Dhoka ya Pyar - 2 in Hindi Love Stories by अजय भारद्वाज books and stories PDF | धोका या प्यार - 2

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धोका या प्यार - 2

पिछले भाग में आपने पढ़ा की कीर्ति से लड़ाई होने के बाद कैसे रेनू को लेकर शर्त लगी रेनू एक समझदार लड़की थी जो घर से कभी-कभी बाहर निकलती थी मेने ने शर्त तो लगा ली थी पर मे यही सोच रहा था रेनू से कैसे मिलु कैसे बात हो अचानक मुझे याद आया रेनू सुबह 4:00 बजे उठकर दौड़ लगाने जाती थी मैंने भी प्लान बनाया मैं भी सुबह उठकर दौड़ लगाने जाऊंगा और उससे मिलूंगा और बात करूंगा यही सोचकर मैं पूरी रात सुबह 4:00 बजने का इंतजार करने लगा सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैने देखा 3:00 बज चुके थे मे जल्दी से उठा और और अपने एक दोस्त रवि को फोन किया जो की मेरे साथ चलने के लिए राजी हो गया था उसकी प्रेमिका भी उसी गाँव मे रहती थी रेनु का गाँव हमारे घर से 5 किलोमीटर दूर था तो हमने दोड लगाकर ही जाने की सोची थोड़ी देर मे रवि भी आ गया था और मे निकल पड़ा एक बार फिर प्यार की तलाश मे रेनु को जब मैने करीब से देखा तो मे उसका दीवाना हो गया नीली आँखे स्लिम फिट बॉडी उसने स्पोर्ट्स कपड़े पहन रखे थे जोकि उसकी खुबसुरती को और बढ़ा रही थी बार बार मे यही सोच रहा था की कैसे उस बात की जाए बस मे उसे दोड़ते हुवे देखता रहा कब वो वापस चली गयी मुझे पता ही नि चल पाया एकदम से रवि ने आके मुझे बोला कहा खो गया भाई रेनु तो चली गयी तु कहा खोया है मेरी आँखों के सामने बार बार रेनु का चेहरा घूम रहा था उसका मासूम चेहरा गहरी नीली आँखे मे तो बस उसे अपना बनाने के लिए पागल हो चुका था मुझे पता ही नि चला कब रेनु चली गयी मे तो बस उसके ख्यालो मे ही खोया हुआ था मैने रवि को बोला अपनी प्रेमिका को बोलकर रेनु का फोन नंबर पता करवाये रवि ने बोला ठीक है चल अब घर चलते है घर आने के बाद भी मेरी आँखों से रेनु का चेहरा हट नि रहा था मे तो उसके ख्यालो मे ही खोया हुआ था कब शाम हो गयी मुझे पता ही नि चला मैने रवि को call करके पूछा क्या उसने अपनी प्रेमिका को बोलकर रेनु का नंबर निकलवाया रवि ने मुझे बताया रेनु फोन नि रखती है मे मन ही मन ये सोचने लगा कैसे कोई लड़की आज के जमाने मे फोन नि रखती है रवि ने मुझे बताया उसके घर का नंबर मिला है ये सुनके मुझे थोड़ी राहत मिली मैने रेनु के घर का नंबर लेके मन ही मन सोचने लगा कैसे फोन करू अगर किसी और ने फोन उठाया तो क्या बोलुगा यही सोचते सोचते कब मेरी आँख लग गयी पता ही नि चला सुबह के 4:00 बज चुके थे मैने देखा रवि का फोन आ रहा था जैसे मैने फोन उठाया रवि ने मुझे बताया वो मेरे घर के बाहर खड़ा है मे भी रेडी हो कर बाहर आ गया और रेनु के गाँव की तरफ जाने लगे रास्ते मे बार बार रवि मुझे कह रहा था की आज अपने दिल की बात रेनु से कह दु मैने रवि को बताया की पता नि क्यो उसके सामने मेरी बोलती बन्द हो जाती है रवि ने मुझे बोला कोई नि आज बस कैसे भी करके बोल दे उसे कब बात करते करते हम रेनु गाँव पहुँच गये पता ही नि चला हम रेनु के आने का इंतजार करने लगे आज मैने सोच लिया था कैसे भी करके आज रेनु को अपने दिल की बात कह दूगां मे यही सोच ही रहा था की एकदम से रेनु मेरे सामने से दोड़ते हुए निकली मे भी उसके साथ दोडने लगा उसकी स्पीड इतनी तेज थी की वो मेरे से बहुत आगे निकल गयी थी मैने भी अपनी स्पीड तेज की और उसके बराबर दोडने लगा एकदम से रेनु रुक गयी और मेरा चेहरा देखने लगी मे एकदम से घबरा गया मेरा चेहरा उस समय देखने लायक था मैने सोचा सायद रेनु को ये लगा की मे उसका पीछा कर रहा हु मे उसकी आँखों मे देखने लगा ओर उसके बोलने का इंतजार करने लगा एकदम से उसने बोला आप कीर्ति के bf हो ना कीर्ति का नाम सुन कर मेरे तन बदन मे आग लग गयी मैने बोला था पर अब नी हु उसने मुझे बोला मतलब मैने रेनु को बताया मुझे उसकी सचाई पता चलने के बाद छोड़ दिया मैने उसे रेनु ने मुझे बताया वो ऐसी ही लड़की है पता नि कितने लड़को के साथ उसका चक्कर है उसका आये दिन कोई ना कोई उनके घर पर आते जाते रहते है गली वाले भी बहुत दुखी है दोनों मा बेटी से पर दोनों मा बेटी बोल देती है की हमारे रिश्तेदार है सही रहा आपने उसे छोड़ दिया मैने देखा है आपको आप कितना कुछ करते थे दोनों के लिए मैने बोला सब किस्मत का खेल है सही इंसान के साथ ऐसा ही होता है मेरे साथ भी यही हुआ है रेनु मुझे बोला कोई बात नि आपको तो और भी कोई अच्छी लड़की मिल जायेगी पर कीर्ति को आप जैसा कोई नि मिलेगा मे उसकी बातो को बड़े ध्यान से सुन रहा था और सोच रहा था कैसे उसे अपने दिल की बात बताऊ मे दीवाना हो चुका रेनु की मिठी आवाज सुनकर और मन ही मन सोच रहा था कैसे रेनु को अपने दिल की बात कहु मे बारबार उसकी आँखों मे देख रहा था और ये जानने की कोशिश कर रहा था की उसके मन मे क्या चल रहा है पर मुझे समझ नि आ रहा था कैसे दिल की बात कहु मैने मन बना लिया था आज रेनु को अपने दिल बात कह कर रहुंगा मे रेनु से अपने दिल की बात कह पाता इतने मे ही उसकी बहन ने बोला चलो दीदी घर चलना है time हो गया है रेनु ने वापस जाते हुए बोला कोई बात नी जो हुआ भूल जाओ और अपने काम पर ध्यान दो और हँसते हुवे बोला वैसे आप दोड़ते बहुत तेज हो मै मन मे सोचने लगा रेनु ऐसा क्यो बोला क्या करण रेनु को अपने दिल की बात कह पायेगा बने रहे अगले भाग के लिए पढ़ते रहे