Nakal ya Akal - 5 in Hindi Fiction Stories by Swati books and stories PDF | नक़ल या अक्ल - 5

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नक़ल या अक्ल - 5

5

मारपीट

 

राधा के बापू  बृजमोहन अब किशोर के पास  आकर खड़े हो गए,  किशोर ने उनके पैर छुए,  “बेटा  यहाँ  क्या कर रहें हो?”  “जी! बस ऐसे ही नदी किनारे की घास देखने आया था,  सोचा यहाँ भी थोड़ी हरियाली कर दो I” “ यह तो बहुत अच्छा काम कर रहें हो I” उसने उसकी तारीफ की और  कुछ देर उससे बतियाकर वहाँ से चले गए I  उनके जाते ही उसने नदी के पानी में छुपी राधा को आवाज लगाई I  “राधा बापू चले गए, बाहर आ जाओ,”  मगर राधा ने कोई जवाब नहीं दिया तो वह डर गया I “राधा! राधा!” कहता हुआ वह पानी में  कूद गया I

 

अब झूला रुक चुका है और धीरे धीरे लोग उसमे से उतर रहें हैं I अब राजवीर ने सोना को कहा,  “क्यों  सोना झूले में बैठने के लिए  तैयार है? उसने भी ख़ुशी से सिर  हिला दिया,   सोनाली  तो झूले में  बैठ  गई,  मगर जब  राजवीर बैठने लगा  तो तभी कतार में  एक पटाखा बजा और भगदड़ मच गई I इसी आपाधापी में  निहाल सोना के साथ जा बैठा और झूले वाले ने उसके ईशारे पर झूला शुरू करने के लिए किवाड़ बंद कर दिए और राजवीर को न चाहते हुए भी रिमझिम के साथ बैठना पड़ा I अब झूला  शुरू  हो गया और सोनाली ने चिढ़कर कहा,

 

यह गलत है!!!

 

वो राजवीर  बड़ा सही है I

 

अगर तुम्हें मेरे साथ बैठने में दिक्कत है तो मैं  झूले से कूद जाता हूँ I

 

“रहने दो !! हीरो बनने की ज़रूरत नहीं है I समझे I”  अब वह मुस्कुराने लगा I

 

 उसके दोस्त किशन,  सोमेश  और नंदन नीचे खड़े होकर तालियाँ बजा रहें हैं I  “इसका मतलब, वो पटाखा निहाल भैया की मेहरबानी थी?”   नंदन ने किशन की बात का ज़वाब दिया,  “और नहीं तो क्या! निहाल  हारकर भी हार माने वालों में  से नहीं हैI”  राजवीर और उसके दोस्त तो बुरी तरह किलस रहें हैंI झूला  जब तेज़  हुआ तो सोना ज़ोर से चिल्लाई और आँखे बंद करकर  निहाल के साथ चिपक गई I उसने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा,  “सोना आँखें खोलो, “ “नहीं मुझे डर लगता है, “ “अरे मैं हूँ  न I”  उसने अब आँखें खोली,  “यह देखो,  हमारा पूरा  गॉंव  इस  झूले से दिखता है I उसने देखा तो सचमुच यहाँ से तो गॉंव बहुत ही  सुन्दर दिख रहा है I  अब उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई I

 

 

किशोर राधा को ढूंढ रहा  है,  मगर राधा की तरफ से कोई ज़वाब  नहीं आ  रहा है I वह  नदी के अंदर भी देखकर आया,  मगर उसे कुछ नहीं दिखा,  अब तो उसके होश ही उड़ गए I  फिर  उसे किसी के हँसने की आवाज़ आई तो उसने उस दिशा में  देखा  तो उसे पेड़ पर बैठी राधा नज़र आई I वह गुस्से में  उस पर  चिल्लाया,

 

तुमने तो हद कर दी,  मेरी जान निकल  गई  थीं I वहाँ क्या कर रही हो ?

 

बापू के जाते ही चुपके से तैरते  हुए पेड़ पर चढ़ गई  थीं I

 

फिर यह नाटक क्यों?

 

तुम्हें  यह  बताने के लिए कि अब दोबारा मिलने मत बुलाना,  अब सीधा अपनी शादी पर ही मिलेंगे I

राधा पेड़ से कूदकर उसके करीब आ गई I  भीगी हुई राधा उसे इतनी प्यारी लग रही है कि उसने जल्दी से  उसके होंठ चूम लिए I “अरे !! यह क्या कर रहें हो I” “अब दोबारा नहीं मिलना तो फिर अच्छे से मिल लो,”  अब राधा ने उसकी आँखों में देखा और फिर दोनों एक दूसरे के होंठ चूमने लग गए I

 

 

रिमझिम  ने भी झूले में  आँख बंद की हुई है,   राजवीर का सारा ध्यान तो हँसते- बतियाते  निहाल और सोना पर है I  “इस हरकत का ज़वाब तो तुझे देना  पड़ेगा,  नन्हें, “उसने गुस्से में  दाँत भींचते हुए कहा I अब बीस मिनट के बाद  झूला रुक गया और  वो लोग  उतरने लगे तो राजवीर ने उसका रास्ता रोकते  हुए कहा,  “यह मुझे याद रहेगा और तुझे भी भूलने नहीं दूंगा I”  अब उसने उसे घूरा और अपने दोस्तों के साथ  वहाँ से निकल गया I

 

राधा ने ख़ुद  को किशोर से अलग  किया  और शरमाते हुए बोली,  “अच्छा !! हम चलते  हैं I” “ ठीक है, जल्दी से घर जाओ और कपड़े बदल लो I” तुम भी जाओ, तुम्हारे कपड़े भी गीले हैं I  अब उसने एक बार  और राधा  को गले लगाया और वह भी उसे प्यार से देखते हुए चली गई  I

 

मेला बंद होने लगा है,  सभी अपने-अपने घरों की ओर जा रहें हैं I  सोनाली भी रिमझिम को साथ लिए चलती  जा रही  है I  उसने जब रास्ते में  उसका  उतरा  हुआ मुँह  देखा  तो उससे पूछने लगी,

 

क्या हुआ?  राजवीर के साथ झूले पर मज़ा नहीं आया I

 

मुझे राजवीर कुछ ख़ास  पसंद नहीं है I उसे अपने पैसे का बड़ा घमंड है I

 

अरे !! पगली,  घमंड भी उसी बात का होता है जो इंसान के पास हो I

 

फिर वो चला भी जाता है,  सोना I निहाल को देखो, पढ़ाई में इतना होशियार है, मगर मज़ाल है कि उसे ज़रा भी इस बात का अहंकार  हो I

 

क्या बात है!!! मैं देख रही हूँ कि आज तू  उसके साथ ज़्यादा  ही चिपक  रहीं  थीं I

 

“तू तो मुग्धा  के साथ थीं इसलिए किसी के साथ तो झूलना था,  उसी के साथ झूल लिया,  मगर वो तेरे  से प्यार बहुत करता है, तभी  तो उसने किसी और को तेरे साथ झूले पर बैठने नहीं दिया I”  सोनाली मुस्कुराई,  मगर उसने कोई जवाब नहीं दिया I वैसे निहाल की यह हरकत तो उसे भी अच्छी लग रही है I

 

निहाल के दोस्त उसे सोना के नाम से छेड़ते हुए जा रहें हैं I  वह कभी शर्माता तो कभी हँसता तो कभी उनके साथ मज़ाक करताI  फ़िर सबका घर आता गया और सभी एक एक करकर, अपने घर की ओर मुड़ गए,  अब सिर्फ निहाल अकेला रह गयाI  उसने आसमान को  देखा तो उसे चाँद नज़र  आया,  फिर उसका ध्यान  सोना की तरफ गया तो उसके चेहरे पर मुस्कान  आ गयीI  अब वह अपनी  गली में  घुसने ही वाला है कि  किसी ने उसका मुँह एक कपड़े से दबा दिया और उसे उठाकर गॉंव में  बनी  नहर के पास ले गए,   फिर दो लोगों ने उसके हाथ पाँव  बाँधे और उसे इतना मारा की वह ज़मीन पर गिर गयाI  फिर एक लड़के ने निहाल के दिल की धड़कन देखी और सबको  वहाँ से भागने के लिया कहाI  “ मर गया !!!” बोलते हुए, वे लोग वहाँ से दौड़ने लगेंI