अब तक आपने देखा कि आंटी नित्या और अथर्व के लिए नाश्ता बनाने जाती है।
अब आगे :
आंटी नाश्ता बनाके लाती है और वो दोनों फ्रेश होते हैं और नाश्ता करते हैं। और फिर आंटी उन दोनों के रुकने का इंतज़ाम भी कर देती है।
अब अगली सुबह हल्का हल्का सा अंधेरा अभी छाया हुआ था।
अथर्व और नित्या कैफे के बाहर आते हैं और वहा दरवाजे के पास खड़े रहते हैं, और अथर्व बोलता है।
अथर्व : तो नित्या डिसाइड हो गया? गोवा जाना है कि मुंबई वापिस ??
नित्या ( मन में सोचती है ) : वापिस जाने के सारे रास्ते तो तूने बंध कर दिए है नित्या ..... पापा को क्या मुंह दिखाएगी ? लडकी भाग गई ऐसा बोल बोल कर कितना मज़ाक बनाया होगा तेरा? कितनी बदनामी हुई होगी ? अब सिर्फ मरने से ही ये किस्सा भूलेंगे लोग ... और यही कहेंगे की बिचारी अकेली लडकी, बिन मां की बच्ची थी और मां के ना होने के गम में ही खुद को मार डाला। हां यही ठीक है नित्या।
नित्या सोच में डूबी होती है तो अथर्व उसे देख कर बोलता है।
अथर्व ( मज़ाक से ): Hello. तो डिसाइड हो गया कि तुम किसका खून कर रही हो??
नित्या : वॉट??
अथर्व हंसने लगता है ।
नित्या : तुम ना कुछ भी बोलते हो।
ऐसा बोल कर नित्या चलने लगती है। तो अथर्व उसके साथ चलते चलते बोलता है।
अथर्व : नई। नई। सुनो तो। मतलब तुम इतना गहरा सोच रही थी तो मैने सोचा की तुम कोई मर्डर - वर्डर प्लान कर रही हो, और सोच रही हो की लाश को कहा ठिकाने लगाना है? हां.....
नित्या : बहुत फनी है ना ये?
(फिर दोनों एकसाथ हंसने लगते है )
नित्या : वैसे तुम कहा जा रहे हो?
अथर्व : मुंबई और कहा। मर जाए तो एटलिस्ट घर वालो को पता तो चले की है कहा? ऐसे ही थोडी ना लावारिस जैसे जान दे देंगे ?
नित्या : वही पर रुक जाती है सोचने लगी ( इसे कैसे पता की मैं सुसाइड करने वाली हु??
अथर्व पीछे मुड के देखता है और बोलता है ।
अथर्व : अरे ..... फिर सोचने लगी? फिर से किसका मर्डर प्लान करने लगी??
अब बताओ जल्दी गोवा या मुंबई?? जल्दी ।
नित्या : मुंबई । चलो टैक्सी बुक करते है।
अथर्व : okay..... फाइनली मेरी बात सुन ही ली ।
( अथर्व और नित्या दोनो ही मुंबई से थे तो वो दोनों फिर टैक्सी बुक कराते है और मुंबई के लिए निकलते है।)
थोडी देर के बाद नित्या टैक्सी बगीचे के पास टैक्सी रुकवाती है तो अथर्व उससे पूछता है।
अथर्व : यहां क्यों टैक्सी रुकवाई? तुम यहां कही रहती हो क्या?
नित्या : हिचकिचाते हुई हा...... हा वो यही पास में ही।
अथर्व : अच्छा .....
नित्या : और तुम? तुम क्यू उतरे टैक्सी से ? तुम कहा रहते हो?
अथर्व : मैं? अ...... मैं.....
कुछ बोलता उससे पहले अथर्व का फोन बजता है। वो पॉकेट से अपना फोन निकलता है और बोलता है।
अथर्व : एक्सक्यूजमि।
नित्या : okay
अथर्व के फॉन पे उसकी मम्मी का कॉल आया था। उसकी मम्मी पूछती है हैलो अथर्व तुम कहा थे रातभर?
अथर्व : हैलो मोम वो मैं कल मेरे दोस्त के घर ही सो गया था।
नित्या सोचने लगती है : अरे बाप रे..... ये तो अपनी मम्मा से जूठ बोल रहा है, इसका तो इसकी गर्लफ्रेंड से जगड़ा हो गया है और ये बोल रहा था कि उसकी गर्लफ्रेंड उसके भाई के साथ??
अरे..... बेचारा अब घर कैसे जाएगा? घर जाएगा और भाई को देखेगा तो ये गोली ही मार देगा.....
नित्या बेंच पर बैठी जेड बैठी ये सब सोच रही होती है, तभी अथर्व उसके पास आकर बैठता है और मजाक में बोलता है।
अथर्व : एक्सक्यूजमी। लिखली कहानी ? नई वो पिक्चर का एंड मजेदार लिखना। क्युकी वो क्या है ना कि हैप्पी एंडिंग अभी बहुत चल रही है।
नित्या : अ..... देखो अगर तुम अभी घर नई जाना चाहते तो, मैं थोडी देर और तुम्हारे साथ चील कर सकती हु।
अथर्व नित्या की ओर अजीब तरीके से देखता है तो नित्या सफाई में बोलती है।
मतलब तुम अगर चाहो तो क्युकी मैं तो यहां पास में ही रहती हूं, कभी भी चली जाऊंगी।
अथर्व को वो रेट पॉयजन याद आता है , जो नित्या के बैग में था और वो नित्या को हसके पूछता है।
अथर्व : ओ...... रियली...?
नित्या टेंशन वाली हल्की सी स्माइल देती है । और थोडी देर दोनो शांत बैठे रहते हैं। फिर अथर्व एक ही सांस में बोल जाता है।
अथर्व : एक बात पूछनी थी। तुम्हारी बैग में वो रेट पॉयजन क्यू था ??
नित्या : आश्चर्य से बोलती है तुम्हे कैसे पता की मेरे बैग में रेट पॉयजन है।?
अथर्व : वो मेरे हाथ से तुम्हारा बैग गिर गया था, तभी देखा।
अभी के लिए बस इतना ही ......see you soon
Nirali ✍🏻