Dhundh : The Fog - A Horror love story - 3 in Hindi Horror Stories by RashmiTrivedi books and stories PDF | धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 3

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धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 3

अपने लक्ज़री विला को देख क्रिस बहुत ख़ुश हो रहा था और उसे ख़ुश देख उसकी दादी लियोना भी काफ़ी उत्साहित लग रही थी।

विला के गेट के अंदर आते ही बाई तरफ़ एक बड़ा सा गैराज बना हुआ था,जहाँ आराम से दो बड़ी बड़ी गाडियाँ पार्क हो सकती थी। दाई ओर एक छोटी सी बगिया बनी जिसमें कई खूबसूरत फूल खिले थे। बगिया से होते हुए एक रास्ता विला के पीछे की ओर जाता था,जहाँ एक निजी स्विमिंग पूल था। पास ही शॉवर एरिया बना था। उससे थोड़ा और आगे जाने पर विला के ठीक पीछे एक छोटा सा गेट समुंदर की तरफ़ खुलता था।

बाहर से पूरे विला का चक्कर लगाने के बाद जब क्रिस ने विला के अंदर प्रवेश किया तो वह एक पल उसे देखता ही रह गया। ऊँची सी सीलिंग वाला बड़ा सा हॉल शानदार झूमर की चमक से जगमगा उठा था। क़ीमती कारपेट बिछे हुए थे। हर तरफ़ महंगी पेंटिंग्स और मूर्तिया सजी हुई थी। साथ ही आधुनिक सजावट वाला सोफ़ा सेट लगाया हुआ था। हॉल के ठीक बीच से नीचे से ऊपर की तरफ़ सीढ़ियां थी जो दाएं और बाएं दोनों तरफ़ जाती थी। सीढियों पर लाल कारपेट बिछा हुआ था।

देखने से पता चल रहा था कि ज़्यादातर सभी नई और महंगी चीज़ों से विला को सजाया गया था। उस भव्य इमारत को देख क्रिस ने अपनी दादी को गले लगाते हुए कहा,"ओह ग्रैनी, थिस इज लवली, जस्ट अमेजिंग! मुझे आपका यह तोहफ़ा बहुत पसंद आया। आय लव यू ग्रैनी, थैंक यू सो मच!"

अपने पोते की बात सुन लियोना ने मुस्कुराते हुए कहा,"इट्स कम्प्लीटली माय प्लेजर डिअर! तुम ख़ुश तो मैं खुश! चाहो तो ऊपर जाकर तुम अपने लिए कोई कमरा पसंद कर सकते हो। सीढ़ियों के नीचे भी दोनों तरफ़ एक-एक कमरा है और ऊपर दोनों तरफ़ तीन-तीन कमरे हैं। मज़े की बात तो यह है कि हर कमरे की खिड़की से समुंदर दिखाई देता है। जो तुम्हें पसंद हो, वही तुम्हारा सामान रखवा देंगे।"

क्रिस ने ऊपर जाकर सारे कमरे देखे। लगभग सारे एक जैसे ही थे। उसने बाई ओर का पहला कमरा अपने लिए पसंद किया। फिर वह नीचे आकर पूरे विला में घूमने लगा। तभी किचन के पास उसे एक दरवाज़ा दिखा, उसने वह खोलकर देखा तो वहाँ अँधेरा था,लेकिन अंदर सीढ़ियां नज़र आई जो नीचे की तरफ़ जाती थी। उन सीढ़ियों को देख क्रिस ने पूछा,"ग्रैनी, यह डोर किस तरफ़ जाता है?"

लियोना ने उसकी बात नहीं सुनी वह शायद किसी से फ़ोन पर बात कर रही थी। तभी मैनेजर अशोक वहाँ आया और उसने क्रिस से कहा,"क्रिसबाबा, यह रास्ता बेसमेंट की तरफ़ जाता है। वहाँ कुछ पुराना सामान पड़ा है और अभी कुछ दिनों पहले जो काम करवाया उसका भी कुछ सामान होगा। इसे बंद ही रखिए!"

क्रिस ने बेसमेंट का दरवाज़ा बंद करते हुए कहा,"ओह तो यह बात है। ठीक है अशोक अंकल, आप ग्रैनी और मेरा सामान यहाँ लाने की तैयारी कीजिये। आज से हम यही रहेंगे!"

तभी अचानक क्रिस को ऐसा लगा,जैसे उसके पास से एक ठंडी हवा का झोंका गुज़रा और उसके कानों में एक फुसफुसाती हुई आवाज़ आई,"चले जाओ!...."

उसने अपने पास ही खड़े मैनेजर अशोक से पूछा,"क्या? क्या आपने कुछ कहा अभी अभी?"

मैनेजर अशोक ने हैरानी जताते हुए कहा,"हाँ, मैंने कहा उस दरवाज़े को बंद ही रखिये!"

"हाँ, वो तो मैंने सुना! उसके बाद? क्या उसके बाद आपने नहीं कहा चले जाओ? ...", क्रिस ने हैरत से पूछा।

मैनेजर अशोक ने कहा,"नहीं क्रिसबाबा... मैंने तो उसके बाद कुछ कहा ही नहीं!"

क्रिस ने एक बार बेसमेंट के बंद दरवाज़े को देखा और कहा,"ओह, लिव इट! मुझे ऐसे ही कोई आवाज़ आई होगी। हाँ तो मैं यह कह रहा था कि आप ग्रैनी और मेरा सामान यहाँ लाने की तैयारी कीजिये।"

"लेकिन मैडम जी तो आज शाम दुबई के लिए निकलने वाली हैं, क्या आपको नहीं बताया उन्होंने?", मैनेजर अशोक ने जानकारी देते हुए पूछा।

"व्हाट? ग्रैनी दुबई जा रही हैं और किसी ने मुझे बताया भी नहीं! वह भी आज, जब मेरा बर्थडे है तब?", क्रिस ने कुछ नाराज़गी जताते हुए पूछा।

फिर वो तेज़ी से भागता हुआ अपनी दादी के पास गया, वो अभी भी फ़ोन पर किसी से बात कर रही थी। उसे देख लियोना ने अपनी बात जल्दी ख़त्म करते हुए अपने पोते से पूछा,"यस माय डिअर? क्या बात है?"

"थिस इज वेरी अनफेयर ग्रैनी! आप दुबई जा रहे हो और मुझे बताया भी नहीं! आज तो मेरा बर्थडे है। आज ही आप कैसे जा सकती हैं?", क्रिस ने उनसे पूछा।

लियोना ने उसके कांधे पर हाथ रखते हुए कहा,"ज़रूरी काम नहीं होता तो मैं नहीं जाती माय बॉय लेकिन एक बहुत अर्जेंट मीटिंग है। जाना तो पड़ेगा ही और फिर सोचा... जा ही रही हूँ तो वहाँ का कुछ और काम पेंडिंग है उसे भी पूरा करके ही आऊँगी! यू डोंट वरी, मैं एक हफ़्ते में लौट आऊँगी। रही तुम्हारे बर्थडे पार्टी की बात तो तुम यंगस्टर्स के बीच में मुझ बूढ़ी का क्या काम? तुम लोग एन्जॉय करो। अपने इस आलिशान विला में एक बढ़िया सी पार्टी करो, अपने दोस्तों को बुलाओ और हाँ... कोई भी ज़रूरत हो अशोक से कह देना! वह यही रहेगा, तुम्हारे साथ! फिर तो ठीक है न?"

अपने ग्रैनी की बात सुन क्रिस मायूस तो गया था लेकिन उसने कुछ कहा नहीं। क्यूँ की वो जानता था,चाहे कुछ भी हो जाए, उसकी ग्रैनी अपना काम छोड़कर यहाँ रुकेगी नहीं। पहले भी ऐसा कई बार हो चुका था। उसकी ग्रैनी अपने काम को लेकर बहुत ही सीरियस थी। वो जानता था,वो लाख कोशिश कर लें मगर उसकी ग्रैनी का प्लान वो नहीं बदल सकता था। इसीलिए उसने 'ठीक है' कहते हुए बिना किसी शिकायत के अपनी ग्रैनी को गले लगा लिया।

क्रमशः ....
रश्मि त्रिवेदी