Love Contract - 2 in Hindi Love Stories by Manshi K books and stories PDF | Love Contract - 2

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Love Contract - 2

सुबह - सुबह का वक़्त और वो तितलियों की तरह बगों में घूम रही थी , उसका बचपन वाली आदतें अभी गई नहीं थी । लेकिन बहुत कुछ बदल गया है । जिंदगी ने छोटी सी जिंदगी में बहुत मुश्किलों से वाकिफ करवाया । जब 8 साल की हुई , एक कार एक्सिडेंट में मां का साथ छूट गया ....।

कुछ वक़्त गुजर जाने के बाद अचानक से पापा का साया भी सर से छीन गया ।
चाचा - चाची भी उस पर चोरी का इल्ज़ाम लगा कर घर से बाहर नि काल फेका ।

लेकिन कहते है न जिसका कोई नहीं उसका भगवान होता है ' ......
और वो किसी के साथ बुरा नहीं होने देता है ।

फूलों के बागों में घूम - घूम कर टोकरी भर रंग - बिरंगे फूल तोड़ ली .... जल्दी जल्दी घर पहुंची ये लीजिए बाबा आप जा कर पहले पास वाले मंदिर में दे आइए वरना वहां के पुजारी जी बहुत गुस्सा करेंगे और कहेंगे वो लखन आज तेरी बेटियां के वजह से फिर मैं लेट हो गया । समझा देना उसे कल से और जल्दी उठे सुबह ।

चिड़ियों की तरह फुदकती हुई पास वाली कमला चाची के घर गई , दरवाजा खट खटाते हुए ' अरे वो चाची अभी तक उठी नहीं का तिम्हरी तबियत ठीक तो हैं न '
आज मंदिर में सुने है बहुत बड़ी आरती होने वाली है जाओगी नहीं का ???

कमला चाची बाहर अाई , तो उसने झुक कर आशीर्वाद लिया .. वैसे चाची आरती के नाम सुनकर बड़ी जल्दी बाहर अा गई तुम , आरती की चिंता थी या आरती में मिलने वाली प्रसाद की देरी हो गई तो मिलेगी नहीं और जोड़ - जोड़ से हंसने लगती है । 😂😂

कान पकड़ कर कमला चाची , बहुत सैतान हो गई हो तुम आदिया बिटिया .... अरे चाची वो सब छोड़ो ये लो तेल तुमरी घुटनों के दर्द के लिए । रोज मालिश करना सुबह - शाम बहुत जल्दी आराम मिल जाएगा ।

" आदिया " ..
उम्र 22 वर्ष , रंग गोरा , नशीली आंखें और उनमें भरा खालीपन और बहुत सारा दर्द फिर भी चेहरे पर मुस्कान हमेशा मौजूद रहता । लंबे सुनहरे रंग के कमर के नीचे लटक रहे बाल , गुलाबी होंठ जो बिल्कुल गुलाब की अर्धखुली पंखुड़ियों के जैसा था । कठ - काठी सी लंबी थी
लगभग 5.5 इंच था । बोली में मिठास जैसे शहद घुला हो । बहुत फुरसत से उसे खुदा बनाया होगा । जो उसे देखे दीवाना बन जाए ।

पढ़ने में बहुत तेज़ और अलग - अलग कलाओं में निपुण थी .... लोगों को अलग - अलग तरीकों से बोल कर हंसाया करती थी ।

आस पास सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे ....

आदिया कॉलेज के साथ - साथ अपने बाबा की मदद करती थी , आज कल कॉलेज की छुट्टियां चल रही थी ।
अब बाबा के बुढ़ापे के साथ उनकी तबीयत ठीक नहीं रहता और उस बीमारी के इलाज के लिए मुझे बहुत सारे पैसे भी चाहिए । ये सोचते हुए आदिया जॉब ढूंढ़ रही थी ।




Continue......