Hot romance in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | Hot romance - Part 23

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Hot romance - Part 23

सीटी हॉस्पिटल....

कुछ देर बाद...अरुल को वॉर्ड में शिफ्ट किया गया और नर्स ने आकर फैमिली वालों को जानकारी दिया कि पेशेंट अब वॉर्ड में शिफ्ट हो चुकी है आप पेशेंट से मिल सकते हैं ....


कोकिला और आएशा वॉर्ड के तरफ जाने लगी वहीं खड़े शशांक भी दो कदम रखा ही था कि पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखकर अरव ने कहा " मिस्टर राजवंश मुझे आपसे बहुत जरूरी बात करनी है अकेले में ....

शशांक कि आंखें फैल गई वो अंदर से डरा कि अरव क्या बात करना चाहता है किस सिलसिले में कहीं वो अरुल और मेरे.....

अरव ने सख्त आवाज में कहा" क्या हुआ मिस्टर राजवंश आप मेरे साथ बात नहीं करना चाहते क्या...??

शशांक अरव के तरफ मुड़ कर हकलाते हुए कहा " न.. नहीं नहीं त..तुम ..तुम्हें क्या बात करनी अरव किस सिलसिले में , उसने जानबूझ कर मुस्कुराने कि एक्टिंग करते हुए कहा..!!

अरव ने तिरछी मुस्कान दिया और कहा " वहीं जो थोड़ी देर पहले आपके होठों पर सच आते आते रुक गया था ,पर मुझे पूरा सच सुनना है आखिर मेरी बीवी से रिलेटेड है चलिए मेरे साथ ..!!

अरव आगे आगे और शशांक पीछे पीछे था शशांक इस समय पसीने से भींगने लगे और मन में एक अजीब सी घबराहट पैदा होने लगी उसके शरीर बहुत गर्म हो रहा था ,अरव को वो जानता है बिल्कुल सर्किट इंसान हैं पता नहीं सच सुनकर क्या करेगा क्या मुझे सच बताना चाहिए वो अरव है बिना सच सुने मुझे छोड़ेगा नहीं जब सच्चाई पता चलेगी तो क्या होगा मेरी अरुल मासूम है , शशांक के मन पर बहुत सी बातें चलने लगी थी...

वो दोनों एक कोरिडोर पर खड़े थे यहां कोई नहीं आ जा रहा था तो यहां बात करना उचित समझा क्योंकि ये हॉस्पिटल के वीआईपी साइड था ,अरव ने पूछा " मिस्टर राजवंश मुझे बताओ कि आपके और आपकी बड़ी बेटी का खून ग्रुप क्या है अरुल के खून से मैच नहीं करता पर वो अपनी मॉम के खून से मैच करती होगी या कुछ और बात है मुझे क्लियर एक एक सच सुनना है तो आप बिना रुके ही सारी बातें बता सकते हैं , यहां पर मैं और आप ही है ...

शशांक ने अरव से आंखें नहीं मिलाई वो रेलिंग पकड़ कर खड़े हुआ और बोलना शुरू किया " अरव जो बात मैं बता रहा हुं तुम प्लीज़ अरुल को मत बताना मेरी रिक्वेस्ट है और हो सके तो तुम भी भूल जाना सच सुनकर , बात ये है अरु... अरुल मेरा खून नहीं है मैं उसका जन्म दाता नहीं हुं ... शशांक के आंखों पर आंसु छलक आए और गला रुंध गया ...

अरव कि आंखें फैल गई "क्या...अरु आपकी बेटी नहीं ....


शशांक ने जल्दी से आंसू साफ़ किया और अरव को देखकर बोला " नहीं ... अरव अरु को पैदा नहीं किए हैं पर मेरी जान बसती है उस पर , जब से इन हाथों में लिया नन्ही अरु को तब से वो मेरी बेटी बन गई थी ,वो अपने हाथों को देखकर बोला..

अरव अब शशांक के पास जाकर रेलिंग पर हाथ रखकर कस लिया ...!!

पीछे खड़े एक जोड़ी आंखें जो शशांक और अरव के पीछा करते आकर खड़ी थी वो शशांक कि बातें सुनकर आंखें फैल गई थी ...


शशांक ने आगे कहा " अरुल मेरी पत्नी कि सहेली कि बच्ची है वो इस दुनिया को छोड़ते वक्त मेरी पत्नी के गोद में अरुल को डाल दिया था उस वक्त आएशा दो साल कि थी , हम उस समय मुंबई में नहीं रहते थे नोएडा में हमारा घर था वो नोएडा आई थी वही हॉस्पिटल में वो एडमिट थी ...

अरव ने पूछा " उस सहेली का परिवार तो होगा और उसका हसबैंड तो रहा होगा ...

शशांक ने एक लंबी सांस लेकर छोड़ा फिर आगे कहा" नहीं उसके परिवार उसे छोड़ चुके थे और उसकी शादी नहीं हुई थी , दरअसल उसके साथ एक हादसा हो गया था कॉलेज में पीएचडी करते वक्त वो बैचलर गर्ल थी , वो उस हादसे के वजह से प्रेगनेंट हो गई इसलिए उसके परिवार वालों ने उसका साथ छोड़ दिया था ..उसी समय

अरव का फोन बजा तो वो एक जोड़ी आंखें वहां से चली गई थी जब तक कि अरव मुड़ कर कुछ दूर फोन उठाकर बातें करते आया..


सीड भी फोन पर बातें करते हुए अरव को ढूंढते आया और अरव‌ ने हाथ दिखाकर सीड को अपने तरफ ध्यान आकर्षित किया ...

शशांक और अरव कि बात अधूरी हो गई थी फिर वो दोनों वॉर्ड के तरफ आए , सीड भी आ गया था वॉर्ड में रूम में आएशा अरुल के बगल में बिस्तर पर बैठी थी और कोकिला एक चेयर पर अरुल के पास बैठे बातचीत कर रही थी...

अरव और शशांक ने कमरे में इंटर किया तो अरुल मुस्कुरा कर अरव‌ और शशांक को देखी , कोकिला चेयर से उठकर खड़ी हुई तो शशांक चेयर पर बैठ गया और अरुल को सॉफ्टली डांट लगाने लगा " अरु तुम कब से लापरवाह बन गई हो पता है तुम्हारे एक्सिडेंट सुनकर जान निकल गई थी मेरी कौन ऐसा करता है , कम से कम फोन पास में रहता है तो साउंड कि वैल्यूम रखा करो अरव ने कितनी बार फोन किया तुमने फोन क्यों नहीं उठाया ...

अरुल ने अरव को देखी तो अरव के चेहरे पर कोई भाव नहीं था वो फोन पर लगा था जबकि सीड ने पूछा " कैसी है भाभी जी आप ..??


अरुल ने सिर हिला कर" अभी ठीक हुं ... फिर वो शशांक के बातों का जवाब दिया" आई एम सॉरी डैड गाड़ी में गाना सुनते सुनते मुंबई से आगे निकल आई थी फोन का वैल्यूम केसे कम हो गई नहीं पता था और मुझे लग कि मैं बहुत दूर आ गई हुं तो वापस जाने लगी तभी एक तेज रफ्तार ट्रक आई जो लग रहा था बहुत ट्रक पर वजन होने के वजह से वो अनबैलेंस होकर सड़क पर दौड़ रही है मैंने बचने कि कोशिश किया पर मेरी गाड़ी को टक्कर मार दिया मेरी गाड़ी किनारे पर पलटकर लुढ़क कर गिरी
फिर मेरे सिर बुरी तरह स्टेरिंग में टकराई फिर गाड़ी पलटी तो दरवाजे पर लगी उसके बाद मैं बेहोश हो गई....


शशांक ने कहा मुस्कुराते हुए " ओके आइंदा याद रखना ...

कोकिला बोली" डॉक्टर ने अरुल को हल्का खाना कह गए हैं मैं बनाकर डिनर ले आती हुं...

शशांक ने महसूस किया कि अरव अब तक बात नहीं किया है अरुल से शायद हमारे जाने का इंतजार कर रहा हो फिर वो बोला " आएशा तुम भी अब घर जाओ और अरुल के साथ हॉस्पिटल में रहने के लिए आ जाना ...

अरव अपना मोबाइल ऑफ किया और कहा " नहीं इसकी जरूरत नहीं है मैं यहां रुक रहा हुं और खाना के लिए मैंने घर पर बटलर से कह दिया है तो घर के मेड यहां आकर डिनर छोड़ जाएगा और आप सभी भी घर जाओ रेस्ट करो मैं अरुल के पास हुं ..!!

शशांक चेयर से उठा और कहा " अरव तुम रात भर रहोगे तो कल ऑफिस भी जाना होगा इसलिए मेरी बात मानो आएशा यहां....

अरव‌ ने बात काटते हुए कहा " मिस्टर राजवंश ,आप टेंशन मत लीजिए मैं मैनेज कर लुंगा , एक दो दिन ऑफिस का काम घर पर कर लुंगा अरुल के देखभाल करते हुए मुझे कोई परेशानी नहीं होगी आप लोग परेशान ना हों अरुल मेरी जिम्मेदारी है , फिर वो सीड से कहा " सीड तुम भी जाओ कल से ऑफिस तुम जितने भी मेरे बिना मीटिंग हो सकती है वो तुम अटेंड करना बाकी पोस्टपोन कर देना...

सीड सिर हिला कर कहा " ओके,तो मैं चलता कुछ अर्जेंट हो तो फोन कर दियो मैं मैनेज कर लुंगा ,गुड नाईट ..वो कमरे से गया!!

आएशा तो अरव के बात सुनकर इंप्रेस हो रही थी और ना चाहते हुए भी उसकी आंखें अरव पर चली जाती ,पर अरव ने एक नजर भी आएशा को नहीं दिया उसे जैसा फर्क नहीं पड़ रहा था कि आएशा नाम कि लड़की उसे कब से देख रही है , वहीं आएशा अरुल के लिए चिढ़ी जलन के मारे , फिर वो मन में बोली मेरी डम बहन कि किस्मत देखो अरव जैसा इंसान मिला है और अरव को डैड ने कैरेक्टर लेस बोलकर मुझसे शादी नहीं किया अब तो पता चला गया होगा अरव कैरेक्टर लेस नहीं है वो जिम्मेदार इंसान हैं...!!



शशांक कि बोलती बंद हो गई थी अरव के इंकार सुनकर फिर वो बोले ":ठीक है हम चलते हैं कुछ जरूरी काम हो तो फोन कर देना हम आ जाएंगे , फिर वो आएशा को देखकर बोला " चलो आएशा कल आकर मिल लेना अरु से रात भी हो रही है , फिर सभी कमरे से निकल गए तो अरव आराम से चेयर पर बैठा और हाथ बांधकर अरुल से सवाल किया " मैं कौन हुं तुम्हारे लिए अरुल...??


अरुल आश्चर्य से अरव को देखी और बोली" जी ...ये कैसा सवाल है आफकोर्स आप मेरे हबी है ...!!

अरव ने फिर कहा बिना एक्सप्रेशन के " तो एक फोन कॉल करने में क्या हर्ज था , तुम अगर परेशान हो तो मुझे बताओ लेकिन तुम मुझे अभी भी अजनबी समझती हो , आज कितना परेशान था तुम्हारे लिए , मैंने सौ बार फोन किया था ,एक फोन का जवाब नहीं दिया तुमने क्यों , क्या मजबूरी थी गाना सुनने कि तुम आदि नहीं हो फिर क्या हुआ जो तुम राजवंश हाऊस से अपने पुराने गाड़ी ले गई ,अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो जिम्मेदार कौन होता ।।


अरुल ने अपने दोनों कान पकड़ कर " सॉरी...आई एम वेरी सॉरी आगे गलती नहीं होगी प्लीज़ माफ कर दीजिए ....

अरव अरुल के बिस्तर पर बैठते हुए कहा " माफ़ी तुम्हें एक शर्त पर मिलेगी जब तुम मुझे किस करोगी ...

अरुल ने आंखें सिकोड़ लिया और बोली" किस यहां खड़ूस खुराना ये हॉस्पिटल है ...

तो क्या हुआ तुम मेरी बीवी हो प्यार करना हक है हम दोनों का चाहे घर हो या बाहर ,अरव ने कहा अरुल तरफ झुकते हुए !!


अरुल ने दरवाजे पर देखते हुए बोली " देखो डॉक्टर या नर्स आ जाएगी फिर इंबैरेस होना पड़ेगा जो मैं नहीं चाहती..!!

अरव ने कहा " तुम बातों पर वक्त जाया कर रही हो बेबी अभी मुझे किस चाहिए तो चाहिए तभी तुम्हें माफी मिलेगी सारा दिन परेशान था और शाम को एक्सिडेंट कि खबर ने मेरी जान निकल दिया था इतने टॉर्चर के बाद एक किस तो बनता है ...


अरुल मुस्कुरा दिया और अरव के तरफ झूकी ....


शेष अगले भाग में...


वो एक जोड़ी आंखें किसकी थी ..?? क्या वो हलचल मचा देगी


प्लीज़ कमेंट करे जल्दी जल्दी सिर्फ पढ़कर चले जाते हो सही पाठक हो तो रेटिंग करो ताकि कहानी का रेटिंग बढ़े

जय श्री कृष्णना 🙏