Dhoka ya Pyar - 1 in Hindi Love Stories by अजय भारद्वाज books and stories PDF | धोका या प्यार - 1

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धोका या प्यार - 1

प्यार की परिभाषा क्या होती है शायद ही इस जमाने मै ही कोई समझ पाया हो मे करण मेरे पहले प्यार की शुरूआत होती है आज से दस साल पहले जब मै अपनी पढाई को खतम करके अपने गाँव आया था वो मेरी पहली मुलाकात आज भी मेरे दिल से मिटी नही है किर्ति नाम था उस लड़की का भोला चेहरा तीखे नैन गोल चेहरा कोई भी उसे देख ले तो पहली बार मे ही दीवाना हो जाये उसका जैसे मे हुआ था बाते ऐसी ऐसी करती थी जैसे उसका मेरे अलावा उसका दुनिया मे ही कोई और हो जब उसकी हक़ीकत मुझे पता चली तो मेरा दिल पूरी तरह से टुट गया और पहला प्यार ही बेवफा निकले तो समझ सकते है ऐक आशिक का क्या हाल होता है कीर्ति एक बहुत घटिया किस्म की लड़की थी जो भोले भाले लड़को को अपने प्यार के जाल मे फसा कर उनको लुट लेती थी और इस मे उसका साथ उसकी मोम देती थी मेरे साथ कुछ होने से पहले ही मुझे सब पता चल गया था उसके बारे जब मैने उसे अपने एक दोस्त अर्जुन के साथ देखा तो अर्जुन ने मुझे बताया उसके बारे मे वो और उसकी मोम दोनों जिस्मफरोसि का धंधा करती थी मेरे दिल पर क्या बिता होगा वो मुझे ही पता है जब अर्जुन ने पूछा की मे क्यो पूछ रहा हु उसके बारे मे तो मैने अंजान बनते हुए कहा ऐसे ही तो अर्जुन ने मुझे कहा बुला ले आज रात को कीर्ति को मजे करने के लिए पहले तो मुझे उसकी बात का इतना बुरा लगा की मे उसकी जान ही ले लेता पर मैने दिल पर पत्थर रख अर्जुन को बोला की नही मेरा ऐसा कोई इरादा नही हे पर मेरे दिल क्या बीत रही थी मुझे ही पता था वो मैने सोचा शायद कोई मजबूरी होगी दोनों मा बेटी की जो वो ऐसा कर रही हे मैने सोचा एक बार बात करू कीर्ति से इस बारे मे पर दिल नि माना यही सोच कर की उसने मुझे अपनी सचाई क्यो नि बताई उस दिन मैने अपनी लाइफ मे पहली बार ड्रिंक की और पूरी रात यही सोचते हुए निकल गयी मेरे साथ ऐसा क्यो हुआ क्या सची मोहबत का यही फल मिलता हे सबको पर अगले दिन मैने सोच लिया था मे भी कीर्ति को ऐसे ही नि छोड़ सकता जो उसने मेरे साथ किया है वो किसी और के साथ ना हो पाए मे पूरी रात सो नि पाया था मेरे दिल मे बदले की आग भड़क रही थी आज मैने सोच लिया था मुझे क्या करना है मैने अर्जुन को फोन करके कीर्ति को बुलाने के लिए बोला तो अर्जुन ने मुझ से पूछा क्या बात आज कैसे मन हो गया कीर्ति से मिलने का तो मैने बहाना बनाते हुवे कहा यार आज मस्ती करने का मन हे तो अर्जुन बोला ठीक हे मे बात करके बताता हु मे बार बार यही सोच रहा था की क्या करुगा उसके साथ कैसे उसे फेस करुगा क्या बोलुगा यही सोच ही रहा था की तभी मेरा फोन रिंग करने लगा तो मैने देखा कीर्ति की नंबर फ्लेश हो रहा था मेरा मन नि था उसका फोन उठाने का पर मैने फोन उठा कर हेल्लो कहा तो उधर से कीर्ति की मोम की आवाज थी उसकी मोम ने पूछा कहा हु मे और इतने दिनों से क्यो फोन नि कर रहा हु तो मैने बहाना बनाते हुवे कहा की मेरी तबियत कुछ ठीक नि थी इसलिए तो उसकी मोम ने मुझे बताया उन्हे कुछ पैसों की जरूरत है तो मैने सोचा मना कर दु पर उसकी मोम ने मुझे बोला की कीर्ति की तबियत बहुत खराब है उसे हॉस्पीटल लेके जाना है तो मैने बिना सोचे बोल दिया की मे भिजवा रहा हु एक सच्चा प्यार करने वाला ऐसा ही होता है मैने अपने दोस्त विक्की को फोन करके कुछ पैसे उसकी मोम को भिजवा दिये यही और फोन काट कर यही सोचने लगा क्या सच मे कीर्ति की तबियत खराब है ओर बार बार यही सोच रहा था की एक बार बात करू कीर्ति से पर दिल ने मना कर दिया इतने मे अर्जुन का फोन आ गया और उसने मुझे बताया की कीर्ति से बात हो गयी है ओर आज रात का प्लान बना है और मे तयार रहु रात को मुझे कुछ समझ नि आ रहा था की क्या हो रहा है ऐसा मेरे साथ एक तरफ उसकी मोम ने मुझे बताया की कीर्ति की तबियत खराब है और दूसरी तरफ अर्जुन मुझे आज रात के लिए बोल रहा है खेर जो भी होगा देखा जायेगा यही सोच कर मे शाम होने का इंतजार करने लगा इंतजार करते करते कब मेरी आँख लग गयी पता ही नि चला जब मेरी आँख खुली तो मैने देखा अर्जुन के 15 मिस काल आ रही थी मैने वापस काल करी तो अर्जुन ने फोन उठा कर बोला कहा है तु कितने फोन किये तुझे मैने बोला आँख लग गयी थी यार तो उसने बोल जल्दी तयार हो जा और एक बोतल wine lete आना आज रात कीर्ति के नाम आ रही ह वो रात 9 बजे मैने बोला ठीक है आ रहा हु मे अर्जुन ने मुझे होटल का एड्रेस भेज दिया था ठीक 9 बजे मे होटल पहुँच गया और अर्जुन और मे रूम मे बैठ कर ड्रिंक करते हुए कीर्ति का इंतजार करने लगे तभी कीर्ति काल अर्जुन के फोन पर आई और अर्जुन उसे पिक करने नीचे जाने लगा तो मैने अर्जुन को बोला की मे पहले कीर्ति से अकेले मे मिलुगा तो अर्जुन हँस कर बोला क्या बात है आज तो मेरा भाई सिक्स मारेगा मैने बोला नि ऐसी कोई बात नि है उसने हंस कर बोला ठीक है मे उसे रूम छोड़ कर नीचे चला जाता हु मे इंतजार करने लगा कब कीर्ति आये और मे अपनी भडास निकाल कर सब खतम कर दु मे सोच ही रहा था की एकदम से डोरबेल बजी और मे दरवाजा खोल कर सीधा बाथरूम मे चला गया कीर्ति ने अंदर आकर रूम लॉक कर लिया और सीधा बेड पर आ कर बैठ गयी मैने अंदर से आवाज बदल कर उस से पूछा वो ये सब क्यो कर रही है तो उसने मुझे बोला जो करने के लिए बुलाया है वो कर बाकी मुझे कोई मतलब नि है ये सुन कर मुझे उसकी हक़ीकत पता चल गयी थी जो मुझे अर्जुन ने बताया था वो सब सच था मेरा खून खोल गया और एकदम मे बाथरूम से बाहर आ गया एकदम से मुझे सामने देख के उसके होस उड़ गए और वो मारे डर से वो रूम से बाहर भागने लगी मैने उसका हाथ पकड़ कर पहले तो उसे एक तमाचा मारा और पूछा उसने ऐसा क्यो किया मेरे साथ उसने मुझे बोला जा तुझे और कोई लड़की नी मिल सकती है मैने उसे बोला बता किसको सेट करू तो उसने बोला जा तेरी औकात है तो रेनु को सेट करके दिखा मैंने उसे बोला एक हफ्ता जा हफ्ते मे सेट करके दिखा दूगां और निकल जा मेरी नजरो के सामने से ये बोल कर उसे धक्का देकर रूम से निकाल दिया आगे क्या होगा क्या करण रेनु को अपना बना पायेगा पढेगे अगले पार्ट मे बने रहिये अगले पार्ट के लिए