Kuchh to he Tere Mere Darmiyaan - 3 in Hindi Love Stories by Sakera tunvar books and stories PDF | कुछ तो है तेरे मेरे दरमियान। - 3

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कुछ तो है तेरे मेरे दरमियान। - 3

लोस एंजेलिस,

आज युनिवर्सिटी में मास्टर के सेकंड यर हिस्टरी का क्लास,

प्रोफेसर क्लास में आते हुए, hello students attention please,
Today I want to give you all an important information...Our University is doing the biggest project till date in which for the first time our future research students will go out of our country and do research...and on the basis of your project you will get your PhD. admission....(आज मैं आप सभी को एक महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहता हूं... हमारी यूनिवर्सिटी आज तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट कर रही है जिसमें पहली बार हमारे फ्युचर रिसर्च छात्र हमारे देश से बाहर जाकर रिसर्च करेंगे... और आपके प्रोजेक्ट के आधार पर आपको अपनी पीएचडी में एडमिशन मिलेगा)
Teams of those students will go to different countries... and all the students of their team will try to make a better project by collecting information on the history of different cities of those country...
(दस दस छात्रों की टीम अलग अलग देश में जाएगी...और उस टीम के सभी छात्र उस देश के अलग अलग शहर के इतिहास पर जानकारी निकालकर एक बेहतर प्रोजेक्ट बनाने की कोशिश करेंगे...)
आपको कम से कम तीन महीने तक उस देश में रहना होगा,और उस दौरान आपको उस कंट्री की कम से कम पांच स्टेट्स की इन्फोर्मेशन कलेक्ट करनी होगी,और यह आप पर निर्भर करता है की आप तीन महीने में पांच स्टेट्स की इन्फोर्मेशन कैसे कलेक्ट करते हों,और हमने उसी तरह से ग्रुप डिवाइड किए है जिससे आप स्टुडेंट्स को आसानी हो।

कुछ ही देर में प्रोफेसर ने उन सभी स्टूडेंट्स को अपनी अपनी कंट्री डिवाइड कर दी थी।

और आयत के साथ साथ दीया, अंजलि,काव्या, अनंत,मनन,जोन, माइकल,प्रियांक और डेविन यह दस लोग इंडिया जाएंगे।

इंडिया जाने वाले स्टूडेंट्स में ज्यादातर इंडियन ही थे।अब प्रोफेसर के जाने के बाद सब अपनी अपनी टीम मेट्स के साथ डिस्कशन करने लगें।

आयत तो इंडिया का नाम सुनकर ही खुशी से झूम उठी थी। लेकिन अगले ही पल वो निराश हो ग‌ई।

अंजलि: क्या हुआ, तुम खुश नहीं हो??

आयत :में बहुत खुश हूं, इंडिया जाने के नाम से ही लेकिन अम्मी अब्बू नहीं मानेंगे।

दिया:हां,यह तो सबसे बड़ी प्रोब्लम है। लेकिन मुझे लगता है वो मान जाएंगे।

मनन : बट गाइस सबसे बड़ी प्रोब्लम यह है की युनिवर्सिटी सिर्फ और सिर्फ आने और जाने की टिकिट ही प्रोवाइड करेगी, उसके अलावा वहां सबकुछ हमें ही मेनेज करना है।

काव्या: इसलिए तो हमारी टीम में ओलमोस्ट इंडियन ही है, जिससे हम वहां पर मेनेज कर सकें।

आयत : चले देखते है क्या होता है,दो दिन में हमें पेरेंट्स सिग्नेचर कार्ड सबमिट करवाना है, उसके बाद हम सबकुछ डिस्कशन कर लेंगे।

आयत घर आने के बाद शाम होने तक, सोचती है की कैसे बात करें अपने अम्मी अब्बू से, फिर कुछ सोचकर किचन की ओर बढ़ जाती है।

"अम्मी...लाये आज हम बनाते हैं खाना,आप आराम करें"आयत ने किचन में आते हुए कहा।

उसकी बात सुनकर आयत की तरफ नजरें करके शबीना बेगम आज आप ने कौन सी बात मनवानी है।

अरे... अम्मी आप भी ना आप हर रोज़ कहती हो तो सोचा आज थोड़ा बहुत सिख ही लेती हुं।

वैसे आयत को इतना कुछ बनाना नहीं आता था, लेकिन छोटी मोटी मदद वो अपनी अम्मी की कर लिया करती थी।

"अच्छा यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन यह कर ले आप"

आयत : जी अम्मी...लाये में करती हुं।

इसी तरह दोनों मां बेटी बातें करते हुए रात का खाना तैयार कर लेते हैं।

रात में तीनों खाने की मेज पर बेठे थे।

"अम्मी-अब्बु मुझे आपसे कुछ बात करनी है"आयत ने मन मे अल्लाह का नाम लेकर कहा।

शारीक : हां बोलें।
"वो अब्बू हमें मेरा मतलब है की सभी फ्युचर रिसर्चर्स को एक प्रोजेक्ट दिया गया है जिसमें तीन महीने के लिए ग्रुप वाइस हमें दुसरी कंट्री में जाना होगा और उसकी हिस्ट्री के बारे में रिसर्च करना होगा"आयत ने अपनी बात पुरी की।

"तीन महीने,आयत बेटा तीन महीने बहुत लंबा अरसा होता है "शबीना ने फिक्र से कहा।

शारीक साहब : शबीना,आप क्यों फिक्र करती है, हमारी बेटी सबकुछ मेनेज कर लेंगी और आप ही हमेशा कहती हैं ना कि आयत जिंदगी में जो करना है कर सकती हैं उसके साथ हम हमेशा खड़े है....

शबीना : जी...आपने बिल्कुल सही कहा लेकिन हम कभी आयत के बगैर रहे नहीं है ना इसलिए...

(उनकी बातें सुनकर कहीं ना कहीं आयत का दिल भर आया कि अल्लाह ताला ने किसी बड़ी नेकी के बदले ऐसे मां बाप दिए)

उनकी बात बिच में काटकर आयत ; अम्मी, अब्बू.... मुझे प्रोजेक्ट के लिए इंडिया जाना है...।

आयत की बात सुनकर शारीक साहब शांत हो ग‌ए, लेकिन शबीना के दिल में सुकून उतर आया की,वह बेशक इतने सालों से अपने देश से दूर थे, लेकिन फिर भी आयत अपने देश में जा रही है इस बात का उन्हें कहीं न कहीं सूकून भी था।

शारीक साहब ; कब जाना है आपको...??

आयत खुश होकर ; शारीक के गले लगकर, शुक्रिया अब्बू...आप वर्ल्ड के बेस्ट अब्बू है...।

शबीना ; और हम...?

आयत दुसरी तरफ से शबीना के गले लगते हुए,आप वर्ल्ड की बेस्ट अम्मी।

आयत देर रात तक अपने अम्मी अब्बू को सबकुछ समझाती है।

शबीना : लेकिन तुम तीन महीने रहोगे कहा??

आयत : वो अभी डिसाइड नहीं किया, लेकिन कल ग्रुप डिस्कशन होने के बाद आपको बताते है।

शारीक और शबीना आयत की खुशी को महसूस कर पा रहे थे। दोनों का यही मानना था की उनके माजी में जो हुआ, उसके कारण आयत के सपनों के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं।

दूसरे दिन सबने मिलकर डिस्कशन की और,
भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, उनमें राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और बिहार शामिल हैं। इन राज्यों में एक समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत है, जिनकी कहानियाँ और इतिहास हजारों साल पुराना हैं।
और उन्होंने जो स्टेट्स सिलेक्ट किए थे उसमें,दो दो का ग्रुप डिवाइड कर दिया था जैसे की,
अंजलि, काव्या - राजस्थान...
आयत, दिया - महाराष्ट्र...
अनंत, माइकल -उत्तरप्रदेश...
मनन,जोन -बिहार...और
प्रियांक, डेविन -तमिलनाडु...

कुछ इस तरह से उन्होंने ग्रुप डिवाइड किए थे।

और आयत ने उस हिसाब से अपने अम्मी अब्बू को भी बता दिया था।

और वो दिन भी आ गया था,जब सभी स्टूडेंट्स को निकलना था।

आयत अपने अम्मी,अब्बू से मिलकर अपनी अम्मी की बहुत सी हिदायतों के साथ निकल चुकी थी एक खुबसूरत लेकिन मुश्किल सफर पर....

एक लंबा सफर तय करने के बाद सभी दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच चुके थे।

सभी एक दिन दिल्ली में आराम करने के बाद दुसरे दिन डिवाइडेड स्टेट्स के लिए निकलने वाले थे।

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अब आगे कैसा रहेगा आयत का हिन्दुस्तान में सफर यह जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरे साथ,एक लफ्ज़-मोहब्बत...