Shyambabu And SeX - 13 in Hindi Drama by Swati books and stories PDF | Shyambabu And SeX - 13

The Author
Featured Books
Categories
Share

Shyambabu And SeX - 13

13

सवाल

 

 

कॉलेज से घर लौटते वक्त श्याम ने गायत्री को भी लिफ़्ट दीं। उसने भी श्याम से फेस्ट के लिए  कॉलेज का वेन्यू रखने की शिकायत की,

 

वह बिफरते हुए बोला, “ मैं क्या करता? उसने मेरी सुनी ही नहीं।“

 

अगर कल को कुछ गड़बड़ हो गई तो हमारी नौकरी पर बात आ जाएगी।

 

वो कोई कॉलेज के बच्चे तो है नहीं,  अब तो ज़्यादातर सब शादीशुदा ही है।

 

घर की दाल से बोर हो रहें होंगे,  तभी तो बाहर की बिरयानी खाने की आग लग गई है। उसने चिढ़ते हुए कहा।

 

तुम भी बोर हो जाऊँगी।

 

अच्छा और तुम ??

 

मुझे तो पता नहीं शायद कुछ खाने को मिलेगा भी या नहीं। तभी उसे बबलू का मैसेज आया कि इमरती हॉस्पिटल में एडमिट है। उसने गाड़ी अब वही घुमा दी। दोनों बबलू के बताए वार्ड में पहुँचे तो बबलू वार्ड के बाहर परेशान घूम रहा है। दोनों को देखते ही वह बोल पड़ा,  “श्याम देख !! तेरी भाभी को क्या हो गया। भगवान ने एक ही बीवी दी है वो भी बिस्तर पर पड़ गई,”  उसने श्याम को  रोते हुए गले लगा लिया। “क्या !! बच्चों की तरह आँसू बहा रहें हो,  हो जाएगी ठीक।“  गायत्री ने झिड़कते हुए कहा।

 

“गायत्री ठीक कह रही है,  शरीर है, बीमारी तो आती जाती रहती है।“ तभी डॉक्टर बाहर आ गए तो बबलू उनके ऊपर गिरने को हुआ, “ डॉक्टर मेरी बीवी ।“ हाँ भाईसाहब बीवी आपकी ही है,  मेरी तो मेरे पास है।“ वह झेंप गया। सर, भाभी तो ठीक है? आप लोग ,  मेरे केबिन मे आए ।

कॉलेज में संजू ग्राउंड के एक कोने में अकेला बैठा है,  तभी राकेश उसके पास आता है। यार!! खेलना नहीं है क्या?

 

यार !!! यह श्यामबाबू कोई टेढ़ी चीज़ है एक

 

कही तू वो रेडलाइट वाली बात को लेकर तो नहीं कह रहा।

 

उस बाबू की वजह से डैड ने लताड़ लगाई।

 

क्यों ?? उसने प्रिंसिपल को बता दिया??

 

नहीं,  उसने डैड को कहा, में कैंटीन में ज्यादा रहता हूँ। फिर तुझे तो पता है,  उन्हें तो आदत है,  डंडे बजाने की?? उसने मुँह बनाते हुए ज़वाब  दिया ।

 

अब क्या सोचा है ???

 

“यही कि डंडो का बदला कैसे लिया जाए।“ अब दोनों ने एक दूसरे को हँसते हुए ताली दीं।

 

डॉक्टर ने उन्हें बताया कि टेस्ट के बाद ही पता चलेगा कि इमरती को क्या बीमारी है,  इसलिए दो दिन के लिए एडमिट रखना पड़ेगा। गायत्री ने रुकने की बात की तो उसने मना कर दिया, “ इमरती की अम्मा को फ़ोन कर दिया है। आती ही होगी।“ “काश !! मेरे अम्मा-बापू ज़िंदा होते,|” अब वह फिर भावुक हो गया। “भाई !! संभाल अपने आपको कुछ नहीं होगा।“ श्याम ने उसे सांत्वना दी।

 

अब श्याम ने गायत्री को एक रेस्ट्रा के बाहर छोड़ा,  तो उसने उससे कहा,  “अंदर चलो,  मैं तुम्हें विकास से मिलवाती हूँ।“ “नहीं, मैं चलूँगा।“ “अरे !!! चलो न,  मिलवाती हूँ ।“ उसने बार बार कहा तो वह मान गया। अंदर जाकर उसने विकास को देखा,  लम्बा कद,  साँवला रंग। गठीला शरीर। गायत्री से तो कही बेहतर है। उसने उसे भी बैठने के लिए कहा। अब बातों का सिलसिला शुरू हो गया,

 

अच्छा आप भी प्रोफ़ेसर है?

 

हम्म!!! हिस्ट्री का।

 

आपने शादी नहीं की??

 

“बस अम्मा ढूंढ रही है।“ उसने मुँह बिचकाते हुए जवाब दिया तो गायत्री को हँसी आ गई। अब एक पतला और दिखने में ठीकठाक लड़का उनके पास आकर बैठ गया। “गायत्री, मिस्टर श्याम इनसे मिलिए, यह मेरा दोस्त नकुल है।“ उसने गायत्री को नमस्ते कहा और श्याम से हाथ मिलाया और फिर श्याम को गौर से देखने लगा। उसे उसका देखना अजीब लगा तो वह जाने को हुआ। “अच्छा !! मैं चलता हूँ, आप लोग एन्जॉय करें।“

 

एक्सक्यूज़ मी मिस्टर श्याम,  वह मुड़ा।

 

मेरी कजिन है, उसे हिस्ट्री में इशू है, आप मदद कर देंगे।

 

बिल्कुल!!! अब उसने अपना नंबर नकुल को दे दिया। उसका नाम तान्या है, उसने बताया।