Falling for my Heart Criminal - 3 in Hindi Fiction Stories by simran books and stories PDF | Falling for my Heart Criminal - 3

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Falling for my Heart Criminal - 3

साषी जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कराहट थी वो जोर से हस्ते हुए कहती है ;: मोहब्बत करती थी न तुम उससे , तभी उसे हर बार मजाक करती थी , तुम्हारी मोहब्बत को तो जहनुम मै दिखाउंगी और तुम्हे मौत के घाट उतारूंगी उसके सामने तो यहाँ से भागने की कोशिश मत करना , क्यूंकि मुझे मन्नत की मन्नत पूरी करनी है , आखिरी बार उसके बाहों में तुम्हे गोली मारूंगी

साषी जैसे ही ये कहती है तो अगले ही पल उसे जमीन पर धक्का दे देती है , जिससे मन्नत का सिर सीधा फ्लोर पर लगता है

अब आगे :

मन्नत जैसे ही फ्लोर पर गिरती है तो दर्द में आह भरते हुए गहरी सांसे लेकर साषा को देख रही थी

साषी गुस्से से मन्नत को घूरते हुए कहती है : अपनी आँखे निचे करो ,

मन्नत जैसे ही साशा की बात सुनती है वो अगले ही पल अपनी आँखे निचे कर लेती है

तभी जीवी साशा के पास अपने कदम बढ़ाते हुए मन्नत को देख कर कहती है : साशा चलो आज से हम आजाद है इसे सेलिब्रेट करते है ऐसे लोगों के मुँह लग कर अपना मूड मत खराब करो ,,

साषी हा में सिर हिलाते हुए : हा चलो आज से हम आजाद है ,

साषी और जीवी दोनों वहां से जा रही थी तो वही मन्नत अपनी बाज़ू की कोहनी को सहलाते हुए अपनी आँखे से उन दोनों को जाते हुए देख रही थी ;

वो धीरे से अपने आप से कहते हुए : मै कहा जाउंगी अब ,

वो इतना ही खुद से कहती है और अगले ही पल एक दम से खड़ी होकर जेल से बाहर आ जाती है , सूरज की रौशनी सीधा

मन्नत के चेहरे पर आकर पड़ती है जिससे वो अपनी आँखे एक दम से बंद कर लेती है। अगले ही पल वो अपनी आँखों को धीरे धीरे खोलने लगती है ,

जेल एक सुनसान जगह पर था जहां सिर्फ जंगल ही जंगल था , वो अपनी आँखों से पेड़ पौधो को देखती है जो हिल रहे थे , इस वकत ठंडी हवाएं चल रही थी , तभी सूरज एक दम से छुप जाता है

मन्नत उन ठंडी हवाओं को महसूस करने लगती है और अपने हाथो में कुछ पैसे देखते हुए : सिर्फ रेंट के घर जाने तक का किराया है !!

कुछ देर बाद....

मन्नत एक एक छोटे से घर के बाहर खड़ी थी , वो अपने कदम धीरे धीरे उस घर के अंदर लेकर जाती है , वो घर जायदा बड़ा नहीं था लेकिन उस घर में दो ऊपर के कमरे रेंट पर दिए जाते थे ,

तभी मन्नत की नजर एक औरत पर जाती है जिसने वाइट कलर की साड़ी पहन रखी थी , वो जल्दी से उस औरत के पास जाती है जो इस वकत गार्डन से कुछ पोधो के पत्ते निकाल रही थी ,

वो औरत जैसे ही कदमो की आहट सुनती है तो अपनी नजर उस तरफ करती है जहा से मन्नत आ रही थी

मन्नत उस तरफ देखते हुए थोड़ा सा मुस्कुरा देती है तभी वो औरत गुस्से से : रुको वही ? मेने तुम्हारा सामान स्टोर रूम में रखा है , शीला से जाकर ले लो

मन्नत जैसे ही ये सुनती है तो उनकी आँखों में देखते हुए : आंटी मेरे पास कोई जगह नहीं है रहने की , प्लीज आप मुझे कुछ दिन यहाँ रहने दे , मै आपको किराया टाइम पर दे दूंगी , पक्का प्रॉमिस

वो औरत न में सिर हिलाते हुए : दोनों के दोनों कमरे रेंट पर दे दिए है मेने , अब तुम सामान लो और निकलो यहाँ से , 6 महीने से पता नहीं कहा थी , जहां भी थी वही जाकर रहो

मन्नत उस औरत को कहते हुए : ठीक है

वो जैसे ही वहां से जाने के लिए मुड़ती है तो उसकी आँखों से आंसू निकल जाते है , और अगले ही पल आँखे बंद कर लेती है : सबक इतना गहरा सिखाया है तुमने , कि जिंदगी भी इस झखम से आगे नहीं बढ़ेगी ,

तुम्हे अपना माना था , सब बताया था कि मेरा कोई नहीं है फिर भी सजा दी मुझे , !! कभी माफ़ नहीं करूंगी तुम्हे। शकल तक नहीं देखूंगी

तभी एक लड़की अंदर से आती है और उसके आगे एक सूटकेस रखते हुए : ये लो तुम्हारा सामान , कुछ ड्रेसेस थी वो मेने पहन ली थी और मै वो वापिस नहीं करूंगी , तुमने किराया भी नहीं दिया है

मन्नत जैसे ही ये सुनती है तो बस उस लड़की को देखते हुए हलकी से स्माइल कर देती है , और अपना सूटकेस अच्छे से पकड़ लेती है और वहां से जाने लगती है

मन्नत वहां से चली गयी थी उसके दिल में इस वकत बहुत बाते चल रही थी ,

वो जैसे ही घर से बहार जाती है तभी वो अपने फ़ोन की तरफ देखती है जो उसे जेल से वापिस मिला था , उस फ़ोन में एक नोटिफिकेशन आ रही थी ,

तभी धीरे से उस नोटिफिकेशन पर क्लिक करती है तो सीधा एक चैट ओपन हो जाती है जिस पर जो लिखा था , मन्नत उसे रीड करते हुए : माय prank baby गर्ल !! i hope तुम्हे जेल में नजाकत से रखा गया होगा , अब मुझसे दूर रहना अगर इस बार मेरे करीब आने की कोशिश की तुम्हारे मरे हुए माँ बाप जिन्दा होकर मुझसे भीख मांगेंगे तुम्हारे लिए ,

दूर रहना

मन्नत जैसे ही ये पढ़ती है तो उसके चेहरे पर उदासी के भाव आ जाते है ,



वो जैसे ही उस चैट पर मैसेज करने लगती है तो देखती है की वो id इंस्टाग्राम यूजर शो हो रही है , वो जल्दी से उस चैट मे लिखते हुए : नहीं नहीं तुम मुझे ब्लॉक नहीं कर सकते , मुझे दर्द बताना है , प्लीज अनब्लॉक कर दो

लेकिन वो मैसेज सेंड तो हो गए थे पर सीन नहीं हो रहे थे , मन्नत की आँखों से आंसू निकलने लगते है वो रुआँसी आवाज में कहते हुए : मेरा कोई नहीं है , शायद मै ही बुरी हु जो हर कोई मुझसे दूर चला जाता है

क्या करेगी अब मन्नत ? कहा जाएगी वो ? क्या सच में कोई नहीं है उसका ? कोण है ये शक्श जिसने बेहरमी से मन्नत को इतना सुनाया ? क्या मिलेंगे कभी ये दोनों ? क्या करेगी साशा और जीवी >? जानने के लिए पढ़ते रहिये falling for my heart criminal

to be continued .... comments krna na bhule .... take care and be happy always ( falling for my heart criminal)