसके बाद राजवीर ने सुहासी को भरोसा दिलाया कि क्लासेज खत्म होने के बाद वो उसे जुबैर से मिलवाने ले चलेगा!!

क्रमशः