777 charlie movie review in Hindi Film Reviews by Mahendra Sharma books and stories PDF | 777 चार्ली फिल्म रिव्यू

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777 चार्ली फिल्म रिव्यू

फिल्म के नाम से मुझे लगा की कोई मिलिट्री मिशन या फिर जासूसी मिशन की कहानी होगी जिसमें एक समझदार कुत्ते की मुख्य भूमिका होगी पर ऐसा है नहीं। न ही ये जासूसी की कहानी है और न ही कोई मिलिट्री की। पर अपने तरीके की एक मात्र फिल्म होगी जिसमें एक कुत्ते के प्रति इतना सारा प्यार दिखाया गया होगा। मैंने इसलिए ही देखी क्योंकि मैं भी डॉग लवर हूं और मेरे घर में भी एक प्यारा कुत्ता है।

इस फिल्म को केवल और केवल एक डॉग प्रेमी ही अंत तक देख सकता है क्योंकि भारत में अभी भी पालतू जानवरों के प्रति मर मिटने वाला प्यार होना सामान्य बात नहीं है जब की विदेशों में कुत्ते बिल्लियां शौक के तौर पर नहीं पर एक साथी के तौर पर पाले जाते हैं। वहां प्रत्येक होटल और रेस्टोरेंट में पालतू जानवरों के लिए अलग व्यवस्था होती है। वहां ट्रेन और प्लेन में कुत्ते बिल्लियां ले जा सकते हैं।

कहानी की बात करें तो फिल्म का नायक धर्मा एक अकेला जीवन बिता रहा है। उसके परिवार वाले एक एक्सीडेंट में चल बसे तब से उसने अपने अकेलापन को अपने साथ स्वीकार कर लिया है और उसे अन्य किसी व्यक्ति से कोई प्यार या नफरत नहीं। अपने अकेलेपन से वो खुश है। पर अचानक उसके जीवन में आता है एक कुत्ता। कुत्ते को धर्मा लाया नहीं था, पर ये आ गया था।

कुत्ता मतलब चार्ली। ये कुत्ता मतलब फीमेल डॉग। चार्ली किसी डॉग ब्रीडर के वहां से भाग कर आ गई थी धर्मा के घर के नजदीक। वहां रोज धर्मा का फेंका खाना चार्ली खा लेती और इसलिए चार्ली के लिए धर्मा बन गए मसीहा। अब एक दिन चार्ली का एक्सीडेंट हुआ, धर्मा ने भावुक होकर उसका इलाज करवाया और शुरू हो गई दोनो की प्यार भरी दोस्ती।

वैसे राजेश खन्ना की हाथी मेरे साथी भी देख लें अगर नहीं देखी। उसमें तो हाथियों से राजेश खन्ना का इतना प्यार था की उनकी वजह से घर परिवार बिखर गया पर हाथी नहीं छूटे।

777 चार्ली डॉग लवर्स के लिए फिल्म आइसिंग ऑन केक है। क्योंकि एक डॉग पेरेंट कैसे अपने डॉग से बॉन्डिंग रखता है और डॉग कितना अपने मालिक को प्रेम कर सकता है उसका बहुत ही उच्च कोटि का प्रदर्शन इस फिल्म में हुआ है। डॉग का धर्मा को हग करना, चाटना, नींद से उठाना और टीवी देखकर मस्ती करना , सब कुछ बहुत ही क्यूट तरीके से दर्शाया गया है।

विदेशों में अनेक लोग अकेले रहते हैं और ज्यादातर लोग कुत्ते पालते हैं। क्योंकि कुत्ते न केवल प्यार देते हैं पर मुश्किल परिस्थिति में सूझ बुझ से काम लेकर अपने मालिक के काम आते हैं।

धर्मा की इस कहानी में भी सब कुछ स्वीट नहीं है। कुछ तो जिंदगी करवट बदलती है। जहां धर्मा की जिंदगी में जैसे चार्ली के आने से नया सवेरा हुआ था, अब उस सवेरे को कड़ी धूप और रात के अंधेरे का सामना करना था। चार्ली की अचानक तबियत खराब होने लगी और धर्मा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं थीं।

आखिर क्या हुआ था चार्ली को? धर्मा अपने कुत्ते के लिए वो करने को तैयार हुआ जिसकी कल्पना कोई बाप अपने बच्चे के लिए करने को तैयार नहीं होता। एक ऐसा सफर जो आपको देखते ही आपको रुला सकता है। ऐसे भावनात्मक लम्हे जो आपको अपने सबसे प्रिय जन को देने चाहिएं।

फिल्म कन्नड़ भाषा में बनी है और हिंदी और अन्य भाषाओं में अनुवादित है। थोड़ी धीमी है पर डॉग लवर्स एंजॉय करेंगे। कहानी बहुत भावुक है और कुत्ते की मस्ती से भरपूर। रक्षित शेट्टी बने हैं धर्मा और चार्ली है लेब्रेड फीमेल डॉग। संगीता सिरी गेरी हैं देविका जो सरकारी पशुपालन संस्था से हैं और उनको भी चार्ली से बहुत प्यार है। डायरेक्टर और राइटर हैं किरण राज।

ताजा समाचार के अनुसार चार्ली डॉग ने 6 पप्पी को हाल ही में जन्म दिया है जिसे देखने फिल्म के नायक रक्षित शेट्टी खुद मयसूर गए थे।

फिल्म हिंदी में एमेजॉन प्राइम पर उपलब्ध है। डॉग लवर्स अवश्य देखें । रिव्यू कैसा लगा अवश्य बताएं।

– महेंद्र शर्मा