Dhundh : The Fog - A Horror love story - 7 in Hindi Horror Stories by RashmiTrivedi books and stories PDF | धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 7

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धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 7

सारी तैयारियाँ ख़त्म कर जब अशोक ने हॉल में मौजूद बड़ी सी एंटीक घड़ी में देखा तो शाम के सात बजने वाले थे। कुछ ही पल में इधर घड़ी में सात बजे के ठोके बजने लगे और उधर विला के बाहर गाड़ियों के हॉर्न बजने लगे। मस्ती करते हुए क्रिस अपने दोस्तों के साथ विला के बाहर पहुँच गया था। उसने बड़े शान से रिमोट कंट्रोल से विला का गेट खोला और एक के बाद एक दो कारें गैराज में दाखिल हो गई!

पहली कार थी क्रिस की,जिसमें उसके साथ शिवाय और जेनेट भी बैठे थे। दूसरी गाड़ी थी अतुल की,जिसमें उसके साथ बैठी थी वेनेसा। सभी लोग गाड़ियों से उतरकर विला के आंगन में खड़े थे। उनकी आवाज़ सुनते ही मैनेजर अशोक और पीटर विला के मेन दरवाज़े पर आकर खड़े हो गए थे।

अतुल, शिवाय, जेनेट, वेनेसा और क्रिस...पाँचों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे और स्कूल के समय से ही साथ थे।

शिवाय को छोड़कर बाकी तीनों यानी अतुल, जेनेट और वेनेसा गोवा की बड़ी अमीर हस्तियों के बच्चें थे। शिवाय के पिताजी गोवा के पणजी पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर थे।

वेनेसा तो न सिर्फ़ क्रिस की क्लासमेट थी,बल्कि वह एक फैमिली फ़्रेंड की तरह थी। वेनेसा की माँ मरियम क्रिस की दादी लियोना की बहुत अच्छी दोस्त थी। क्रिस हर साल बस अपने इन्हीं दोस्तों के साथ अपने जन्मदिन को मनाता था।

इनकी दोस्ती से सभी परिचित थे। इन पाँचों की दोस्ती बहुत गहरी थी,जिसमें फॉर्मेलिटी की कोई गुंजाइश नहीं थी! क्रिस के लिए इन चारों की दोस्ती बहुत मायने रखती थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों से वेनेसा के लिए क्रिस केवल एक दोस्त नहीं रहा था बल्कि वेनेसा मन ही मन उसे चाहने लगी थी मगर उसके सामने इस बात को ज़ाहिर नहीं कर पा रही थी।

लेकिन कहते है न, प्यार ऐसी स्थिति होती है जिसे आप चाहकर भी छुपा नहीं सकते और वेनेसा के साथ भी यही हुआ था! नजाने कैसे लेकिन जेनेट को इस बात का पता चल गया था। उसके बाद उसने वेनेसा से सीधे शब्दों में इस बारें में बात की। उसी दिन वेनेसा ने जेनेट को अपने दिल की बात बताते हुए कहा था कि वह ख़ुद भी नहीं जानती की कब उनकी दोस्ती में ऐसा मोड़ आया कि वह बस क्रिस को चाहने लगी थी। जेनेट अपने दोनों दोस्तों के लिए ख़ुश थी। लेकिन अभी यह प्यार एकतरफा था,क्यूँकि क्रिस तो इस बात से बिल्कुल बेखबर था।

जेनेट ने कई बार उससे कहा भी था कि उसे अपने प्यार का इजहार कर देना चाहिए मगर वेनेसा हर बार उसकी बात को टाल जाती थी।

क्रिस की कार में बैठी जेनेट गाड़ी से उतरकर सीधे वेनेसा के पास आकर खड़ी हो गई और उसने धीरे से उससे कहा,"यही अच्छा मौक़ा है, आज तुम क्रिस से अपने दिल की बात कर लेना और अगर वह भी तुम्हें चाहता है तो इससे बड़ा गिफ़्ट भला क्या हो सकता है उसके लिए! है न?"....

वेनेसा ने जेनेट को चुप कराते हुए कहा,"श...श..चुप हो जाओ,मुझसे ज़्यादा तो तुम्हें ही जल्दी पड़ी है! मैंने तुमसे कहा था न, क्रिस के बिहेवियर से ऐसा महसूस नहीं होता कि वह भी ऐसा कुछ फील करता है! जिस दिन मुझे ऐसा कुछ लगेगा, मैं खुद उससे बात करुँगी।"

उन दोनों को फुसफुसाते देख अतुल ने कहा,"यह लो, यहाँ तो फिर से गर्ल्स-गॉसिप्स शुरू हो गई। आखिर तुम दोनों क्या खिचड़ी पका रही हो?"

जेनेट ने आगे बढ़ते हुए अतुल से कहा,"कुछ नहीं, मैं तो बस क्रिस के गिफ़्ट के बारें में उससे पूछ रही थी। तुम्हें पूछकर तो फायदा नहीं, क्यूँकि हर बार की तरह इस बार भी तुम तो खाली हाथ ही आए होंगे!"

"चल अब बात मत पलट! क्या मैं तुम्हें जानता नहीं हूँ क्या?", अतुल ने जेनेट से कहा।

इससे पहले की उनकी बात और बढ़ती क्रिस ने बीच में आकर कहा,"तुम दोनों फिर शुरू हो गए? यार मेरा नया विला देखो, कैसा है यह बताओ, क्या फ़िज़ूल की बातें लेकर बैठे हो!"...

जैसे ही क्रिस ने विला का नाम लिया,पाँचों एक दूसरे के पास आकर खड़े हो गए और विला को निहारने लगे। शिवाय ने बंगले को ऊपर से नीचे तक निहारते हुए कहा,"यार क्रिस,तुम तो सचमुच बहुत क़िस्मत वाले हो भाई! पैराडाइस विला, व्हाट अ ब्यूटी यार! जन्मदिन पर ऐसा तोहफ़ा! तुम्हारी दादी तो भाई सच में कमाल की हैं। काश मेरी भी कोई अमीर दादी या नानी होती!"

उसकी बात सुन जेनेट ने कहा,"लो,यह फिर शुरू हो गया...काश मेरे पास ये, काश मेरे पास वो! इसके तो 'काश' कभी ख़त्म ही नहीं होते!"... जेनेट की बात सुन सबने ज़ोरदार ठहाका लगाया।

फिर क्रिस ने सबकी ओर देखते हुए पूछा,"अब अंदर चलें? क्यूँकि असली पैराडाइस तो अंदर ही है और हाँ... आज रात तुम सबको यही रूकना है। सबने अपने अपने घर पर इन्फॉर्म कर दिया है न? और स्पेशली तुम शिवाय, तुमने अपने पापा को बता दिया है न? नहीं तो वह आ जायेंगे अपनी पुलिस वैन लेकर मेरे विला पर रेड डालने!"....

उसकी बात सुन शिवाय ने कहा, "हाँ, हाँ... मैं बताकर आया हूँ इस बार। एक बार गलती हुई थी लेकिन अब नहीं होगी कभी!"

क्रिस ने उसके काँधे पर हाथ रखते हुए कहा,"फिर तो ठीक है, चलो आज तो रात भर मज़े करेंगे!"....

इस तरह बातें करते हुए उन लोगों ने विला के अंदर प्रवेश किया।

क्रमशः
रश्मि त्रिवेदी