The Author RashmiTrivedi Follow Current Read धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 8 By RashmiTrivedi Hindi Horror Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books SHADOWS FROM THE PAST [ flashback] " For your selfishness you're both cursed .... A Dream Ride What Sakshi did next was most unexpected. She bent down, pla... Met A Stranger Accidently Turned Into My Life Partner - 11 On the weekend day It is 9 a.m in the morning when Ashitosh... You, Me and Desert - 21 (Last Part) After a tumultuous two-day journey, when the three-member co... Friendship Ends Once upon a time in the quaint little town of Willow Creek,... 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"डरपोक! डर?? किस बात का डर अंकल?", अतुल ने पूछा। उसका सवाल सुन जब अशोक को महसूस हुआ कि उसने पीटर के बारे में जो कहा वह उसे सबके सामने नहीं कहना चाहिए था,तो उसने बात को संभालते हुए कहा,"नहीं, दरअसल वह अपनी बीवी से डरता है, इसीलिए घर जल्दी भाग गया। वह सब जाने दीजिए, आप लोग इधर ही रुकिए मैं अभी जनरेटर रूम से देखकर आता हूँ,आख़िर प्रॉब्लेम क्या है!"... अशोक अपने मोबाइल की रोशनी से अंधेरे को चीरते हुए विला के बाहर गया। उसने जाकर गेट के चौकीदार से कहा कि वह जनरेटर रूम में जाकर देखे की वह शुरू क्यूँ नहीं हुआ है। चौकीदार तुरंत उस तरफ़ बढ़ गया। लेकिन थोड़ी ही देर में उसकी चीख़ों से सारा विला गूंज उठा! उस चीख़ सुन अशोक, क्रिस और बाकी सब लोग भी जनरेटर रूम की ओर भागे। तभी अचानक लाइट्स आ गई। सभी ने देखा,चौकीदार पसीने से लथपथ उनकी ओर ही भागा आ रहा था। भागता हुआ वह अशोक से टकराकर नीचे गिर पड़ा। फिर संभलते हुए उठने लगा। अशोक ने संभालते हुए पूछा,"क्या हुआ, ऐसे चीख़ क्यूँ पड़े तुम?" चौकीदार ने लड़खड़ाती आवाज़ में कहा,"वो... वो ...उधर.. रूम में... ज..जनरेटर रूम में कोई है! कोई सफ़ेद कपड़ों में! लड़की.. लड़की...वो..वो बोली..."च...चले ज..जाओ!"... उसकी बात सुन अशोक और शिवाय भागते हुए जनरेटर रूम की ओर गये। लाइट्स आ चुकी थी तो उन्होंने उस रूम की लाइट ऑन करके देखा तो वहाँ कोई नहीं था। दोनों भागकर वापिस सबके पास लौट आए। अशोक ने चौकीदार की ओर देखते हुए पूछा,"क्या? क्या बक रहे हो? पी रखी है क्या तुमने?" चौकीदार ने पीछे हटते हुए अपने माथे का पसीना पोंछा। तभी अतुल आगे बढ़कर चौकीदार के पास गया और उसे सूंघते हुए कहने लगा,"सही कहा अंकल, इसने पी रखी है और नशे में कुछ भी बड़बड़ा रहा है!".... चौकीदार ने डरते हुए कहा,"नहीं साब...मैं देखा किसी को उधर..माँ कसम!" "क़सम-वसम छोड़ो और जाओ यहाँ से! कल से ड्यूटी पर आना नहीं, छुट्टी हो गई है तुम्हारी इधर से!", अशोक ने उसे फटकार लगाते हुए कहा। "नहीं साब, ऐसा मत करो। एक बार माफ़ कर दो, दोबारा नहीं करूँगा! मुझे नौकरी से मत निकालो।", चौकीदार ने गिड़गिड़ाते हुए कहा। फिर क्रिस ने आगे बढ़ अशोक से कहा,"जाने दीजिए अंकल, इसे माफ़ कर दीजिए। आज मेरा जन्मदिन है,मैं नहीं चाहता आज के दिन किसी के साथ कुछ बुरा हो। लाइट्स भी आ गई है, चलिए हम अंदर चलते हैं। अशोक ने क्रिस की बात मानते हुए चौकीदार से कहा,"ठीक है। पहली ग़लती समझ माफ़ कर रहा हूँ। कल से ड्यूटी पर पिया तो नौकरी से हाथ धो बैठोगे,समझें?" अशोक की बात सुन चौकीदार चुपचाप अपने कैबिन में लौट गया और बाकी सब भी विला के अंदर चले गए। लेकिन अशोक की नज़रें जनरेटर रूम की ओर लगी थी और न चाहते हुए भी उसके दिमाग़ में एक नाम गूंज रहा था,"क्रिस्टीना"..... क्रमशः रश्मि त्रिवेदी ‹ Previous Chapterधुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 7 › Next Chapter धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 9 Download Our App