Tera Mera ye Rishta - 12 in Hindi Adventure Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | तेरा मेरा ये रिश्ता - 12

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तेरा मेरा ये रिश्ता - 12

दो घंटे बाद,



प्रतापगढ के एक विला में,



हरीश के बुलावा भेजवा देने के बाद, जयपुर के पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह चौधरी, वहा आ जाते है और अंदर पहुंचते ही कहते है, "खाममा घणी बड़े राठौड़ सा, और आप ने मुझे बुलाया।"



सतपाल जी की बात सुन, दादा जी कहते है, "हां हमे, तुम से कुछ पूछना है !"



दादा जी की बात सुन, सतपाल जी बड़े आदर के साथ कहते है, "जी कहिए, बड़े राठौड़ सा आप को मुझसे क्या पूछना है।"



सतपाल जी की बात सुन, दादा जी उन से पूछते हैं, "तुम्हरा कोई खास आदमी है जो प्रतापगढ के सिटी हॉस्पिटल में लगा हुआ हो?"



दादा जी की बात सुन, सतपाल जी कहते है, "जी राठौड़ सा, कोई काम है तो मुझसे कहिए ना वो तो मैंने छोटे मोटे कामों के लिए प्रतापगढ मे रखा हुआ है।"



सतपाल जी की बात सुन, दादा जी कहते है, "तो उस को अभी के अभी यहां आने को कहो और हां अगर तुम ने उस को मुझसे कही छुपाने की कोशिश भी करी न तो मै तुम्हारे परिवार के लिए किसी मौत से कम नही लगूंगा।"



दादा जी की बात सुन, सतपाल सिंह डर जाते है और कहते है, "नही राठौड़ सा, ऐसा ना करना आप मेरे परिवार के साथ, और रही बात उस की तो मै आप से उस को क्यों छुप पाऊंगा ?"



सतपाल जी अपनी बात पूरी करते हुए आगे कहते है, "और आप ही बताए, उस को आप से छुपा कर मुझे क्या ही मिल जायेगा।"



सतपाल जी की बात सुन, काव्या कहती हैं, "ठीक है, पर उस को यहां पर आने को बोलो, हमे उस से मिलना है !"



काव्या की बात सुन, सतपाल जी कहते है, "जी राजकुमारी सा, हम अभी उस को यहां बुलवा लेते है।"



और सतपाल जी उस कम्पाउडर उफ्फ उन के खास आदमी को बुलाने के लिए कॉल करने लगते है।



सतपाल जी अपने खास आदमी को कॉल करके उस से पूछते है, "कहा हो तुम ?"



उन का खास आदमी, सतपाल जी की बात सुन कहता है, "अभी किसी काम से जयपुर आया हुआ था, आप बताइए कुछ काम था क्या ?"



अपने खास आदमी की बात सुन, सतपाल जी कहते है, "हां, और अपना काम छोड़ कर जल्द से जल्द प्रतापगढ़ पहुंच जाओ।"



सतपाल जी की बात सुन, उन का खास आदमी उन से कहता है, "क्यों, कोई काम है तो आप ऐसे ही बता दीजिए !"



अपने खास आदमी की बात सुन, सतपाल जी उस से गुस्से से कहते है, "जो कहा है वो करो, नही अपनी मनमानी चलाओ, समझ में आया तुम्हे !"



सतपाल जी को गुस्से में देख, उन का खास आदमी डर जाता हैं और उन से कहता है, "जैसा आप कहे।" और सतपाल जी कॉल कट कर देते है।



और सतपाल जी प्रतापगढ के विला में अन्दर आकर, काव्या के दादा जी से कहते है, "बड़े राठौड़ सा, मैने अपने खास आदमी को यहां आने के लिए कह दिया है और वो कुछ घंटों बाद आ ही जाएगा क्योंकि वो अभी जयपुर में है।"



सतपाल जी की पूरी बात सुन, काव्या के दादा जी अपना सिर हिला देते हैं और वही काव्या अपने पी ए रघु को कुछ कहती हैं तो वो प्रतापगढ के विला से बाहर चला जाता हैं।



उधर दूसरी तरफ,



उदयपुर के सिटी हॉस्पिटल में,



शालिनी को होश आने लगता हैं तो हेमा जल्दी से उस के पास पहुंच जाती है और उस से पूछती है, "अब तुम्हे कैसा लग रहा है, तुम ठीक तो हो न !"



हेमा की बात सुन, शालिनी अब उस से पूछती है, "क्या, मेरी किट्टू को होश आ गया, क्या वो ठीक है ?"



शालिनी की बात सुन, हेमा को तो कुछ समझ ही नही आता है कि ये दोनों कैसी दोस्त हैं एक को इतनी चोट आई थी तो वो मेरे से ठीक हो पूछ रही थी और दूसरी को अब जाके होश आया है तो वो सबसे पहले उस के बारे में पूछ रही है।



जब हेमा कुछ नही बोलती है तो शालिनी फिर से उस से कहती हैं, "हेमा, मैने, तुम से कुछ पूछा है मुझे उस सवाल का जवाब चाहिए, बताओ मुझे।"



शालिनी की बात सुन, हेमा सोच ही रही होती हैं, "अब शालिनी को क्या ही जवाब दे उस के सवाल का क्योंकि किट्टू को तो अभी तक होश ही नही आया होता है।"



हेमा के जवाब न देने पर, शालिनी उस से दुबारा पूछती है, "बोलो भी क्या मेरी किट्टू को होश आ गया न !"



शालिनी की बात सुन, अब की बार हेमा उस से कहती हैं, "नही, नही आया अभी किट्टू को होश और वो अभी तक बेहोश ही है।"



हेमा की बात सुन, अब शालिनी फूट फूट कर रोने लगती है तो हेमा उस को गिरने से बचाते हुए उस से कहती है, "खुद को संभालो शालिनी, अभी हमे उस के परिवार वालों को भी तो बता होगा ना इसलिए तुम पहले खुद को तो संभाल लो।"



हेमा की बात सुन, शालिनी उस से रोते हुए कह रही होती हैं, "मै, किट्टू को नही खो सकती हु।"



शालिनी रोते हुए हेमा से आगे कहती हैं, "प्लीज मेरी किट्टू को बचा लो...प्लीज.... प्लीज !"



अब तक अभय वहा पर आईसीयू के कमरे के बाहर पहुंच जाता हैं और शालिनी को ऐसे रोता देख उस से पूछता है, "क्या कर रही हो तुम ये ?"



अभय को देख शालिनी उस से देख कर कहती हैं, "अभय, आप तो इतने बड़े आदमी है प्लीज मेरी किट्टू को बचा लीजिए और आप जो कहोगे मै वो करने के लिए तैयार हु बस मेरी किट्टू को बचा लो.... प्लीज उस को बचा लो....!"



शालिनी की ऐसी हालत देख, अभय उस पर गुस्सा करते हुए कहता है, "ये क्या बच्चो जैसी हरकते कर रही हो और संभालो अपने आप को।"



शालिनी पहले से ही परेशान होती हैं और ऊपर से अभय का उस को डटने से शालिनी को गुस्सा आ जाता हैं और वो अभय से कहती हैं, "हां, क्यू नही आप को तो, मेरा किट्टू के लिए परेशान होना बच्चो जैसी हरकत ही लगेगा न, क्योंकि आप की तो दो दो बहन है और अगर एक को कुछ हो गया भी तो क्या ही फर्क पड़ जाएगा आप को।"



शालिनी की बात, अभय के गुस्से में आग मे घी डालने का काम करती है जिससे अभय और ज्यादा ही गुस्सा आ जाता हैं और वो, शालिनी का हाथ कस के पकड़ लेता है और उस की आंखों में देख के उस से कहता है, "तुम्हारे कहने का मतलब क्या है कि मेरी अगर दो बहने है तो एक के इस कोमा में चले जाने से मुझे कोई फर्क ही नहीं पड़ेगा, तुम ऐसा कह भी कैसे सकती हो !"



अभय अपनी बात पूरी कहने के बाद शालिनी के हाथ को छोड़ देता हैं जिस से शालिनी का Balance बिगड़ जाता हैं और वो जमीन पर गिर ने ही वाली होती हैं कि हेमा उस को संभाल लेती है जिस से शालिनी को कोई चोट नहीं आई होती है।



अभय की बात सुन, शालिनी उस से कहती हैं, "हां, आपने सही सुना, आप की दो बहने और किट्टू मेरी इकलौती दोस्त है जिसने मुझे दुबारा से जीना सिखाया है और अगर उस को कुछ हुआ तो मै भी अब जीना नही चाहती हू।"



शालिनी की बात सुन, अभय कहता है, "हां, किट्टू और काव्या मेरी बहने है पर इस का ये मतलब तो बिलकुल नही होता ना कि किट्टू को कुछ हो गया तो मै बर्दाश्त कर जाऊंगा जब कि ऐसा नहीं है, मै बिलकुल बर्दाश्त नही कर पाऊंगा क्योंकि मैं काव्या से ज्यादा किट्टू के करीब हु !"



अभय अपनी बात पूरी करते हुए आगे कहता है, " और अगर इस दुनिया में किसी के अपने को कुछ होता है तो वो चाहा कर भी उस को बचा नही सकता है क्योंकि अगर ऐसा होने लगा न तो एक बार को गरीब लोग तो कुछ नही कर पाएंगे पर अमीर लोग अपने किसी चाहने वालों को कभी भी इस दुनिया से जाने ही नही देंगे, फिर न वे लोग कभी मारेंगे और न ही कभी कोई किसी से अलग हो पाएगा !"



अभय की पूरी बात सुन, शालिनी के साथ साथ अब हेमा के भी आंखो से अंशु बह ने लगते हैं और शालिनी, अभय की तरफ देख उस से पूछती हैं, "पर आप तो शाही परिवार से हो तो आप क्यू मेरी किट्टू को नही बचा सकते हो ?"



शालिनी की बात सुन, अभय दुबारा से शालिनी के तरफ देखते हुए कहता है, "हां, मै राजस्थान के पहले नंबर के शाही परिवार से हु और अगर तुम्हे लगता हैं कि मै किट्टू को बचा सकता हू तो ये तुम्हारी सबसे बड़ी गलती है क्योंकि मै अपनी पूरी ताकत लगा कर भी अपनी किट्टू की क़िस्मत को नही बदल सकता हू, जो उस की जिंदगी में होना लिखा है वो तो होकर ही रहेगा, मै तो क्या कोई भी इंसान किसी की किस्मत में लिखा हुआ बदल नही सकता है !"



अभय की बात सुन, शालिनी अब तक अपना बचा कूची हिम्मत भी खो देती है और रोते हुए कहती हैं, "नही....नही ऐसा नहीं हो सकता है, मै उनकी तरह अपनी किट्टू को नही खो सकती हु !"



शालिनी की आधी अधूरी बात सुन, अभय के साथ साथ हेमा का भी सर चकरा जाता हैं, और अभय कन्फ्यूशन के साथ शालिनी से पूछता है, "किस की तरह और किस की बात कर रही हो तुम ?"



अभय की बात सुन, शालिनी उस की बात का जवाब देते हुए कहती हैं, "अपने भाई की तरह अब मै किट्टू को भी नही खो सकती हु !"



शालिनी की बात सुन, अभय उस से दुबारा पूछता है, "पर तुम्हारा भाई तो अभी इस दुनिया में मौजुद है फिर तुम ऐसा क्यो कह रही हो, बताओ मुझे !"



अभय की बात सुन, शालिनी कहती हैं, "हां, मेरे भाई इस दुनिया में मौजूद है !" और शालिनी आगे बोल ही रही होती हैं कि अभय बीच में ही बोल पड़ता है और उस से कहता है, "जब भी देखो तुम बस मस्ती मजाक ही करती रहती हो और आज जब मेरी किट्टू आईसीयू में अपनी जिंदगी और मौत से जूझ रही है तो तुम्हे अभी भी मजाक सूझ रहा है।"



अभय अपनी बात पूरी करते हुए आगे कहता है, "तुम्हे शर्म नही आती, जिसे तुम अपने इकलौती दोस्त बोल रही हो और उस का ही ऐसा मजाक बना रही हो !"



अभय की बात सुन, शालिनी चिल्लाते हुए कहती हैं, "आप मेरे जिस भाई को जानते हैं वो मेरे बुआ के बेटे है और मै जिस भाई की बात कर रही हू वो मेरे सगे भाई यानी हम दोनो एक ही माता पिता से जन्मे हैं वो पिछले दो सालों से कोमा में हैं और उन्हें आज तक होश नही आया है।"



शालिनी की बात सुन, अभय के तो होश ही उड़ जाते है क्योंकि वो तो शालिनी के एक ही भाई को जानता है और शालिनी उस को अपना बुआ का बेटा बता रही है अभय, शालिनी को देख ही रहा होता है कि....



शालिनी फिर से कहना शुरू करती है और अभय को देखते हुए कहती हैं, "मै, अपनी इकलौती दोस्त किट्टू का कोई मजाक नही बना रही हु और रही बात हस के बोलने की तो करीब एक साल तक तो मै अपनी सुधबुध में ही नहीं थी अभी दो साल पहले ही होश में आई हु...!"



शालिनी की बात सुन, अभय उस से पूछता है, "तुम कहना क्या चाहती हो और तुम्हारी बात का मतलब क्या है?"



अभय की बात सुन, शालिनी उस के सवाल का जवाब देते हुए कहती हैं, "आज मै, शालिनी जिंदल, 22 साल की हु और जब मै 18 साल की थी तब मेरे मम्मी पापा की एक कार एसीडेंट में मौत हो गई और फिर मै और मेरे बड़े भैया वंश जिंदल ही रह गए क्योंकि हमारे दादा और दादी जी तो मेरे जन्म से पहले ही मर चुके थे तो मैने उन्हे तो कभी देखा ही नहीं !"


शालिनी अपनी बात को आगे कहती हैं, "18 से 19 एक साल तक मै यही सोचती रही कि मेरे मम्मी और पापा कही घूमने के लिए गए हैं और मुझे और भैया को साथ नही ले गए साथ में, मै अपने भैया से कहती कि जब भी हमारे मम्मी पापा आयेंगे तो मै उन से पूछूंगी कि वो लोग हमें ऐसे छोड़ के कैसे जा सकते है।"


अभय और हेमा एक टक उस को देखे जा रहे होते है और शालिनी आगे बोलती हैं, "मै, अपनी सुधबुध खो चुकी थी, मेरे भैया बार बार लगातार मुझे कहते कि अब मम्मी पापा इस दुनिया में नही रहे हैं पर मै सुनने को तैयार ही नहीं थी क्योंकि मैने अपने मम्मी पापा को आखरी बार तक नही देखा था इसलिए मैं, अपने भैया की बातो को झूठ समझ रही थी।"


शालिनी फिर से आगे कहती हैं, "फिर एक दिन मैंने अपने भैया से कहा, मै मम्मी पापा को ढूंढने जा रही हु, तो मेरे भैया को गुस्सा आ गया क्योंकि वो मुझे हर तरह से समझा समझा कर थक चुके थे और मैं थी कि उन की किसी भी बात पर भरोसा ही नहीं कर रही थी।"


फिर उन्होंने मुझ पर उस दिन बहुत गुस्सा करते हुए कहा, "हम दोनों के माता पिता अब इस दुनिया में नही रहे हैं और वो दोनो भगवान के पास चले गए हैं जिन के पास से कोई भी इंसान उन्हे वापस नही ला सकता है !"


अपने भैया की बात सुन, मैने उन से पूछा, "तो मैंने अभी तक अपने मम्मी पापा को आखरी बार क्यों नही देखा है?"


जब मैंने अपने भैया से ये सवाल पूछा था तो उन्होंने जो मुझे कहा, उस के बाद मे पूरे दो दिन तक बस रोती ही रही, ना मुझसे कुछ खाया जा रहा था और न ही पिया बस रोती ही रहती थी।


शालिनी की आधी अधूरी बात सुन, हेमा उस से पूछती हैं, "ऐसा क्या कहा था तुम्हरे भैया ने तुम से ?"


हेमा की बात सुन, शालिनी ने कुछ ऐसा कहा कि उस सिटी हॉस्पिटल मे खड़ा हर इंसान शॉक रह जाता हैं !



ऐसा क्या कहा होगा शालिनी ने, जिस से पूरे सिटी हॉस्पिटल मे खड़े लोगो के होश ही उड़ जाते है और अभय, आकाश, राज और हेमा बस शालिनी को एक टक देखे ही जा रहे होते है ! आगे जानने के लिए इंतज़ार करिए अगले भाग का....!